Ads
शिक्षा एवं स्वास्थ्य

क्यों अचानक बढ़ने लगते हैं स्तन? ज़्यादा बड़े स्तनों के आकार (ब्रेस्ट साइज़) कम करने और सुडौल बनाने के उपाय जानिए

स्तन विकास महिलाओं के प्रजनन का एक अहम हिस्सा है.यह कुछ चरणों में होता है.लेकिन, कई स्वास्थ्य कारणों से भी इनमें अचानक वृद्धि होने लगती है.ऐसी स्थिति में सतर्क हो जाना चाहिए.स्व-परीक्षण से समझ न आये, तो चिकित्सक से परामर्श करने में देर नहीं करनी चाहिए..

लड़कियों-महिलाओं के स्तनों का विकास कुछ चरणों में होता है, और इनमें परिवर्तन जीवनभर होते रहते हैं.इसे विकास और परिवर्तन की सामान्य प्रक्रिया कहते हैं.इसके विपरीत, कुछ ख़ास कारणों से भी यह बदलाव देखने को मिलते हैं.अचानक और अजीबोगरीब भी.कुछ लड़कियों-महिलाओं के तो स्तन बढ़कर कुछ ज़्यादा ही बड़े व भारी हो जाते हैं.इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए.यह गंभीर मसला हो सकता है.साथ ही, उन प्राकृतिक उपायों पर भी विचार करना भी आवश्यक है, जो स्तनों के आकार को कम करने और उन्हें सुडौल बनाने में मददगार बताये जाते हैं.

अलग-अलग कद-काठी में अलग आकार और आकृति के स्तनों वाली महिलाएं (प्रतीकात्मक)

स्तन विकास एक महिला के प्रजनन का एक अहम हिस्सा है.यह कुछ चरणों में होता है- जन्म से पहले (जब भ्रूण गर्भाशय में बढ़ रहा होता है), यौवन काल में, और फिर प्रसव या बच्चा पैदा करने के वर्षों के दौरान.मासिक धर्म चक्र के दौरान और मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति तक महिला के स्तनों में बदलाव होते रहते हैं.परंतु, कुछ स्वास्थ्य संबंधी कारणों से भी स्तनों के आकार प्रभावित हो सकते हैं.

महिला स्तनों के आकार में बढ़ोतरी के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-

मासिक धर्म चक्र: पीरियड या मासिक धर्म चक्र के दौरान हार्मोन में बदलाव के कारण दूध नलिकाओं में फैलाव और स्तन ग्रंथियों में वृद्धि के साथ संयोजी उत्तकों में वसा इकट्ठी हो जाती है.इससे स्तन बड़े हो जाते हैं.

मासिक धर्म चक्र के दौरान स्तनों के आकार में वृद्धि (प्रतीकात्मक चित्र)

विशेषज्ञों के मुताबिक़ मासिक धर्म चक्र के पहले आधे भाग में अंडाशय में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन बनता और स्रावित होता है.चक्र के मध्य से ठीक पहले यह अपने चरम पर पहुंचकर स्तनों में दूध नलिकाओं के विकास को उत्तेजित करता है.

इसी प्रकार, प्रोजेस्टेरोन का स्तर भी मासिक धर्म चक्र के दूसरे आधे भाग में, या यूं कहिये कि क़रीब 21 वें दिन (28 दिन के चक्र में) तक अपने चरम पर होता है.यह ब्रेस्ट लोब्यूल या स्तन ग्रंथियों (दूध ग्रंथियों) को बढ़ा देता है.इससे स्तन फूलकर या सूजकर बड़े हो जाते हैं.

गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में शरीर के बाक़ी अंगों की तरह स्तन भी बदलते है, या उनमें वृद्धि होती है.इस अवधि में स्तन चूंकि बच्चे के लिए दूध बनाने और आपूर्ति करने के लिए तैयार हो रहे होते हैं इसलिए, उनमें निम्नलिखित बदलाव आते हैं-

1.दूध नलिकाएं फैल जाती हैं.

2.स्तन ग्रंथियां बढ़ जाती हैं.

3.स्तन क्षेत्र में वसा इकट्ठी हो जाती है, या यूं कहिये कि वसा की मात्रा बढ़ जाती है.

4.स्तन में रक्त वाहिकाएं (ब्लड वेसल्स) अधिक दिखाई देने लगती हैं.

5.निपल या चुचुक बड़े हो जाते हैं.

6.एरिओला यानि, चुचुक के आसपास की त्वचा का गोलाकार गहरे रंग का क्षेत्र सूजकर पहले से ज़्यादा बड़ा और गहरा हो जाता है.

ऐसे में, स्तन भी फूलकर या सूजकर बड़े हो जाते हैं.ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था के दौरान स्तनों का एक या दो कप साइज़ बढ़ना सामान्य है.

गर्भकाल में स्तनों में वृद्धि (सांकेतिक चित्र)

अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भावस्था और स्तनपान के बाद ही स्तन परिपक्व (मैच्योर) होते हैं.स्तनों के आकार में परिवर्तन या वृद्धि गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है.यह प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन के कारण होता है.हालांकि एस्ट्रोजन हार्मोन की भी इस पूरी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

विशेषज्ञों के अनुसार यौवन अवस्था की तरह गर्भावस्था में भी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन स्तनों में बदलाव के प्रमुख कारक होते हैं.एस्ट्रोजन दुग्ध नलिकाओं (मिल्क डक्टस) में, जबकि प्रोजेस्टेरोन स्तन कलियों (ब्रेस्ट बड्स) में वृद्धि करता है.

इसके अलावा, चुचुक और चुचुक क्षेत्र (घेरा, एरिओला) में सूजन और वृद्धि, दूध वाहिनी प्रणाली में तेजी या वृद्धि, और अधिक लोब्यूल या ग्रंथि उत्तकों के निर्माण के कारण स्तनों के आकार बढ़ जाते हैं.

वज़न में बढ़ोतरी: शरीर का वज़न बढ़ने या मोटापे की स्थिति में स्तनों के आकार बढ़ जाते हैं.विशेषज्ञों के मुताबिक़ अधिकांश स्तन उत्तक वसा के बने होते हैं.ऐसे में, शरीर में वसा की मात्रा बढ़ने से स्तनों में भी वसा इकट्ठी होने लगती है, जिससे वे भरे हुए या बड़े दिखाई देते हैं.

वज़न में वृद्धि के कारण स्तनों के आकार में वृद्धि (प्रतीकात्मक फ़ोटो)

भोजन या कैलोरी का सेवन बढ़ाने से स्तनों का आकार बढ़ने लगता है.

यौन संबंध या फोरप्ले: यौन संबंध स्तनों पर विभिन्न प्रकार के आसनों (योगासन) से भी अधिक प्रभाव डालते हैं.बताते हैं कि मैथुन क्रिया या शारीरिक संबंध के दौरान स्तन क्षेत्र में खिंचाव के चलते रक्त का प्रवाह (ब्लड सर्कुलेशन) सुधरता है.इससे स्तन की मांसपेशियों के निर्माण और विकास को बढ़ावा मिलता है.वहीं, फोरप्ले यानि, संभोग पूर्व क्रीड़ा या ओरल सेक्स (मुख मैथुन) में ख़ासतौर से चुचुकों व आसपास के क्षेत्र को चूमने-चाटने या चूसने और मर्दन करने (मसलने) से स्तनों में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे नसें फूलकर स्तनों के आकार बढ़ा देती हैं.

फोरप्ले या सेक्स का स्तनों पर प्रभाव (सांकेतिक चित्र)

विशेषज्ञों के मुताबिक़ महिलाओं के स्तनों के निपल या चुचुकों के अलावा, कई ऐसी नसें होती हैं, जो बेहद संवेदनशील होती हैं.इन्हें सहलाने या दबाने से रक्त का संचार बढ़ जाता है, जिससे स्तन के सभी भाग उत्तेजित होकर इसके आकार में वृद्धि को बढ़ावा देते हैं.

गर्भ निरोधक गोलियां: गर्भ निरोधक गोलियों में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो स्तनों के आकार को बढ़ाने का काम करते हैं.यही कारण है कि इनका सेवन करने वाली महिलाएं अक्सर अपनी ब्रा के कप साइज़ के बढ़ जाने की शिक़ायत करती हैं.

ज्ञात हो कि शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन के स्तर में वृद्धि महिलाओं के विभिन्न अंगों पर असर डालती हैं.विशेषज्ञों के अनुसार गर्भ निरोधक गोलियों में लैब में बना एस्ट्रोजन हार्मोन होता है, जिसके असर से महिलाओं के शरीर के कुछ हिस्सों, स्तनों, कूल्हों और जांघों की कोशिकाओं में पानी जमा होने लगता है.इससे कोशिकाएं मोटी होकर इनके आकार को बढ़ा देती हैं.इस प्रकार, यह कहना ग़लत नहीं होगा कि गर्भनिरोधक गोलियों के लगातार सेवन से महिलाओं के कपड़े तंग होने की शिक़ायत हो सकती है.

गर्भ निरोधक गोलियों के प्रभाव से स्तनों के आकार में वृद्धि (प्रतीकात्मक फ़ोटो)

स्वीडन के डॉक्टरों की एक रिसर्च कहती है कि लंबे वक़्त गर्भ निरोधक गोलियां लेने वाली महिलाओं के स्तन औसत से ज़्यादा बड़े हो गए थे.उनके अनुसार 10 साल से ज़्यादा वक़्त तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है.

स्तन की गांठ: स्तन की गांठें इनके आकार को बढ़ाती हैं.शरीर विज्ञान की दृष्टि से गांठों का प्रकट होना आम है, मगर इनको लेकर सतर्क रहने की ज़रूरत होती है.कुछ गांठें समस्या का कारण बन सकती हैं.

ज्ञात हो कि मासिक धर्म चक्र और गर्भावस्था के दौरान गांठों का होना आम है.बाद में, ये अपने आप ग़ायब हो जाती हैं.यदि ऐसा नहीं होता है, तो अपने स्तनों का स्व-परीक्षण करना चाहिए.यदि, इनमें कुछ विशेष लक्षण नज़र आते हैं, तो चिकित्सक से परामर्श करने में देर नहीं लगानी चाहिए.

गांठ के कारण स्तनों के आकार में वृद्धि (सांकेतिक चित्र)

विभिन्न अनुसंधानों के अनुसार 80-85 प्रतिशत स्तन की गांठें सौम्य या गैर-कैंसरीय होती हैं.घातक गांठों (कैंसरस ट्यूमर) के लक्षण स्व-परीक्षण (अपने स्तनों की स्वयं जांच करना) में पहचाने जा सकते हैं.इनका शीघ्र उपचार ज़रूरी होता है.

ब्रेस्ट फाइलेरिया: ब्रेस्ट या स्तनों का फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण स्तन सूजकर ज़्यादा बड़े हो जाते हैं.इसका समय रहते इलाज नहीं होता है, तो स्तनों के आकार व आकृति बिगड़ सकती है, और महिला अवसाद (डिप्रेसन) में जा सकती है.

फाइलेरिया रोग के कारण स्तनों के आकार में बढ़ोतरी (प्रतीकात्मक फ़ोटो)

विशेषज्ञों के अनुसार फाइलेरिया, जिसे हाथी पांव या फील पांव कहा जाता है, यह हाथ-पैरों (पुरूष और महिलाओं, दोनों में) के अलावा महिलाओं के स्तनों में भी हो सकता है.यह मच्छरों से फैलने वाले एक परजीवी संक्रमण के कारण होता है.इसके लक्षण निम्नलिखित हैं-

स्तनों का आकार बढ़ने लगता है.

स्तनों की नसें ज़्यादा स्पष्ट नज़र आती हैं.

स्तनों में भारीपन महसूस होता है.

जंक फ़ूड का सेवन: जंक फ़ूड, जैसे चिप्स, कैंडी, पिज्जा, बर्गर, फ्रेंकी, चॉकलेट, पेटीज, आदि का सेवन महिलाओं में मोटापे के साथ स्तनों में वृद्धि का भी कारण बनता है.जानकारों के अनुसार इनके इस्तेमाल से स्तन तेजी से फूलकर बड़े हो जाते हैं.

जंक फ़ूड के सेवन से स्तनों के आकार में वृद्धि (सांकेतिक फ़ोटो)

जंक फ़ूड दरअसल, ऐसे प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ हैं, जिनमें पोषक तत्व लगभग नहीं के बराबर होते हैं, अक्सर इनमें नमक, चीनी और वसा की मात्रा अधिक होती है.उच्च कैलोरी युक्त ये खाद्य पदार्थ स्तनों के अतिरिक्त कई प्रकार की अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न कर सकते हैं.

स्तनों के आकार कम करने और सुडौल बनाने के उपाय जानिए

स्तनों का ज़्यादा बड़ा होना या ढीला होना महिलाओं की खूबसूरती और सेहत, दोनों के लिए ठीक नहीं है.इससे वे स्वयं में असहज अनुभव तो करती ही हैं, कोई कपड़ा पहनने में भी उन्हें कई बार सोचना पड़ता है.बड़े स्तनों के कारण कंधे, पीठ के उपरी हिस्से और गर्दन में दर्द की भी शिक़ायत हो सकती है.ऐसे में, कुछ प्राकृतिक तरीक़े अपनाने की सलाह दी जाती है.बताया जाता है कि ये स्तनों के आकार को ठीक कर उन्हें सुडौल बनाते हैं.साथ ही, कई दूसरी समस्याओं का भी निवारण कर देते हैं.

सुडौल एवं सुंदर स्तन (प्रतीकात्मक चित्र)

खानपान में बदलाव; खानपान में बदलाव कर महिलाएं अपने स्तनों के आकार को कम कर सकती हैं.यानि, चर्बीदार या वसायुक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की जगह शाक-सब्जियों और फल, आदि के प्रयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए.

फल और सब्जियों के सेवन से स्तनों के आकार-आकृति में सुधार (सांकेतिक फ़ोटो)

एक बार ज़्यादा भोजन करने के बजाय बार-बार थोड़ा-थोड़ा खाना चाहिए.इससे भोजन आसानी से पच जाता है, और अंगों को वे सभी तत्व प्राप्त हो जाते हैं, जिसकी उनको ज़रूरत होती है.

जहां तक संभव हो, ठोस पदार्थों को खाने के बजाय तरल रूप में (जूस के जैसे) पदार्थों के सेवन को प्राथमिकता देनी चाहिए.

नींबू-पानी का प्रयोग: नींबू शरीर की चर्बी घटाने में मददगार बताया जाता है.इसलिए, नींबू का रस पानी में मिलाकर सुबह-शाम 1-1 ग्लास नियमित रूप से पीना चाहिए.स्वाद के लिए इसमें बहुत थोड़ी मात्रा में नमक या चीनी मिला सकते हैं.

नीम और हल्दी का इस्तेमाल: नीम और हल्दी, दोनों सूजनरोधी होते हैं, और वसा कम कर मोटापा दूर भगाने में सहायक माने जाते हैं.इनका प्रयोग स्तनों के आकार को घटा सकता है.निम्नलिखित तरीक़ा अपनाएं-

नीम की 8-10 ताजी पत्तियां धोकर 200 मिलीलीटर पानी में अच्छी तरह उबाल लें.

इसका तापमान कम होने पर यानि, जब यह हल्का गर्म या गुनगुना हो तब इसमें एक चम्मच हल्दी चूर्ण मिलाकर पीयें.

कुछ जानकारों के मुताबिक़ इस मिश्रण में थोड़ा शहद मिला सकते हैं.

इस मिश्रण का सेवन दिन में दो बार (सुबह-शाम) नियमित रूप से करना चाहिए.

अदरक का प्रयोग: अदरक को पीसकर पानी में अच्छी तरह उबाल लें.

इस मिश्रण में अल्प मात्रा में नमक या शहद मिलाकर चाय की तरह 1-1 कप की मात्रा में सुबह-शाम पीयें.लाभ मिलेगा.

अलसी के बीज का इस्तेमाल; अलसी के बीजों में एस्ट्रोजन, जो स्तनों के आकार को बढ़ाता है, उसके स्तर को कम करने के गुण होते हैं.

इसके लिए, क़रीब 200 मिलीलीटर पानी अच्छी तरह गर्म करें, या उबाल लें.

इसका तापमान कम होने पर यानि, जब यह हल्का गर्म या गुनगुना हो, तब एक चम्मच अलसी के बीज का पाउडर इसमें घोलकर या मिलाकर पीयें.

जानकारों के अनुसार सुबह-शाम नियमित रूप से इसका सेवन जल्दी लाभ देता है.

योग और व्यायाम: योग जहां शरीर को दिमाग से जोड़कर समस्याओं से लड़ने में मदद करता है, विकृतियों को दूर करता है वहीं, व्यायाम भी अतिरिक्त वसा को कम कर अंगों को सुडौल बनाने में मददगार होता है.

योग और व्यायाम से स्तनों के आकार-आकृति में सुधार

ऐसे कई प्रकार के आसन और व्यायाम हैं, जिनका नियमित अभ्यास करने से आश्चर्यजनक रूप से लाभ मिलता है.यह विशेषज्ञों की देखरेख में या उनकी सलाह से करना चाहिए.

जानकारों के अनुसार अर्धचक्रासन स्तनों के आकार को कम करने और उन्हें सुडौल बनाने में काफ़ी फ़ायदेमंद साबित होता है.

Multiple ads

सच के लिए सहयोग करें


कई समाचार पत्र-पत्रिकाएं जो पक्षपाती हैं और झूठ फैलाती हैं, साधन-संपन्न हैं. इन्हें देश-विदेश से ढेर सारा धन मिलता है. इनसे संघर्ष में हमारा साथ दें. यथासंभव सहयोग करें

रामाशंकर पांडेय

दुनिया में बहुत कुछ ऐसा है, जो दिखता तो कुछ और है पर, हक़ीक़त में वह होता कुछ और ही है.इसीलिए कहा गया है कि चमकने वाली हर चीज़ सोना नहीं होती.ऐसे में, हमारा ये दायित्व बनता है कि हम लोगों तक सही जानकारी पहुंचाएं.वो चाहे राजनीति, इतिहास, धर्म, पंथ या अन्य ज्ञान-विज्ञान की बात हो, उसके बारे में एक माध्यम का पूर्वाग्रह रहित और निष्पक्ष होना ज़रूरी है.khulizuban.com का प्रयास इसी दिशा में एक क़दम है.

5 Comments

  1. Your blog is a true hidden gem on the internet. Your thoughtful analysis and in-depth commentary set you apart from the crowd. Keep up the excellent work!

  2. Attractive section of content I just stumbled upon your blog and in accession capital to assert that I get actually enjoyed account your blog posts Anyway I will be subscribing to your augment and even I achievement you access consistently fast

  3. Hello my loved one I want to say that this post is amazing great written and include almost all significant infos I would like to look extra posts like this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button