रहस्यों से पर्दा उठा देती है नाक, जानिए किस तरह की नाक क्या कहती महिलाओं के बारे में
नाक सम्मान और सौन्दर्य की प्रतिक ही नहीं, बड़ी अच्छी संकेतक भी होती है. जिस प्रकार कुंडली में स्थित 12 खंडों में ग्रहों की दशा-दिशा का अध्ययन कर किसी व्यक्ति के स्वभाव और भाग्य को जाना जा सकता है उसी प्रकार सामुद्रिक शास्त्र की सहायता से किसी की नाक को देखकर सब कुछ पता लगाया जा सकता है.

श्वसन तंत्र का प्रथम और घ्राण-तंत्र का प्रमुख अंग नाक चेहरे का अहम हिस्सा होती है. यह खूबसूरती को तो बढ़ाती ही है, व्यक्ति की आन-बान और शान की प्रतीक भी मानी जाती है. यही नहीं, वैदिक ज्योतिष विज्ञान की प्रमुख शाखा सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि नाक एक महत्वपूर्ण संकेतक या सूचक भी होती है. इसके अनुसार किसी व्यक्ति की नाक का अध्ययन या निरीक्षण कर उसके स्वभाव और गुण-अवगुण को जानने के साथ उसके वर्तमान, भूत और भविष्यफल कथन भी किया जा सकता है. किसी व्यक्ति की नाक का अध्ययन उसकी कुंडली में स्थित ग्रहों का विश्लेषण करने जैसा ही होता है.

विदित हो कि समुद्र शास्त्र या सामुद्रिक शास्त्र को अंग विज्ञान भी कहते हैं क्योंकि इसमें स्त्री-पुरुष के अंगों के आकार-प्रकार और रंग-रूप के आधार पर उनके लक्षणों के बारे बताया गया है. समुद्र ऋषि द्वारा रचित इस महान प्राचीन ग्रंथ में कहा गया है कि कुछ विशेष अंग सब कुछ बता देते हैं. नाक भी उन्हीं में से एक है. किसी की नाक का अध्ययन कर उसके स्वभाव अर्थात उसके गुण-दोष, उसकी सोच (विचार) और स्वास्थ्य के बारे बड़ी आसानी से पता लगा सकते हैं. यहां तक कि उसके भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में भी सटीक कथन कर सकते हैं. मगर इसके लिए नाक के विभिन्न प्रकार और उनकी विशेषताओं के बारे में ज्ञान होना ज़रूरी है.
नाक आख़िर है क्या, जानिए
वैज्ञानिक नज़रिए से देखें तो नाक श्वसन तंत्र (वह जैविक तंत्र, जिसमें वायु अंदर लेने और छोड़ने में उपयोग किये जाने वाले विशिष्ट अंग और संरचनाएं शामिल हैं) का पहला और घ्राण-तंत्र (घ्राण यानी गंध की भावना के लिए उपयोग की जानेवाली संवेदी प्रणाली) का प्रमुख अंग है. यानी सांस लेने-छोड़ने और सूंघने में नाक की भूमिका प्रमुख है. समाजशास्त्र, मनोविज्ञान और मानविकी के अनुसार नाक व्यक्ति की पहचान के साथ उसकी संवेदनशीलता के स्तर या परिमाण का द्योतक या सूचक होती है.
सौंदर्यशास्त्र में तो नाक को आकर्षण के प्रमुख केंद्रों में से एक और उत्तेजक बताया गया है. कहा गया है कि इसकी सुंदर बनावट सुंदरता में चार चाँद लगा देती है. वहीं, सामुद्रिक शास्त्र में नाक को विशिष्ट अंगों में स्थान दिया गया है. इसका कहना है कि नाक व्यक्ति के बाह्य और आतंरिक, दोनों ही रूप का दर्पण है, जिसमें सब कुछ स्पष्ट नज़र आता है. इसके अनुसार स्त्री-पुरुष की नाक का अध्ययन कर उनके बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त की जा सकती है. आइये देखते हैं कि महिलाओं की विभिन्न प्रकार की नाक उनके किस प्रकार के व्यक्तित्व और जीवन को दर्शाती है.
पतली नाक
पतली नाक से आशय उस नाक से है जो सामान्य नाक से पतली और हल्की होती है. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार पतली नाक वाली स्त्रियां बुद्धिमान, परिश्रमी तथा उद्यमी और कलाप्रेमी होती हैं. इन्हें मनचाहा पति और अच्छी ससुराल मिलती है. कम पर योग्य संतान का योग होता है.

सामुद्रिक शास्त्र के ज्ञाता बताते हैं कि पतली नाक वाली महिलाओं का जीवन सुखी और आसान होता है. अधिकांश मामलों में उन्हें सफलता प्राप्त होती है, और उनके कई सपने पूरे होते हैं.
लेकिन सफलताओं के साथ इन्हें अहंकार भी घेर लेता है, जो उनकी लोकप्रियता को कम करते हुए कई लोगों से मतभेद और अलगाव या दूरी का कारण बनता है.
इनका दांपत्य जीवन सामान्य होता है. संतान से प्रेम और सहयोग बना रहता है.
इनका स्वास्थ्य आमतौर पर अच्छा रहता है पर बुढ़ापे की शुरुआत ही में इन्हें कई प्रकार रोगों से घिर जाने का योग होता है. बताया जाता है कि इन्हें औसत आयु (अधिकतम 70-72 वर्ष) ही प्राप्त होती है.
मोटी नाक
सामान्य नाक से अधिक मोटाई (स्थूलता) वाली नाक को मोटी नाक कहते हैं. सामुद्रिक शास्त्र का कहना है कि ऐसी नाक वाली महिलाएं गुणी (अच्छे गुण से संपन्न), योग्य, साहित्य व कलाप्रेमी और खुशमिजाज़ होती हैं. इन्हें योग्य वर व सुखी परिवार मिलता है. अधिक संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों के अनुसार मोटी नाक वाली महिलाओं का जीवन सुखी व समृद्ध होता है. यानी उनके जीवन में शांति, संतुष्टि और भौतिक साधनों की उपलब्धता बनी रहती है.
ये मिलनसार होती हैं, और परस्पर सहयोग की भावना रखती हैं. इससे ये परिवार और समाज में लोकप्रिय होती हैं. इनकी एक बड़ी ख़ासियत वाकपटुता और मज़ाकिया अंदाज़ होता है, जो अधिकांश लोगों पर प्रभावी होता है. यूं कहिये कि इनके बोलने-बतियाने और समझाने का तरीक़ा असरदार होता है. इससे लोग इनकी ओर खींचे चले आते हैं, और जुड़ जाते हैं.
इनका दांपत्य जीवन अच्छा होता है, और रिश्ते मजबूत होते हैं. संतान से भरपूर सहयोग व सुख प्राप्त होता है.
इन्हें निरोगी और दीर्घायु बताया गया है. ऐसा कहा गया है कि ये 80 या इससे अधिक वर्षों तक जीती हैं.
लंबी नाक
सौंदर्यशास्त्र के अनुसार पुरुषों की नाक की औसत लंबाई 5.5 सेंटीमीटर और चौड़ाई 2.6 सेंटीमीटर होती है, जबकि महिलाओं में यह लंबाई 5.1 सेंटीमीटर तथा चौड़ाई 2.1 सेंटीमीटर होती है. इससे अधिक आकार वाली नाक लंबी नाक कहलाती है. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसी नाक वाली स्त्रियां बुद्धिमान, परिश्रमी और उद्यमी, और साहसी तथा मजबूत ह्रदय की होती हैं. इन्हें अच्छा तथा सहयोग करने वाला पति और अच्छा परिवार मिलता है. देर से तथा कम संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी नाक वाली महिलाएं सुखी व समृद्ध होती हैं. इन्हें अपने शौक पूरे करने का एक जुनून सा होता है, और इसके लिए ये फिजूलखर्ची भी करती हैं.
मगर ये व्यावहारिक भी अधिक होती हैं. यानी भावनाओं को प्रधानता देने के बजाय ये जीवन के व्यावहारिक पहलुओं पर अधिक ध्यान देती हैं, और मनमौजी होती हैं. यहां तक कि ये पति और परिवार को भी ख़ास तवज्जो नहीं देती हैं.
इनका दांपत्य जीवन सामान्य रहता है. संतान से सुख-प्राप्ति का योग नहीं होता है.
इनका स्वास्थ्य आमतौर पर ठीक रहता है, और बाल्यकाल से अधेड़ावस्था तक कोई विशेष परेशानी नहीं होती है. मगर इनका बुढ़ापा अधिक कष्टकारी हो जाता है. बताया जाता है कि इनका जीवनकाल अधिकतम 70-75 वर्षों का होता है.
छोटी नाक
सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि छोटी नाक वाली स्त्रियां चतुर, कुशल, उद्यमी और भावुक प्रवृत्ति की होती हैं. इन्हें मनचाहा पति व परिवार नहीं मिलता है. कम पर योग्य संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों के अनुसार छोटी नाक वाली महिलाओं का जीवन उतार-चढ़ाव वाला या संघर्षमय होता है. यानी कभी सब कुछ भरा-पूरा होता है तो कभी अभाव की स्थिति भी बन जाती है. हालांकि ये कुशल और परिश्रमी होती हैं, और दूरदर्शितापूर्ण या योजनाबद्ध कार्य करती हैं. यहां तक कि छल-बल का प्रयोग भी करती हैं, लेकिन कई बार इन्हें असफलता ही हाथ लगती है. यानी इन्हें उतना प्राप्त नहीं होता है जितना कि ये प्रयास करती हैं.
दरअसल, इन्हें अपने मन या भावनाओं पर नियंत्रण नहीं होता है, और लापरवाही कर बैठती हैं. इस कारण कई बार बना-बनाया काम भी बिगड़ जाता है.
लोग इन्हें चालाक मानते हैं, और इनसे सावधान ही रहते हैं, लेकिन इनकी योग्यता और दूरदर्शिता की सराहना भी करते हैं.
इनका दांपत्य जीवन समझौतों पर टिका होता है. संतान से प्रेम और सुख-प्राप्ति का योग होता है.
इनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है, और ये औसत आयु (71 वर्ष) से अधिक वर्षों या समय तक जीवित रहती हैं.
बड़ी व भारी नाक
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन स्त्रियों की नाक आकार में बड़ी और भारी होती है वे तीव्रबुद्धि, शांत, सहनशील और कर्मठ प्रवृत्ति की होती हैं. इन्हें बेमेल विवाह और पुनर्विवाह का योग प्रबल होता है, और ससुराल भी मनचाही नहीं मिलती है. कम संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि बड़ी और भारी नाक वाली महिलाएं आत्मनिर्भर होती हैं. इनके समक्ष कोई विकट या अभाव की स्थिति भी आती है तो ये विचलित या परेशान नहीं होती हैं, बल्कि संघर्ष कर सुधार और विकास के लिए प्रयास करती हैं.
इनके भीतर त्याग की भावना के साथ सहनशक्ति भी कुछ ज़्यादा ही होती है. ये दुश्मनों से दुश्मनी का भाव नहीं भूलती हैं, जबकि दोस्तों से पूरी दोस्ती निभाती हैं, और उन पर मर-मिटने की भावना रखती हैं.
इनका दांपत्य जीवन समझौतों पर टिका होता है.
मगर इन्हें संतान से विशेष लगाव होता है, और सहयोग और सुख की प्राप्ति होती है.
इनका स्वास्थ्य ठीक रहता है, और ये औसत आयु से अधिक वर्षों (74-75 साल) तक जीती हैं.
टेढ़ी नाक
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार टेढ़ी नाक वाली स्त्रियां चतुर, कठोर, उद्यमी तथा परिश्रमी होती हैं. इनका बेमेल ब्याह होता है, और परिवार भी मनोनुकूल नहीं मिलता है. कम संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन महिलाओं की नाक टेढ़ी होती है वे सुखी-संपन्न होती हैं. इनका जीवन भोग-विलास में बीतता है. इन्हें विरासत में धन-संपत्ति प्राप्ति का योग प्रबल होता है.
मगर ये बहुत विकृत और स्वार्थी प्रवृत्ति की होती हैं. इसलिए, लोग इन पर भरोसा नहीं करते हैं. यहां तक कि इनके अपने भी इनसे दूरी बनाये रखते हैं.
इनका दांपत्य जीवन समझौतों पर टिका होता है, मगर संतान से प्यार-स्नेह बना रहता है.
इनका स्वास्थ्य आमतौर पर ठीक रहता है, और ये औसत आयु से अधिक समय (74-75 वर्षों तक) तक जीती हैं.
सीधी नाक
सीधी नाक का मतलब है नाक का ऊपर से नीचे तक बिल्कुल एक सीधी रेखा में या सीधा होना. ऐसी नाक में मोटाई भी ऊपर से नीचे तक लगभग सामान होती है. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार सीधी नाक वाली स्त्रियां बुद्धिमान, शांत, संयत और मिलनसार व दयालु ह्रदय की होती हैं. इन्हें मनचाहा पति तो नहीं मिलता है पर अच्छी ससुराल मिलती है. कम पर योग्य संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि सीधी नाक वाली महिलाओं का जीवन सुख-शांति में बीतता है. इनमें सादगी और साफ़गोई (स्पष्ट बोलना) के साथ मेलजोल और परस्पर सहयोग की भावना होती है.
ये जो भी कार्य करती हैं अनुशासन में रहते हुए, दूरदर्शितापूर्ण और योजनाबद्ध तरीक़े से करती हैं. इससे सफलता के साथ यश की भी प्राप्ति होती है. मगर भावनाओं में बहकर कई बार ये अपने मन की बात भी उजागर कर देती हैं, जिससे कुछ लोग इनसे फ़ायदा उठा लेते हैं और इनका नुकसान भी हो जाता है.
धर्म-कर्म या आध्यात्म की ओर इनका ज़्यादा झुकाव होता है, और सन्यास लेने का योग भी प्रबल होता है.
इनका दांपत्य जीवन अच्छा होता है, और रिश्ते मजबूत होते हैं. संतान-सुख की प्राप्ति होती है.
इनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है, और ये दीर्घायु होती हैं. बताया जाता है कि 80 वर्षों से अधिक समय तक जीती हैं.
तोते जैसी नाक
ऐसी नाक, जिसमें नाक सेप्टम (नाक पट का शिखर, जिसे मुख्य और अग्रभाग भी कहा गया है) ज़्यादा विकसित होता है, तोते जैसी नाक कहलाती है. इसे गरुड़ जैसी और चील या गिद्ध जैसी नाक भी कहते हैं. मेडिकल साइंस में इसे पॉलीबीक विकृति के नाम से जाना जाता है. सामुद्रिक शास्त्र कहता है ऐसी नाक वाली स्त्रियां तीव्रबुद्धि, उर्जावान और प्रखर, उद्यमी और परिश्रमी प्रकृति की होती हैं. इनका बेमेल या पुनर्विवाह होता है, मगर परिवार सुखी-संपन्न मिलता है. कम पर योग्य संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों के अनुसार तोते जैसी नाक वाली महिलाओं का जीवन सुखी व समृद्ध होता है. फिर भी, और ज़्यादा पाने और अनेकानेक (असंख्य) सपने पूरे करने की इन पर धुन सवार रहती है.
इनमें नेतृत्व करने की क्षमता होती होती है. इसलिए, दूसरों से काम निकलवाना या उनका इस्तेमाल करना इनके लिए आसान होता है. इसकी मिलीजुली प्रतिक्रिया होती है, और समाज या कार्यक्षेत्र में ये चर्चा का विषय होती हैं.
इनका दांपत्य जीवन सामान्य होता है. संतान से सुख की प्राप्ति का योग नहीं होता है.
इनका स्वास्थ्य आमतौर पर अच्छा रहता है पर ये दीर्घायु नहीं होती हैं. बताया जाता है कि इनकी अकाल मृत्यु का योग होता है.
नुकीली नाक
नुकीली नाक उस नाक को कहते हैं, जिसके नेज़ल सेप्टम (नाक पट, जो दोनों वायुमार्ग या नथुनों को अलग करता है) का शीर्ष भाग तीक्ष्ण और उद्धत होता है. यानी ऐसी नाक जिसकी नोक ऊपर या सामने की ओर अधिक तनी हुई प्रतीत होती है. सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि ऐसी नाक वाली स्त्रियां तेज दिमाग़, प्रचंड व कठोर, मेहनती और अधिक सक्रिय प्रवृत्ति की होती हैं. इन्हें अच्छा पति व परिवार मिलता है. अधिक संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों के अनुसार जिन महिलाओं की नाक नुकीली होती है वे सुख-समृद्धि से भरपूर और विलासी होती हैं. ये महत्वकांक्षी होती हैं, मगर साथ में अक्खड़ मिजाज़ भी होती हैं. इन्हें बहुत कुछ हासिल करने का एक जुनून-सा होता है. इनके तन-मन की प्यास कभी नहीं बुझती है.
घर-परिवार में भी इनका दबदबा होता है, और पति को अपने इशारे पर नचाती हैं.
संतान से प्रेम-स्नेह होता है, लेकिन उनसे सुख की प्राप्ति नहीं होती है.
इनका स्वास्थ्य भी ढ़लती उम्र के साथ बिगड़ता चला जाता है, और बुढ़ापे की शुरुआत ही में शरीर जर्जर होकर शिथिल पड़ जाता है. इस कारण ये बमुश्किल औसत आयु ही पूरी कर पाती हैं.
चपटी नाक
चपटी नाक का अर्थ है नाक का दबा हुआ या चपटा होना. यानी जो नाक ऊपर की ओर उठी हुई न हो या अपने स्थान पर लगभग समतल अवस्था में स्थित हो, उसे चपटी या दबी हुई नाक कहते हैं. सामुद्रिक शास्त्र का कहना है कि ऐसी नाक वाली स्त्रियां विवेकशील, संवेदनशील, भावुक और परिश्रमी तथा उद्यमी होती हैं. इन्हें अच्छा पति व परिवार मिलता है. अधिक संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों का अनुसार चपटी नाक वाली स्त्रियों का जीवन उतार-चढ़ाव वाला होता है. यानी कभी सब कुछ भरा-पूरा होता है तो कभी अभाव की स्थिति भी बन जाती है. मगर ये परिस्थितियों को अनुकूल बनाने की कला जानती हैं, और इसके लिए संघर्ष भी करती हैं.
इन्हें मिलजुलकर रहना और एक दूसरे को सहयोग करना बहुत भाता है. ये कठोर शब्दों का प्रयोग भी करने से बचती हैं, ताकि किसी को बुरा न लगे.
इनका दांपत्य जीवन अच्छा होता है, और रिश्ते मजबूत होते हैं. संतान से सुख की प्राप्ति होती है.
इनका स्वास्थ्य भी ठीक रहता है. ये औसत आयु से अधिक समय तक जीवन का आनंद लेती हैं.
कामुक नाक
वह नाक जो सुंदर और सुडौल होती है, उसे आकर्षक, कटीली, मनमोहक या कामुक नाक कहते हैं. ऐसी नाक की चर्चा सौंदर्यशास्त्र में भी मिलती है. कामुक नाक के बारे में कहा गया है-
यह न ज़्यादा मांसल (थुलथुली या मोटी) होती है, और नहीं ज़्यादा पतली
न ज़्यादा लंबी, और नहीं ज़्यादा छोटी होती है
ऊपर से नीचे तक लगभग समान रूप में विकसित होती है
यह हल्की झुकी हुई होती है
इसकी नोक हल्की उभरी (उभार लिए हुए) होती है

सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि ऐसी नाक वाली स्त्रियां बुद्धिमान, गंभीर, कार्यकुशल और परिश्रमी तथा उद्यमी होती हैं. इन्हें मनचाहा पति और अच्छा परिवार मिलता है. अधिक संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों के अनुसार जिन महिलाओं की नाक बेहद खूबसूरत या कामुक होती है वे धनी तथा सभी सुखों को भोगने वाली होती हैं. उन्हें विरासत में संपत्ति प्राप्ति का योग भी होता है. मगर घमंड लेशमात्र भी नहीं होता है.
ये नम्र, विनीत और सरल होती हैं जैसा कि ये दिखाई भी देती हैं, मगर अंदर से जोश और उर्जा से भरी होती हैं. ये अपना कोई भी काम अधूरा छोड़ना पसंद नहीं करती हैं.
ये मिलनसार होती हैं, और दूसरों की भावनाओं की भी कद्र करती हैं और उन्हें सहयोग या सहायता करने को तैयार रहती हैं. इस कारण कई बार छली भी जाती हैं, और शोषण का शिकार हो जाती हैं.
ये पति को रति (कामदेव की पत्नी) के समान यौनसुख देने वाली होती हैं, और पति भी इन पर लट्टू रहते हैं.
संतान से प्रेम-स्नेह बना रहता है व सुख की प्राप्ति होती है.
इनका इनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है, और दीर्घायु होती हैं. बताया जाता है कि ये 80 वर्ष से अधिक काल तक जीती हैं.
खड़ी नाक
खड़ी नाक का आशय ऊंची या उठी हुई नाक से है. यह सामान्य नाक से ज़्यादा उभरी हुई होती है. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसी नाक वाली स्त्रियां प्रतिभावान, आत्मविश्वासी, उर्जावान और महत्वाकांक्षी होती हैं. इन्हें मनचाहा पति तो नहीं मिलता है, लेकिन अच्छी ससुराल मिलती है. अधिक संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन महिलाओं की नाक सीधी खड़ी होती है उनके जीवन में सुख-सुविधाओं की कोई कमी नहीं होती है, और वे अपने अधिकांश सपने पूरे करती हैं.
ये अपनी बुद्धि व क्षमता का बेहतर प्रदर्शन करती हैं इस कारण जल्दी और अधिकांश लोगों को प्रभावित कर लेती हैं, और लोकप्रियता हासिल करती हैं.
इनका दांपत्य जीवन सामान्य होता है. संतान से स्नेह-प्रेम बना रहता है.
इनका स्वास्थ्य ठीक रहता है, और दीर्घायु होती हैं. बताया जाता है कि ये 75 वर्षों से अधिक समय तक जीती हैं.
पकौड़ीनुमा नाक
वह नाक, जिसका अग्रभाग या नोक पकौड़ी (बेसन, दाल और सब्जियों को मसालों के साथ मिलाकर तेल में तला गया एक प्रकार का प्रसिद्द खाद्य पदार्थ, fritters) की आकृति में होती है, पकौड़ीनुमा नाक कहलाती है. ऐसी नाक दुर्लभ और विशेष होती है. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार पकौड़ीनुमा नाक वाली स्त्रियां बुद्धिमान, शांत, सुशील, उद्यमी और परिश्रमी प्रकृति की होती हैं. इन्हें मनचाहा पति और अच्छा परिवार मिलता है. अधिक संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन महिलाओं की नाक पकौड़ी जैसी होती है उनका जीवन सुखी व समृद्ध होता है. उनके अधिकांश सपने पूरे होते हैं.
मगर ये दिखावा या प्रदर्शन अधिक पसंद करती हैं, और फिजूलखर्ची भी करती हैं. इसलिए, परिवार और समाज में इनको लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया होती है, और अक्सर चर्चा के केंद्र में रहती हैं.
इनका दांपत्य जीवन रोमांटिक होता है, और रिश्ते भी मजबूत होते हैं. संतान से स्नेह-प्रेम बना रहता है.
इनका स्वास्थ्य आमतौर पर ठीक रहता है, मगर दीर्घायु नहीं होती हैं. बताया जाता है कि इनका अधिकतम जीवनकाल 75 वर्षों का होता है.
अस्वीकरण: इस लेख में कही गई बातें सामुद्रिक शास्त्र, सामुद्रिक तिलक, भविष्यपुराण का स्त्री पुरुष लक्षण वर्णन, बहुत्रेयी, लघुत्रयी और अन्य शास्त्रीय पुस्तकों सहित पत्रिकाओं, इंटरनेट वेबसाइट, पूर्व में किये गए कार्यों से विवरण इकठ्ठा कर किया गया साहित्यिक और वैचारिक अध्ययन का निचोड़ हैं. खुलीजुबान.कॉम इसकी शत प्रतिशत (100%) प्रामाणिकता का दावा नहीं करता है. इसलिए, पाठक इसे संक्षिप्त जानकारी मानकर अपने विवेक का प्रयोग करें.
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