Ads
धर्म-कर्म

चेहरे का आकार उजागर कर देता है आपके भविष्य का रहस्य

कहते हैं कि चेहरे पर लिखा होता है हर व्यक्ति का व्यक्तित्व और भविष्य, उसे पढ़ने वाला होना चाहिए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि व्यक्ति संसार के किस क्षेत्र का है, और उसका रंग क्या है, चेहरा अहमियत रखता है. भारतीय ज्योतिष विज्ञान की एक प्रमुख शाखा, सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार किसी के चेहरे के आकार का अध्ययन कर उसके बारे में सब कुछ जाना या बताया जा सकता है...

Don't miss out!
Subscribe To Newsletter
Receive top education news, lesson ideas, teaching tips and more!
Invalid email address
Give it a try. You can unsubscribe at any time.

नाम मालूम न हो, या भूल जाने के बाद भी, चेहरा लंबे समय तक याद रहता है. चाहे यह गोल हो, लंबा या चौकोर हो. ख़ूबसूरत हो या बदसूरत, इसका आकार मायने रखता है क्योंकि इसकी जो छवि बनती है वह ज़्यादा प्रभावी होती है, और दृष्टि पटल से होती हुई मानस पटल पर अंकित हो जाती है. दूसरे शब्दों में कहें तो चेहरा परिचायक (परिचय कराने वाला) है. फिजियोलॉजी (शरीर क्रिया विज्ञान) के आंकड़े बताते हैं कि किसी व्यक्ति का चेहरा उसके व्यक्तित्व को दर्शाता है, जिसमें बुद्धि, मनोदशा, व्यवहार, प्रेरणा और आदतें शामिल हैं. मगर सामुद्रिक शास्त्र इससे बहुत आगे की बात करता है. इसके अनुसार मनुष्य की मुखाकृति या चेहरा उसके जीवन का दर्पण होता है, जिसमें कुछ भी छुपता नहीं है. अर्थात किसी का चेहरा उसके व्यक्तित्व या वर्तमान ही नहीं, भूत और भविष्य के बारे में भी बता देता है. चेहरे को पढ़ना कुंडली पढ़ने जैसा ही होता है.

युवा दंपत्ति और विभिन्न पुरुष तथा स्त्रियों के चेहरे (सांकेतिक चित्र)

विदित है कि सामुद्रिक शास्त्र वैदिक ज्योतिष विज्ञान की वह प्रमुख शाखा है, जिसमें मानव शरीर के अंगों यानी उनके आकार-प्रकार और रंग-रूप को उसकी विशेषताओं का संकेतक या सूचक बताया गया है. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार मनुष्य के विभिन्न अंग-प्रत्यंग उसकी शारीरिक-मानसिक स्थिति, संस्कार और आदतों के साथ उसके भूत और भविष्य से भी जुड़े रहस्यों को उजागर करने में सक्षम होते हैं. इनमें चेहरा एक महत्वपूर्ण सन्दर्भ बिंदु है, जिसके माध्यम से सटीक कथन किया जा सकता है.

यह भी ज्ञात है कि चेहरा कोई अकेला अंग नहीं है, बल्कि कई अंगों-उपांगों, जैसे माथा, आंखें, भौंहें, नाक, होंठ, गाल, ठुड्डी और जबड़ों, आदि का सामूहिक रूप है, जो सौन्दर्य या बाहरी पहचान प्रदान करता है. इसलिए यह किस आकार या आकृति में है यह मायने रखता है.

सामुद्रिक शास्त्र में अनेक आकार-प्रकार के चेहरों का वर्णन है. उनमें कुछ आम हैं तो कुछ ख़ास. आइये हम यहां कुछ ख़ास या दुर्लभ (बहुत कम पाए जाने वाले) कहे जाने वाले चेहरे वाले लोगों के बारे में जानते-समझते हैं कि वे कैसे होते हैं अथवा उनका जीवन कैसा होता है.

हीरे के आकार के चेहरे वाले लोग

हीरे के आकार का चेहरा (Diamond-shaped face) एक अनोखी एवं विशिष्ट संरचना है, जिसकी विशेषताएं इसे अलग और विशेष बनाती हैं. ऐसे चेहरे वाले लोगों का माथा छोटा या संकरा, गालों की हड्डियां अधिक चौड़ी और ठुड्डी (ठोड़ी) अपेक्षाकृत संकरी और नुकीली होती है.

ऐसे चेहरे की बड़ी ख़ासियत यह है कि इसकी लंबाई चौड़ाई से ज़्यादा लंबी होती है, और माथा, गाल, और ठुड्डी का सममित और अनुपातिक रूप हीरे की आकृति प्रदान करता है.

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार वज्रमणि या हीरक (हीरा) के आकार के चेहरे वाले स्त्री-पुरुष कुशाग्रबुद्धि, दृढ इच्छाशक्ति वाले, कर्मठ और परिश्रमी एवं उद्यमी प्रकृति के होते हैं. इन्हें मनचाहा जीवनसाथी नहीं मिलता है पर समृद्ध व सम्मानित परिवार मिलता है. कम पर योग्य संतान का योग होता है.

सामुद्रिक शास्त्र व शरीर लक्षण विज्ञान के विशेषज्ञ बताते हैं कि हीरे के आकार के चेहरे वाले लोगों को सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं, और वे सुसज्जित व व्यवस्थित जीवन जीते हैं. उनके अधिकांश सपने पूरे होते हैं.

हीरे के आकार के चेहरे वाली महिला (प्रतीकात्मक चित्र)

ये अपने कार्य भी योजनाबद्ध एवं व्यवस्थित ढ़ंग से करते हैं, और उसमें किसी प्रकार की दखलंदाज़ी पसंद नहीं करते हैं. अपने लिए ये एक बार जो लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं, उसे पूरा करने में अपनी पूरी ताक़त लगा देते हैं, और आसानी से हार नहीं मानते हैं. बताया जाता है कि ऐसे लोग प्रायः रचनात्मक कार्य, बौद्धिक प्रचार-प्रसार, कला, मीडिया, आदि का क्षेत्र चुनते हैं, और सफलता भी प्राप्त करते हैं.

हीरे के आकार के चेहरे चेहरे वाला युवक (सांकेतिक चित्र)

विशेषज्ञों के अनुसार कार्यकुशल होने के साथ ये नेतृत्व करने व निर्णय लेने की क्षमता भी रखते हैं. मगर सब कुछ अपने अनुसार करना-करवाना चाहते हैं, और अपने नियंत्रण में रखना चाहते हैं. यह कई लोगों को नागवार गुज़रता है, और मतभेद की स्थिति में इन्हें नुकसान भी उठाना पड़ता है. फिर भी, इनकी विचारों की दृढ़ता और आत्मविश्वास इन्हें कमज़ोर नहीं पड़ने देता है.

इनकी व्यवहार कुशलता और जुड़ने की कला कईयों को आकर्षित करती है, या प्रभाव में ले लेती है. मगर अधिकतर लोग इन्हें समझ नहीं पाते हैं, और जितनी जल्दी मोहित होकर क़रीब आते हैं उतनी ही जल्दी छिटककर दूर भी चले जाते हैं.

इनका दांपत्य जीवन भी समझौतों पर टिका होता है. मगर इन्हें संतान से सुख की प्राप्ति होती है.

दिल के आकार के चेहरे वाले लोग

दिल के आकार का चेहरा एक विशिष्ट प्रकार का चेहरा होता है. ऐसे चेहरे वाले लोगों का माथा बड़ा (चेहरे का सबसे बड़ा हिस्सा) और ऊंचा, गालों की हड्डियां उभरी हुई या ऊंची और ठोड़ी संकरी तथा नुकीली होती है (जो दिल के आकार को पूरा करती है).

इसकी मुख्य पहचान यह है कि यह ऊपर से चौड़ा, जबकि नीचे से पतला होता है, और उलटे त्रिभुज के आकार का (त्रिकोणीय) दिखाई देता है.

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हृदयाकार मुखमंडल (दिल के आकार के चेहरे) वाले स्त्री-पुरुष तीव्रबुद्धि, सहृदय (कोमल चित्त, दयालु) कर्तव्यनिष्ठ, परिश्रमी व उद्यमी प्रवृत्ति के होते हैं. इन्हें मनचाहा जीवनसाथी व परिवार नहीं मिलता है. कम संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल के आकार के चेहरे (Heart-shaped face) वाले लोग आत्मनिर्भर होते हैं, और आवश्यक भौतिक सुख-सुविधाओं के साथ शांतिमय जीवन जीते हैं. इन्हें अपने परिवार व संतान से विशेष लगाव होता है.

विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे लोग अधिकांश मामलों में सफल रहते हैं. दरअसल, ये अपने कार्य आरंभ ही सुनियोजित और व्यवस्थित ढ़ंग से करते हैं, तथा पूरी लगन और परिश्रम के साथ लगे रहते हैं. काम में कोताही इन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं है. इनकी बड़ी ख़ासियत यह है कि ये एक बार जो ठान लेते हैं, उसे पूरा किये बिना नहीं मानते हैं.

दिल के आकार के चेहरे वाला पुरुष (प्रतीकात्मक चित्र)

मगर कभी-कभार ये भावनाओं में बहकर भी क़दम उठा लेते हैं, और जिद पर अड़े रहते हैं. यहां तक कि होने वाले नुकसान को मानवीय मूल्यों की खातिर बलिदान और उच्चस्तरीय भावनात्मक बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन मानते हैं.

दिल तो इनका बड़ा होता ही है, सहनशीलता और त्याग की भावना भी इनमें कूट-कूटकर भरी होती है. ज़रूरत पड़ने पर अपनों के लिए ये बड़े से बड़ा जोखिम उठाने या कष्ट सहने से भी हिचकिचाते नहीं हैं. ये दूसरों की मदद के लिए भी सदैव तैयार रहते हैं.

दिल के आकार के चेहरे वाली महिला (सांकेतिक चित्र)

इनका आकर्षक व्यक्तित्व दूसरों को सहज और सकारात्मक महसूस कराता है, और क़रीब लाता है. मगर अंतरंगता क्षणिक होती है क्योंकि इनके लिए बाहरी संबंधों में संतुलन बिठाना कठिन होता है. लोकप्रियता में वृद्धि होती जाती है.

इनका दांपत्य जीवन रोमांटिक तो नहीं लेकिन मजबूत रिश्तों में बंधा होता है. संतान से सुख की प्राप्ति होती है.

अंडाकार चेहरे वाले लोग

अंडाकार चेहरा संतुलित और आनुपातिक चेहरों में से एक है. इसकी सामंजस्यपूर्ण विशेषताएं सौन्दर्य और आकर्षण में योगदान करती हैं. ऐसे चेहरे वालों का माथा ठोड़ी से थोड़ा चौड़ा, गाल की हड्डियां ज़्यादा चौड़ी (चेहरे का सबसे चौड़ा हिस्सा) और जबड़े की रेखा किनारों पर या ठुड्डी की ओर गोलाकार घूमती हुई प्रतीत होती है.

इसकी मुख्य पहचान यह है कि इसकी लंबाई चौड़ाई से अधिक होती है, और पूरा स्वरुप या बनावट अंडे की शक्ल में दिखाई देती है.

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार अंडाकार चेहरे वाले स्त्री-पुरुष बुद्धिमान, स्थिरचित्त, रचनात्मक एवं कलाप्रेमी और महत्वाकांक्षी प्रवृत्ति के होते हैं. इनका बेमेल विवाह या अनेक विवाह (एक से अधिक) होता है तथा अधिक संतान का योग होता है.

विशेषज्ञ बताते हैं कि अंडाकार चेहरे (Oval shape face) वाले लोगों के जीवन में सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं. इनका रहन-सहन उच्च-स्तर का होता है, और ये दिखावा भी ख़ूब करते हैं. बताया जाता है कि ऐसे लोग कला, जैसे पत्रकारिता या फ़िल्मी दुनिया में रूचि रखते हैं, और अच्छी सफलता प्राप्त करते हैं.

अंडाकार चेहरे वाला पुरुष (प्रतीकात्मक चित्र)

इनका आकर्षक व्यक्तित्व बहुतों को प्रभावित करता है, और उनसे जोड़ देता है. इससे इनकी लोकप्रियता बढ़ती है. मगर साथ ही अनेक लोगों से नजदीकियां या संबंधों को लेकर ये अक्सर विवादों में भी रहते हैं. हालांकि इनका स्वच्छंद मन और महत्वाकांक्षी स्वभाव किसी भी बात की परवाह नहीं करता है.

अंडाकार चेहरे वाली महिला (सांकेतिक चित्र)

ये केवल लोगों को प्रभाव में लेना या उन्हें अपने वश में करने की कला नहीं जानते हैं, बल्कि हर तरह की परिस्थिति को नियंत्रित करने की क्षमता भी रखते हैं. ये ख़ुद को भी किसी भी परिवेश में ढाल लेते हैं, और लोगों से घुलमिल जाते हैं.

इनका दांपत्य जीवन समझौतों पर टिका होता है. संतान से भी सुख की प्राप्ति नहीं होती है.

अस्वीकरण: इस लेख में कही गई बातें सामुद्रिक शास्त्र, पंच पक्षी सिद्धांत, भविष्य पुराण का स्त्री-पुरुष लक्षण वर्णन और अन्य शास्त्रीय पुस्तकों सहित पत्रिकाओं, इंटरनेट वेबसाइट, पूर्व में किये गए कार्यों से विवरण इकठ्ठा कर किये गए साहित्यिक और वैचारिक अध्ययन का निचोड़ हैं. खुलीज़ुबान.कॉम इसकी सौ फ़ीसदी प्रामाणिकता का दावा नहीं करता है. इसलिए, पाठक इसे संक्षिप्त जानकारी मानकर अपने विवेक का प्रयोग करें.

Multiple ads

सच के लिए सहयोग करें


कई समाचार पत्र-पत्रिकाएं जो पक्षपाती हैं और झूठ फैलाती हैं, साधन-संपन्न हैं. इन्हें देश-विदेश से ढेर सारा धन मिलता है. इनसे संघर्ष में हमारा साथ दें. यथासंभव सहयोग करें

रामाशंकर पांडेय

दुनिया में बहुत कुछ ऐसा है, जो दिखता तो कुछ और है पर, हक़ीक़त में वह होता कुछ और ही है.इस कारण कहा गया है कि चमकने वाली हर चीज़ सोना नहीं होती है.इसलिए, हमारा यह दायित्व बनता है कि हम लोगों तक सही जानकारी पहुंचाएं.वह चाहे समाज, संस्कृति, राजनीति, इतिहास, धर्म, पंथ, विज्ञान या ज्ञान की अन्य कोई बात हो, उसके बारे में एक माध्यम का पूर्वाग्रह रहित और निष्पक्ष होना ज़रूरी है.khulizuban.com का प्रयास इसी दिशा में एक क़दम है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button