चेहरा बता देता है व्यक्तित्व और भाग्य, जानिए कैसे होते हैं विभिन्न आकार-आकृति के चेहरे वाले लोग
यक़ीन नहीं होता है जब कोई कहता है कि चेहरा आइना होता है ज़िंदगी का, या फिर यह ज़िंदगी की खुली किताब है, जिसमें हरेक बात लिखी है. अर्थात इसमें भूत, वर्तमान और भविष्य का पूरा ब्यौरा दर्ज़ है. लेकिन शास्त्रीय पुस्तकों-ग्रंथों, जैसे सामुद्रिक शास्त्र, पंच पक्षी सिद्धांत, स्त्री-पुरुष शरीर लक्षण वर्णन, इत्यादि में देखें, तो इस संबंध में विस्तृत वर्णन है. इनके अनुसार शरीर के विभिन्न अंगों का अवलोकन कर किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति, संस्कार और आदतों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है. इनमें चेहरा एक महत्वपूर्ण संदर्भ बिंदु है, जिसके माध्यम से भविष्य कथन भी किया जा सकता है.

चेहरे केवल व्यक्ति की पहचान नहीं, आइना भी होते हैं, जिसमें बहुत कुछ नज़र आता है. मनोविज्ञान, मानविकी और विज्ञान के अनुसार किसी व्यक्ति का चेहरा देखकर उसके स्वास्थ्य और व्यक्तित्व के बारे में काफ़ी कुछ अनुमान लगाया या जाना जा सकता है. लेकिन सामुद्रिक शास्त्र की मानें, तो चेहरा जीवन का ऐसा दर्पण है, जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य, चरित्र और व्यक्तित्व के साथ-साथ उसके भूत और भविष्य के भी दर्शन करा देता है. अर्थात किसी व्यक्ति के मुख के आकार-आकृति को देखकर उसके जीवन से संबंधित सभी प्रकार की बातों या घटनाओं, चाहे वह वर्तमान की हों, या पूर्व में घट चुकी हों, या फिर भविष्य में घटने वाली हैं, उनके बारे में जाना जा सकता है. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति के चेहरे को पढ़ना उसकी कुंडली में स्थित 12 राशियों एवं 27 नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर जीवन की दशा-दिशा का आकलन या कथन करने जैसा ही होता है.

सामुद्रिक शास्त्र जो कि वैदिक ज्योतिष विज्ञान की एक प्रमुख शाखा है, मनुष्य के शारीरिक अंगों को उसके जीवन का महत्वपूर्ण संकेतक या सूचक मानता है. सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि हमारे अंगों के विभिन्न आकार-प्रकार व रंग-रूप हमारे जीवन का दर्पण हैं, जिनमें सब कुछ दिखाई देता है. यानी वर्तमान में क्या चल रहा है, भूतकाल में क्या घटा है, और भविष्य में क्या घटने या होने वाला है, उन सब की झलक दिखाई देती है. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार चेहरा चूंकि एक अंग ही नहीं, कई अंगों का समूह है इसलिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसका अध्ययन कर ज़्यादा सटीक आकलन या कथन किया जा सकता है.
चेहरे की संरचना और इसके कार्य
मानव मुख, मुखड़ा, मुखमंडल, वदन, शक्ल या चेहरा सिर का सबसे आगे या सामने का भाग होता है, जो माथे के ऊपरी किनारे से ठुड्डी या ठोड़ी तक, और एक कान से दूसरे कान तक फैला हुआ होता है. विज्ञान के अनुसार चेहरे का मूल आकार उसके अन्तर्निहित कंकाल (फेश्यल स्केलिटन), मांसपेशियों और उपचर्म उत्तक (सबक्यूटेनियस टिश्यू) की मात्रा से निर्धारित होता है.
चेहरे के (ऊपरी, मध्य और निचले) विभिन्न भाग- माथा, भौंहें, आंखें, गाल, नाक, मुंह या दोनों होंठों की जोड़ी, जबड़े, ठुड्डी और कनपटी सभी मिलकर संचार, भावनाओं और मनोदशा की अभिव्यक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसके अतिरिक्त, चेहरे की मूल आकृति और विशेषताएं रूप-सौन्दर्य या बाहरी पहचान प्रदान करती हैं.
चेहरे के विभिन्न आकार एवं आकृति
शास्त्रीय पुस्तकों-ग्रंथों या स्रोतों, सामुद्रिक शास्त्र, पंच पक्षी सिद्धांत, आदि में वर्णित लक्षणों के अध्ययन से पता चलता है कि चेहरे को हम दो आधार पर वर्गीकृत कर सकते हैं:
1.पशु-पक्षी, जैसे गाय-बैल, खरगोश, हिरण आदि के रूप के आधार पर
2.किसी विशेष वस्तु, ग्रहों, फूल-फल, आदि के आकार, जैसे वर्गाकार, आयताकार, शंक्वाकार, गोलाकार, आदि के आधार पर
सौंदर्यशास्त्र में सूर्यमुखी (सूरज जैसा मुख) तथा चंद्रमुखी या चन्द्र वदन अर्थात चाँद जैसे चेहरे का वर्णन मिलता है.
पशु-पक्षियों जैसे चेहरे
कुछ लोगों के चेहरे किसी पशु या पक्षी से मिलते-जुलते प्रतीत होते हैं. ऐसे लोग कैसे होते हैं, उनमें क्या खूबियां-खामियां होती हैं अथवा उनका जीवन कैसा होता है, सामुद्रिक शास्त्र में यह वर्णन मिलता है.
आइये पहले हम विभिन्न प्रकार के पशु जैसे चेहरे वाले स्त्री-पुरुष के बारे में चर्चा करते हैं.
गाय-बैल जैसी मुखाकृति वाले स्त्री-पुरुष
गाय या बैल जैसी मुखाकृति यानी चेहरे में मस्तक (माथा) ऊंचा होता है, तथा नाक थोड़ी फूली हुई, मोटी या फिर चपटी होती है और नथुने बड़े या चौड़े होते हैं.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार गाय-बैल जैसी मुखाकृति वाले स्त्री-पुरुष सामान्य या औसत-बुद्धि, परिश्रमी व उद्यमी और शांत तथा सरलचित्त (सीधे-साधे या भोले) होते हैं. इन्हें अच्छा जीवनसाथी एवं परिवार मिलता है. अधिक पर निरोगी संतान का योग होता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि गाय-बैल जैसे चेहरे वाले लोग अपने जीवन में आत्मनिर्भर, सुखी एवं संतुष्ट होते हैं. इन्हें मिलजुलकर रहना और परस्पर सहयोग वाला वातावरण पसंद होता है. इनमें परोपकार की भावना प्रबल होती है.

ये भावुक होते हैं, और जल्द ही किसी पर भरोसा कर लेते हैं. इसका इन्हें नुकसान भी उठाना पड़ता है. इसी कारण इन्हें किसी आदर्श या अनुकरणीय व्यक्ति (रोल मॉडल) की तलाश रहती है. उसका ये बहुत सम्मान और अनुसरण करते हैं.
इनका दांपत्य जीवन अच्छा होता है, और रिश्ते मजबूत होते हैं. संतान सुख की प्राप्ति होती है.
शेर या बाघ जैसी मुखाकृति वाले स्त्री-पुरुष
शेर या बाघ जैसी आकृति वाले स्त्री-पुरुष का चेहरा चौड़ा, होंठ और दांत बड़े, ठोड़ी पतली और आंखें शहद के रंग की या नीली होती हैं. इनका शरीर विशालकाय या फिर अपेक्षाकृत ऊंची और मजबूत कद-काठी वाला होता है. इनका रंग आमतौर पर गोरा या साफ़ होता है.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार सिंहाकृति (शेर की आकृति) या व्याघ्र-मुख (बाघ जैसा मुख या चेहरा) वाले स्त्री-पुरुष बुद्धिमान, मनोमस्तिष्क से मजबूत व दृढ-निश्चयी और परिश्रमी तथा उद्यमी प्रवृत्ति के होते हैं. इनका बेमेल विवाह होता है, तथा कम संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि शेर या बाघ की आकृति के चेहरे वाले लोगों को सुख-सुविधाओं का अभाव नहीं होता है, तथा वे व्यवस्थित व सुसज्जित जीवन जीते हैं. बताया जाता है कि ऐसे लोग रक्षा के क्षेत्र में उच्च पदों को प्राप्त करते हैं या प्रशिक्षक आदि के रूप में लोकप्रिय होते हैं.

विशेषज्ञों के अनुसार अपने शेर-बाघ की छवि वाले चेहरे और शारीरिक गठन से लोग भले ही हिंसक दिखते हैं पर अंदर से दयालु और मिलनसार स्वभाव के होते हैं. ये दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं.

इन्हें अच्छा खाना, रंग-बिरंगे या नए डिजाइन के कपड़े पहनना और घर को सजाना अधिक पसंद होता है. खुशबू इनकी ख़ास कमज़ोरी है.
मगर इनका दांपत्य जीवन समझौतों पर टिका होता है यानी रिश्ते मजबूत नहीं होते हैं. इनके जीवन में विछोह या वियोग का योग होता है.
हिरण जैसी मुखाकृति वाले स्त्री-पुरुष
हिरण जैसी आकृति वाले स्त्री-पुरुष का चेहरा लंबा और पतला होता है. आंखें बड़ी-बड़ी, नाक दबी हुई और नथुने छोटे (छोटे छेद वाले या कम फैले हुए) होते हैं. उनके छोटे होंठों में ऊपरी होंठ बड़ा या उभरा हुआ होता है.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हिरण-मुख (हिरण जैसे चेहरे) वाले स्त्री-पुरुष तीव्रबुद्धि, शांत एवं संयमी एवं कोमल ह्रदय होते हैं. इन्हें मनचाहा जीवनसाथी व परिवार मिलता है. कम पर जुड़वां और योग्य संतान का योग होता है.
सामुद्रिक शास्त्र के विशेषज्ञ बताते हैं कि हिरण जैसे चेहरे वाले लोगों का जीवन सुखमय होता है. परिवार में एकजुटता व शांति बनी रहती है. समाज में भी सम्मान प्राप्त होता है.
ये जागरूक, विचारशील तथा गुणी होते हैं. ये किसी भी कार्य के लिए योजना बनाते हैं, और उसकी सफलता के लिए भरसक प्रयत्न करते हैं. अधिकांश मामलों में ये सफल भी होते हैं.

सतर्कता इनकी सबसे बड़ी ख़ासियत है. किसी पर भरोसा करने से पहले ये उसे ख़ूब परखते हैं, और फूंक-फूंककर क़दम उठाते हैं. ज़रा-सा संदेह होने पर ये दूरी बना लेते हैं, या अपना मार्ग बदल देते हैं. मगर कई बार ये बेवज़ह डर जाते हैं, या भ्रम का शिकार होकर अपना नुकसान कर बैठते हैं.

इनका दांपत्य जीवन रोमांस भरा होता है. यौनसुख के साथ ये एक दूसरे का ख़याल भी ख़ूब रखते हैं.
इन्हें संतान से सुख की प्राप्ति होती है.
बकरी जैसी मुखाकृति वाले स्त्री-पुरुष
बकरी जैसे मुख की आकृति वाले लोगों का चेहरा लंबा व पतला या पिचका हुआ होता है. इनका माथा चौड़ा, आंखें मध्यम या सामान्य आकार की , नाक लंबी व नीचे की ओर दबी हुई तथा असामान्य होंठों (जिसमें एक मोटा तो दूसरा पतला होता है) वाले होते हैं.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार अजाकृति (बकरी जैसी आकृति) वाले स्त्री-पुरुष दिमाग़ के तेज, उद्यमी और चंचल स्वभाव के होते हैं. इनका बेमेल या अनेक (एक से अधिक) विवाह होता है, तथा अधिक संतान का योग होता है.

सामुद्रिक शास्त्र के विशेषज्ञों का कहना है कि बकरी या बकरा-मुख वाले लोग सुख और आराम की ज़िन्दगी जीते हैं. ये ख़ुद तो उद्यमी होते ही हैं, इन्हें विरासत में भी धन-संपत्ति मिलने का योग प्रबल होता है. इससे ये अच्छे भोजन और पहनावे के साथ आधुनिक सुख-सुविधाओं को भोगना अधिक पसंद करते हैं.

ये लोग दिखावा भी ख़ूब करते हैं अपना मतलब साधने के लिए. मगर स्वार्थ की पूर्ति हो जाने के बाद, लोगों से दूरी बना लेते हैं, या ऐसा जताते हैं कि वे उन्हें जानते ही नहीं हैं. प्रेम-संबंध में भी ये बड़े चतुर होते हैं.
श्वान-मुख वाले स्त्री-पुरुष
श्वान यानी कुत्ते जैसी मुखाकृति (चेहरे की छवि) वाले लोगों का चेहरा भिन्न-भिन्न प्रकार का हो सकता है. इसमें माथा चौड़ा या छोटा, आंखें बड़ी और उभरी हुई या छोटी और गहरी, बड़े नथुनों (नासाछिद्र, नाक के छेद) के साथ नाक लंबी और पतली या छोटी और चपटी, और होंठ छोटे व उभरे हुए हो सकते हैं.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार श्वान-मुख या श्वानाकृति (कुत्ते की मुखाकृति) के स्त्री-पुरुष बुद्धिमान, साहसी, कर्मठ, निष्ठावान व सेवाभावी प्रवृत्ति के होते हैं. इनका बेमेल विवाह पुनर्विवाह होता है. अधिक संतान का योग होता है.
विशेषज्ञ बताते हैं कि जिन लोगों के चेहरे की छवि कुत्ते जैसी प्रतीत होती है उनका जीवन सुख-सुविधाओं से भरा तथा आनंदमय होता है. उनके अधिकांश सपने या शौक़ पूरे होते हैं.
ये जो भी क्षेत्र चुनते हैं उसमें पूरी लगन एवं परिश्रम के साथ कार्य करते हैं, और सफलता प्राप्त करते हैं. इससे अवसरों में वृद्धि होती है तथा इनका विकास होता चला जाता है.

ये निष्ठावान और सेवाभावी होते हैं पर निष्ठुर भी कम नहीं होते हैं. दरअसल, इनकी निष्ठा व सेवाभाव केवल अपनों के लिए या उनके लिए होती है, जिससे ये जुड़े होते हैं, या जिस पर निर्भर करते हैं. उसके लिए ये मान-प्रतिष्ठा और प्राण भी दांव पर लगा देते हैं. लेकिन बाकियों की तो असुविधा की क़ीमत पर भी अपना काम निकलवा लेते हैं, या उनके साथ अन्याय करने से भी गुरेज़ नहीं करते हैं. बताते हैं कि ऐसे लोग विशेषकर क्लर्क, मुंशी, निरीक्षक, आदि के पद पर होते हैं, या रक्षा-क्षेत्र से जुड़े होते हैं.

श्वान-मुख वाली स्त्रियां अपने अधिकारियों या जिस पर वे निर्भर करती हैं, उन्हें ख़ुश करने में हद भी पार कर जाती हैं.
वानर (बंदर) जैसी मुखाकृति वाले स्त्री-पुरुष
वानर यानी बंदर जैसी आकृति वाले लोगों का चेहरा छोटा और अपेक्षाकृत सपाट होता है. इनकी आंखें अंदर धंसी हुई, नाक छोटी व चपटी और होंठ लंबे होते हैं. लेकिन इनके जबड़े बंदरों के विपरीत स्पष्ट रेखा बनाते हैं.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार वानर-मुख वाले स्त्री-पुरुष बुद्धिमान, चंचल और परिश्रमी व उद्यमी प्रवृत्ति के होते हैं. इन्हें मनचाहा जीवनसाथी तो नहीं मिलता है पर परिवार अच्छा मिलता है. अधिक संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि वानर जैसे चेहरे वाले लोगों (ape-faced people) के पास सुख-सुविधाएं पर्याप्त होती हैं, और वे मौज-मस्ती भरा जीवन जीते हैं. इनके पुरुष प्रधान परिवार में एकता व शांति बनी रहती है. महिलाएं अपने बच्चों को अपनी जान से ज़्यादा प्यार करती हैं.

इन्हें खुलापन पसंद नहीं है, और ये आमतौर पर सामाजिक दूरी बनाये रखते हैं. यूं कहिये कि इनका जीवन परिवार या कुनबे के इर्द-गिर्द ही सीमित रहता है, और दूसरों (जो इनके सगे नहीं होते हैं) से जल्दी घुलते-मिलते नहीं हैं.

केवल धन-अर्जन और भौतिक सुख-सुविधाओं की लालसा इन्हें बाहरी परिवेश से जुड़ने को मज़बूर करती है. मगर ये हमेशा इतने सतर्क या चौकन्ने रहते हैं कि इन्हें धोखा देना या ठगना कठिन होता है.
आइये अब हम पक्षियों जैसे मुख की आकृति वाले लोगों की बात करते हैं तथा जानते हैं कि वे कैसे होते हैं अथवा उनका जीवन किस प्रकार का होता है.
मोर जैसी मुखाकृति वाले स्त्री-पुरुष
मोर की आकृति के लोगों का चेहरा लगभग अंडाकार (अंडाकार जैसा) होता है, जिसमें माथा अपेक्षाकृत चौड़ा होता है, और आंखें छोटी मगर उभरी हुई प्रतीत होती हैं. इनकी नाक छोटी और नुकीली होती है, और होंठ पतले और छोटे होते हैं.
सामुद्रिक शास्त्र और पंच पक्षी सिद्धांत (शास्त्र) के अध्ययन से पता चलता है कि मयूर-मुख (मोर जैसे चेहरे) वाले स्त्री-पुरुष तीव्रबुद्धि, शांत और कोमल शरीर तथा ह्रदय वाले, मगर परिश्रमी व उद्यमी और रचनात्मक प्रवृत्ति के होते हैं. इन्हें मनचाहा जीवनसाथी व परिवार मिलता है. कम पर योग्य संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों के अनुसार मोर जैसे चेहरे वाले लोगों का जीवन सुख-समृद्धि से भरपूर होता है. परिवार में एकता व शांति का वातावरण रहता है. इनके अधिकांश सपने या शौक़ पूरे होते हैं.

ये समावेशी विचार के होते हैं, तथा कहीं भी ख़ुद को वातावरण या परिवेश के अनुरूप ढाल लेते हैं. ये दूसरों के दुख को देखकर भावुक हो उठते हैं, तथा हर संभव मदद करने का प्रयास करते हैं.

ऐसे लोग आत्मविश्वास से भरे होते हैं, और जो भी करते हैं पूरे मनोयोग से करते हैं. इसका फल भी इन्हें मिलता है, इनकी सफलता की दर अच्छी होती है.
ऐसी महिलाएं शर्मीली होती हैं, जबकि पुरुष दिलफेंक मिजाज़ होते हैं. इनका दांपत्य जीवन अच्छा होता है, और रिश्ते मजबूत होते हैं. संतान से सुख की प्राप्ति होती है.
तोते जैसी मुखाकृति वाले स्त्री-पुरुष
शुक, सुग्गा या तोते जैसी मुखाकृति वाले लोगों का चेहरा आंशिक गोल या अंडाकार जैसा होता है, जिसमें आंखें छोटी, नाक लंबी व नुकीली, होंठ छोटे और गाल सपाट होते हैं.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार शुक-मुख (तोते जैसे मुख या चेहरा) वाले स्त्री-पुरुष तीव्रबुद्धि, मुखर, स्वतंत्र और परिश्रमी व उद्यमी प्रवृत्ति के होते हैं. इन्हें अच्छा जीवनसाथी व परिवार मिलता है. कम पर योग्य संतान का योग होता है.
विशेषज्ञ बताते हैं कि तोते जैसे चेहरे वाले लोग आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं. परिवार में भी शांति और सद्भाव का वातावरण होता है. सभी लोग समन्वय के साथ प्रयासरत रहते हैं तथा सुख-सुविधाओं का उपयोग मिल-बांटकर करते हैं, और खुशियां मनाते हैं.

लेकिन बाहर इनकी रीति-नीति बिल्कुल ही बदल जाती है. इनके स्वहित के आगे कोई भी कुछ भी मायने नहीं रखता है. जिससे सालों ये जुड़े रहते हैं या उससे लाभ ले रहे होते हैं स्थान या स्थिति बदलने के बाद, उसकी तरफ़ पलटकर देखते भी नहीं हैं.

ये नाटकीय अंदाज़ में और बहुत मीठा बोलते हैं, लेकिन अंदर कड़वाहट ही भरी होती है. साथ ही, इनकी स्मरण-शक्ति और सीखने की क्षमता भी बहुत अच्छी होती है, जिसका उपयोग भी ये स्वार्थ-सिद्धि में अधिक करते हैं.
मगर ये एकपतिव्रती और एकपत्निव्रती होते हैं. इसलिए, इनका वैवाहिक जीवन अच्छा होता है, और रिश्ते मजबूत होते हैं. लेकिन संतान से इन्हें सुख की प्राप्ति नहीं होती है.
कौवे जैसी मुखाकृति वाले स्त्री-पुरुष
काक, कागा या कौवे जैसी मुखाकृति वाले लोगों का चेहरा आंशिक अंडाकार या तिरछा-अंडाकार का होता है. अर्थात यह ऊपर से नीचे की ओर थोड़ा लंबा और अंडाकार होता है, जबकि जबड़ों की ओर थोड़ा गोल और चौड़ा होता है. इनका माथा चौड़ा और सपाट, आंखें बड़ी, नाक लंबी व नुकीली और होंठ पतले होते हैं.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार काक-आकृति (कौवे की आकृति) के स्त्री-पुरुष कुशाग्रबुद्धि, मजबूत, कठोर और परिश्रमी व उद्यमी प्रवृत्ति के होते हैं. इन्हें मनचाहा जीवनसाथी व परिवार नहीं मिलता है. कम संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि कौवे जैसी आकृति के चेहरे वाले लोगों का जीवन उतार-चढ़ाव वाला होता है. अर्थात घर में कभी सब कुछ भरा-पूरा होता है तो कभी अभाव की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है. मगर इनका सहनशील तथा संघर्षशील स्वभाव और कौशल परिस्थितियों से लड़ने, उसे नियंत्रित करने और समस्याओं से निपटने में सक्षम होता है इसलिए इनके अच्छे दिन फिर से लौट आते हैं.

इसके लिए तरीक़ा कोई भी हो- सही या ग़लत, इनका स्वहित सर्वोपरि होता है, और कोई व्यक्ति या संबंध मायने नहीं रखता है. आवश्यकतानुसार ये अपने कार्य और स्थान भी बदल देते हैं.
झूठ और फ़रेब इनकी स्वाभाविक प्रवृत्ति है. अगर इससे भी बात नहीं बनती हो, तो ये चोरी-झपटमारी करने से भी गुरेज़ नहीं करते हैं.

मगर अपने परिवार से ये बहुत लगाव रखते हैं, और समूह (अपने जैसे लोगों के बीच) में रहना पसंद करते हैं. इन्हें अपने-पराये में अंतर करने या परखने की कला अच्छी तरह मालूम होती है. अपने दुश्मन का चेहरा ये कभी भूलते नहीं हैं.
इन्हें संतान से सुख प्राप्ति नहीं होती है.
किस आकार के चेहरे वाले लोग कैसे होते हैं जानिए
शास्त्रों में ऐसा वर्णन मिलता है कि पिछले जन्मों के अपने कर्म के आधार पर लोगों के चेहरे की आकृतियां बनती हैं. इन्हें समझने, या फिर यूं कहिये कि किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति, संस्कार, आदतों, आदि का पूर्वानुमान लगाने के लिए चेहरे के आकार का विधिवत अध्ययन आवश्यक होता है. सामुद्रिक शास्त्र के विशेषज्ञों के अनुसार चेहरे के आकार को जानने के लिए कानों के बीच की दूरी और माथे और ठोड़ी के बीच की दूरी को मापा जाता है.
इस प्रकार, किस आकार-प्रकार के चेहरे वाले लोगों में कैसे लक्षण पाए जाते हैं अथवा उनका व्यक्तित्व और भविष्य कैसा होता है, आइये जानते हैं.
गोल चेहरे वाले स्त्री-पुरुष
विशेषज्ञों ने गोल अथवा वृत्ताकार मुख (चेहरे) के भी तीन प्रकार बताये हैं, और उनकी भिन्न-भिन्न विशेषताएं बताई हैं. लेकिन उनके मूलभूत लक्षणों को एकसमान ही माना गया है. यूं कहिये कि सभी गोलाकार चेहरे वाले लोगों की कुछ विशेषताएं अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन उनके मूल लक्षण एकसमान ही होते हैं.
वैसे भी गोलाकार या वृत्ताकार आकृति से आशय एक ऐसी आकृति से है, जिसमें सभी बिन्दु केंद्र से समान दूरी पर होते हैं, जैसे गेंद, पहिया, चूड़ी, आदि. इन्हें ‘सम वृत्त’ भी कहा जाता है. लेकिन, लंबी वृत्ताकार (जिसमें लंबा अक्ष उसके छोटे अक्ष से अधिक लंबा हो) और चौड़ी वृत्ताकार (जिसमें छोटा अक्ष लंबे अक्ष से अधिक लंबा हो) आकृतियां भी होती है, जो दीर्घवृत्त कहलाती हैं. इसलिए, सामुद्रिक शास्त्र में यह वर्गीकरण अर्थपूर्ण और विश्वसनीय मालूम होता है.
बहरहाल सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार गोल चेहरे (Round shape face) वाले लोग बुद्धिमान, परिश्रमी और उद्यमी और साहसी प्रवृत्ति के होते हैं. इन्हें अच्छा जीवनसाथी मिलता है. अधिक संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि सम वृत्ताकार (एकदम गोल) चेहरे वाले स्त्री-पुरुष का जीवन सुखमय बीतता है. इन्हें सुख-सुविधाओं की कमी नहीं होती है तथा इनके अधिकांश सपने पूरे होते हैं.

ये मुखर और साहसी होते हैं, और जोखिम उठाने में अधिक आनंदित अनुभव करते हैं. मगर कई बार अपनी योजनाओं को लेकर ये इतने आश्वस्त रहते हैं कि जैसे सफलता इनकी मुट्ठी हो. इनका यही अति आत्मविश्वास और अहंकार इन्हें धन और मान-सम्मान की हानि की स्थिति में भी पहुंचा देता है.

मगर इनकी सोच सकारात्कम होती है इस कारण लोगों का विश्वास जीतने में इन्हें अधिक कठिनाई नहीं होती है, तथा लोकप्रियता बनी रहती है.
विशेषज्ञों के अनुसार लंबी वृत्ताकार आकृति वाले चेहरे वाले (जिनका चेहरा गोलाई में लंबा या अधिक लंबा हो) लोगों के गाल भरे हुए होते हैं, और शरीर गुदगुदा तथा कोमल होता है. इन्हें कला में विशेष रूचि होती है. कुछ लोग तो इसी क्षेत्र में अपना जीवन गुज़ार देते हैं.
लेकिन चौड़ी वृत्ताकार आकृति वाले चेहरे वाले (जिनका चेहरा गोलाई में चौड़ा या अधिक चौड़ा होता है) लोग मन के अधिक कोमल होते हैं. ये जितनी जल्दी खुश होते हैं उतनी ही जल्दी नाराज़ भी हो जाते हैं. इन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अक्सर उत्पन्न होती रहती हैं इस कारण बुढ़ापा आते-आते इनका शरीर शिथिल व लाचार हो जाता है.
लंबे चेहरे वाले स्त्री-पुरुष
लंबे चेहरे (Long shape face) के तीन प्रकार का वर्णन मिलता है. पहला, लंबा पतला या पिचका हुआ चेहरा. दूसरा, लंबा भरा हुआ चेहरा (जिसमें गालों में अच्छी-खासी चर्बी हो या गाल फूले हुए प्रतीत हों). और तीसरा, चेहरा लंबा मगर थोड़ा वर्गाकार हो.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार लंबे चेहरे वाले लोग दिमाग़ के तेज, शरीर और मन से मजबूत और उद्यमी प्रवृत्ति के होते हैं. उन्हें मनचाहा जीवनसाथी व परिवार नहीं मिलता है. कम पर योग्य संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि लंबाई में पतले या पिचके हुए चेहरे वाले स्त्री-पुरुष शरीर तथा मन से स्वस्थ व मजबूत होते हैं. इन्हें व्यवस्थित ढ़ंग से रहना तथा योजनाबद्ध तरीक़े से कार्य करना पसंद होता है. मगर ये हठी प्रवृत्ति के होते हैं, और अपनी बात मनवाने में इन्हें मज़ा आता है. हालाँकि ये इसके योग्य और समर्थ होते हैं पर अधिकांश लोगों को ये सुहाते नहीं हैं या उनकी नज़रों में खटकते हैं, और कई बार आलोचनाओं के शिकार होते हैं.

विशेषज्ञों के अनुसार लंबे भरे हुए चेहरे वाले स्त्री-पुरुष जीवन के अधिकांश क्षेत्र में सफल रहते हैं, या फिर यूं कहिये कि सफलताएँ इनके क़दम चूमती हैं. इसलिए, इनकी ज़िन्दगी की राह आसान होती है. इनके अधिकांश सपने पूरे होते हैं.

मगर दूसरों के साथ खुशियां बांटना इन्हें पसंद नहीं है. ये अलग या अकेले ज़िन्दगी के मज़े लेना चाहते हैं. इसलिए हमेशा सच्चे या अपने मनमाफ़िक प्यार की तलाश में लगे रहते हैं. ऐसे पुरुषों को स्त्रियों तथा स्त्रियों को पुरुषों के प्रति विशेष आकर्षण कई बार मुसीबतों का कारण भी बनता है.
लंबे वर्गाकार या चौकोर (थोड़े चौकोर आकृति में, जिसमें चेहरे की आकृति चौड़ाई में सामान्य तथा लंबाई में अधिक होती है) आकृति के चेहरे वाले स्त्री-पुरुष जातक सोच-समझकर तथा धीरज (धैर्य) के साथ काम करने वाले होते हैं. ये बोलते भी हैं तो काफ़ी नापतोल कर अन्यथा चुप्पी साधे रहते हैं, और मौक़ा देखकर पासा फेंकते हैं यानी क़दम उठाते हैं.
इनका समाज में प्रभाव होता है, और राजनीति के क्षेत्र में भी ये अपना स्थान बनाते हैं और सफल रहते हैं.
अंडाकार चेहरे वाले स्त्री-पुरुष
पारिभाषिक रूप से देखें तो चपटे वृत्त जैसी द्विआयामी (2D) आकृति जिसमें कोई सीधी रेखा या कोना नहीं होता है, अंडाकार आकृति कहलाती है. सरल भाषा में कहें तो कई फूलों की पंखुड़ियों, कुछ ग्रहों की कक्षाओं या अंडे जैसी आकृति को अंडाकार कहते हैं. अंडाकार आकृति में एक सिरा कम तो दूसरा सिरा अपेक्षाकृत अधिक फैला हुआ होता है.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार अंडाकार आकृति वाले चेहरे (Oval shape face) वाले स्त्री-पुरुष बुद्धिमान, गुणी तथा महत्वाकांक्षी प्रकृति के होते हैं. इनका बेमेल विवाह या अनेक विवाह (एक से अधिक) होता है, तथा कम संतान का योग होता है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इनके भाग्य में संतानहीनता (निःसंतानता या बांझपन) का योग प्रबल होता है.
विशेषज्ञों के अनुसार अंडाकार चेहरे वाले लोग भावुक, अभिव्यंजक (भावनाओं या बातों को स्पष्टता के साथ व्यक्त करने वाले) एवं आकर्षक होते हैं. इन गुणों के कारण इनके पत्रकार, अच्छे कवि, लेखक, गीतकार-संगीतकार या गायक, अभिनेता, चिकित्सक या समाजसेवी बनने का योग प्रबल होता है.

इनके जीवन में सुख-सुविधाओं की कोई कमी नहीं होती है, और लोकप्रियता इनके परिवेश को व्यापक बनाती है. इसलिए ये किसी सीमा या शर्तों में बंधे हुए नहीं रहते हैं, विशाल ह्रदय रखने के बहाने स्वछंद विचरने वाले और भोगी बन जाते हैं. इनके तन-मन की प्यास कभी बुझती नहीं है.

हालांकि ये संतुलित एवं व्यवस्थित रहते हैं, और ख़ुद को दूसरों से अलग और विशिष्ट दिखने की भरपूर कोशिश या प्रदर्शन करते हैं, परंतु व्यावहारिक जीवन में ये संतुष्ट नहीं होते हैं, एक तरह का ख़ालीपन महसूस करते हैं.
तिकोने चेहरे वाले स्त्री-पुरुष
तिकोने चेहरे की बनावट देखें तो यह कनपटी की तरफ़ से चौड़ा तथा ठुड्डी पर नोकदार (नुकीला या जो छोर की ओर पतला हो) और पतला होता है. दरअसल, यह उलटे त्रिकोण की आकृति में दिखाई पड़ता है.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार तिकोने चेहरे वाले स्त्री-पुरुष तीव्रबुद्धि, विचारवान, गुणवान और अन्तर्दर्शी (मन के भावों-बातों को जानने-समझने वाले) होते हैं. इन्हें अच्छा जीवनसाथी व परिवार मिलता है. कम पर योग्य संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि तिकोने चेहरे (Triangular face shape) वाले लोग आमतौर पर पतली काया के (दुबले-पतले) तथा स्वभाव से नरम या कोमल होते हैं. इनका जीवन सुख-सुविधाओं से भरपूर तथा अमन-चैन वाला होता है.

ये लोग अपने मन की करते हैं, और अपनी पसंद की चीजों को ही महत्त्व देते हैं, मगर दूसरों, बदलती परिस्थितियों और प्रतिक्रियाओं के प्रति भी कम संवेदनशील नहीं होते हैं. वैचारिक रूप से इनका जुड़ाव बड़े स्तर पर और विस्तृत होता है.

ये जिस कार्य या विषय-वस्तु चुनते को हैं उसकी गहराई में जाकर कुछ नया ढूंढकर उस पर अपनी छाप छोड़ने की कोशिश में रहते हैं, और सफलता भी प्राप्त करते हैं. बताया जाता है कि ऐसे लोग उच्च स्थान-पदों को प्राप्त करते हैं या शोधकर्ता, वैज्ञानिक, आविष्कारक, आदि बनते हैं और लोकप्रिय होते हैं.
चौकोर चेहरे वाले स्त्री-पुरुष
ऐसा चेहरा जिसमें माथा, गाल और जबड़े लगभग समान चौड़ाई में होते हैं, वर्गाकार, चौड़ा या चौकोर चेहरा (Square shape face) कहलाता है. इसमें आमतौर पर माथा चौड़ा होता है, और जबड़े एक स्पष्ट, कोणीय रेखा बनाते हैं.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार चौकोर चेहरे वाले स्त्री-पुरुष बुद्धिमान, साहसी व दृढ निश्चयी, परिश्रमी व उद्यमी प्रकृति के होते हैं. इन्हें अच्छा जीवनसाथी व परिवार मिलता है. कम पर योग्य संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि चौकोर चेहरे (Square shape face) वाले स्त्री-पुरुष अपने जीवन में सुखी एवं संतुष्ट होते हैं. इनमें नेतृत्व की क्षमता होती है, तथा ये उच्च आदर्शों को अपनाते हैं, परंतु इनका लगाव भौतिक या सांसारिक सुख-सुविधाओं की ओर भी होता है. ये अच्छे व श्रेष्ठ माता-पिता या अभिभावक साबित होते हैं.

हालांकि ऐसा भी (कुछ लोगों द्वारा) कहा गया है कि चौकोर मुख वाली स्त्रियों के जीवन में उतार-चढ़ाव भी आते हैं, और वे कई बार चुनौतियों का सामना करती हैं पर उनकी दृढ इच्छाशक्ति और परिस्थितियों को क़ाबू में करने की कला उन्हें जल्दी ही समस्याओं से बाहर निकाल भी देती है.

विशेषज्ञों के अनुसार चौकोर मुख वाले जातक स्वभाव से तेज-तर्रार और उग्र होते हैं, मगर उनमें दया और प्रेम की भावना भी प्रभावी रूप से होती है. यूं कहिये कि वे दूसरों को अपने अनुसार चलाना चाहते हैं, अपने मातहतों के साथ सख्ती भी बरतते हैं, परंतु उन पर अत्याचार या उनके साथ अन्याय के पक्षधर नहीं होते हैं. वे सिर्फ ख़ुद की तरह दूसरों में भी अनुशासन, सच्चाई एवं कर्तव्यनिष्ठा की अपेक्षा रखते हैं.
अस्वीकरण: इस लेख में कही गई बातें सामुद्रिक शास्त्र, पंच पक्षी सिद्धांत, भविष्य पुराण का स्त्री-पुरुष लक्षण वर्णन और अन्य शास्त्रीय पुस्तकों सहित पत्रिकाओं, इंटरनेट वेबसाइट, पूर्व में किये गए कार्यों से विवरण एकत्र कर किया गया साहित्यिक और वैचारिक अध्ययन का निचोड़ हैं. खुलीज़ुबान.कॉम इसकी शत-प्रतिशत प्रामाणिकता का दावा नहीं करता है. इसलिए, पाठक इसे संक्षिप्त जानकारी मानकर अपने विवेक का प्रयोग करें.
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