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समसामयिक

सोशल मीडिया: ऑनलाइन दोस्ती और प्यार की बगिया में ठगों की घुसपैठ, इन्हें पहचानने और बचने के कारगर तरीक़े जानिए

ऑनलाइन संपर्क में लोगों की असलियत जानना मुश्किल ज़रूर होता है, मगर इतना भी नहीं कि लूट-पिट जाने के बाद समझ आता है. मिसाल के तौर पर, मुंबई के 80 साल के बुजुर्ग को 9 करोड़ गंवाने के बाद महसूस होने, या फिर दूसरे हज़ारों-लाखों लोगों को लाखों-करोड़ों रुपये ठगे जाने के बाद ठगों को ठग समझने की बात सामान्य नहीं है. दरअसल, ऐसे हालात के पीछे आकर्षण की बड़ी भूमिका होती है. कई लोग आकर्षण को प्यार समझ बैठते हैं, जबकि ऐसे कई तरीक़े हैं जिनसे हम अपनी वास्तविक स्थिति जांचने के साथ ठगों की पहचान कर उनसे अपना बचाव भी कर सकते हैं.

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ऑनलाइन दुनिया में जहां लोगों को एक दूसरे के क़रीब आने और जुड़ने का मौक़ा मिला है वहीं, ठगों के लिए यह एक नया, विशाल और अधिक सुरक्षित मैदान बन गया है. इसके किसी भी प्लेटफार्म पर चले जाइये असंख्य लोग गिद्ध-दृष्टि गड़ाए और नोच खाने को तैयार बैठे हैं. बस हैलो-हाय होते ही डार्लिंग-हनी, माय लव-माय हार्ट, बेबी-बेब, इत्यादि की झड़ी लग जाती है. प्यार की रफ़्तार तो अंतरिक्ष यान की गति से भी तेज होती है. बहुरूपिये बैंक एकाउंट तक पहुंच जाते हैं, और बैलेंस को ज़ीरो करके ही दम लेते हैं. कईयों की तो जान पर बन आती है. फिर शुरू होती है छलिये की तलाश किसी गुमशुदा की तरह, मगर वह तो आत्मा की तरह होता है, जो शरीर से एक बार निकलने के बाद लौटकर वापस नहीं आता है. यूं कहिये कि मित्रता और प्रेम की ख़ूबसूरत बगिया में चोर और घोटालेबाजों ने अपना ठिकाना बना लिया है.

ऑनलाइन चैट-रोमांस के ज़रिए लोगों को फंसाता ठग गिरोह (सांकेतिक चित्र)

आज सोशल मीडिया के मंच पर हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे लोगों से आसानी से बातचीत शुरू कर सकते हैं, उनके बारे में जान सकते हैं, और उनसे जुड़ सकते हैं. इसमें कईयों को अपने जैसे विचार वाले लोग मिल जाते हैं, और उनमें दोस्ती भी हो जाती है. कई बार ये रिश्ते प्यार में बदल जाते हैं. इसमें कोई बुरी बात नहीं है, मगर जोखिम बहुत है, या फिर यूं कहिये कि मेलजोल का यह तरीक़ा धोखाधड़ी या ठगी की संभावनाओं से भरा हुआ है. दरअसल, इसकी धरातल ही कमज़ोर है. इसलिए, ऐसे रिश्ते न सिर्फ बहुत जल्दी टूट जाते हैं, बल्कि बड़ा और गहरा ज़ख्म भी छोड़ जाते हैं.

ऑनलाइन दोस्ती और प्यार की राह में अनपेक्षित व नकारात्मक संभावनाएं किस प्रकार की हैं, और कितनी हैं आइये जानते हैं.

झूठी पहचान

ठग अक्सर आकर्षक प्रोफाइल और झूठी पहचान बनाते हैं, और ख़ुद को ऐसे पेश करते हैं जैसे वे गुणवती या गुणवान, संवेदनशील और अनोखे हों. उनके चैट (लिखित बातचीत या संदेश) के शब्द भी प्रेमबाण के समान दिल पर सीधे असर करने वाले होते हैं. फिर, लक्षित व्यक्ति (टारगेट) भावनाओं में डूबता जाता है और उसका शिकार हो जाता है.

इसमें बड़ी भूमिका फ़ोटो की होती है. अक्सर किसी संघर्षशील (struggler) मॉडल, अभिनेता, गायक, खिलाड़ी या फिर किसी बहुत ही हसीन और जवान व्यक्ति का फ़ोटो, जो उनकी प्रोफाइल से चुराया गया होता है. वीडियो का मामला भी ऐसा ही है. यानी प्रस्तुत फ़ोटो या वीडियो निश्चित नहीं है कि उसी व्यक्ति का हो जिसके साथ आप ऑनलाइन गलबहियां कर रहे हैं, दो जिस्म एक जान हुए जा रहे हैं.

भावनाओं का शोषण

ऑनलाइन धोखेबाज़ दोस्त या नकली प्रेमी-प्रेमिका आपके साथ गहरे रिश्ते का छलावा करते हुए आपको अपने प्रेमजाल में फांसते हैं. जब उन्हें आपके दिल का हाल पता चल जाता है तब वे आपकी निजी जानकारी की मांग करते हैं.

वे आपको अपनी अश्लील तस्वीरें या वीडियो बनाने और भेजने या फिर वीडियो कॉल पर स्वयं को नग्न (nude) रूप में प्रदर्शित करने के लिए उकसाते हैं. फिर, भयादोहन या ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठते हैं.

जानिए कैसे ठगे जाते हैं लोग

सोशल मीडिया पर ठगी कई तरीकों से होती है, मगर सबसे आसान तरीक़ा होता है दोस्त या प्रेमी-प्रेमिका बनकर ठगना. इसमें प्रोफाइल से जुड़ते ही दोस्ती की शुरुआत हो जाती है. अब चूंकि विश्वास जीतना है तो दोस्ती भी गहरी होनी चाहिए. इसलिए, दोस्ती का मतलब समझाया-बुझाया जाता है. दोस्ती की मिसालें दी जाती हैं. इसे भाईचारे से भी जोड़ा जाता है. फिर, आती है आज़माइश की बात, या फिर अवसर कहिये जब पैसे ऐंठे जाते हैं, या अन्य गुप्त उद्देश्य पूरे किये जाते हैं.

मगर दोस्त अगर विपरीतलिंगी (स्त्री-पुरुष) हैं, तो उनमें प्यार आमतौर पर सहज और शीघ्र होता है. और अगर यह तेजी से बढ़े, उफ़ान मारने लगे, तो धोखाधड़ी या ठगी बहुत आसान हो जाती है.

प्यार के नाम पर ठगी

प्यार के नाम पर ठगी या रोमांस स्कैम (Romance Scam) में ठग सोशल मीडिया, खासतौर से फेसबुक और इंस्टाग्राम के प्रोफाइल में मालदार (सुखी-संपन्न और तड़क-भड़क वाली ज़िन्दगी जीने वाले) दिखने वाले लोगों को चुनते हैं, और उनसे प्यार का झूठा नाटक करते हैं. यहां तक कि शादी कर साथ ज़िंदगी बिताने का झांसा देते हैं. जब रिश्ता गहरा हो जाता है, तो वे आपका ग़लत फ़ायदा उठाने की क़वायद में लग जाते हैं. इसमें किसी बहाने पैसों की मांग आम है. पैसे ऐंठने के कुछ ख़ास हथकंडे इस प्रकार हैं:

1. गिफ़्ट या गिफ़्ट कार्ड की मांग: दोस्ती या प्यार में गिफ़्ट या उपहार आम है. इसीलिए फ़ोटो में या वीडियो कॉल के दौरान मनपसंद लूक में नज़र आने के नाम पर कपड़ों व अन्य साजोसामान की ख़रीदारी के लिए पैसों की मांग की जाती है.

यह भी कहा जाता है कि मोबाइल का डाटा ख़त्म हो गया है, और उसके लिए गिफ़्ट कार्ड (एक प्रीपेड संग्रहित-मूल्य वाला मनी कार्ड) ख़ासतौर से गूगल प्ले या एप्पल कार्ड जैसा गिफ़्ट कार्ड ख़रीदने को कहा जाता है, और उसके पीछे दिए गए नंबर भी बताये जाते हैं. वे चाहे जो भी हों, यह एक घोटाला या ठगी ही है.

2. तत्काल आर्थिक मदद या उधार की मांग: जब महिला ठग को पता चल जाता है कि पुरुष उसमें ख़ूब रूचि ले रहा है या उसके प्रेमजाल में फंस चुका है, तो वह किसी मुश्किल का बहाना बनाकर मदद या उधार के नाम पर पैसों की मांग करती है.

मिसाल के तौर पर, वह कह सकती है कि उसके परिवार का कोई सदस्य या वह स्वयं, अस्पताल में भर्ती है, और बिल भरना है, लेकिन पूरे पैसे नहीं हैं. तत्काल मदद चाहिए.

यह भी कह सकती है कि बीच रास्ते में उसकी गाड़ी ख़राब हो गई थी, और उसकी मरम्मत के बाद अब उसे पेमेंट करना है, लेकिन उसके एकाउंट से पैसा ट्रांसफर नहीं हो पा रहा है. जल्दी पैसे चाहिए.

इसके लिए मनीग्राम, रिया और वेस्टर्न यूनियन जैसी सेवाओं के ज़रिए पैसे भेजने का सुझाव दिया जाता है, जो नकदी भेजने जैसा होता है, और जिसे वापस पाना आमतौर पर नामुमकिन होता है.

ऐसा चूंकि अचानक होता है, और पैसों के भुगतान करने में ज़्यादा सोच-विचार करने या किसी से सलाह लेने का पर्याप्त समय नहीं होता है इसलिए, अधिकतर लोग सही निर्णय नहीं ले पाते हैं, और फंस जाते हैं. उनके दिलोदिमाग़ पर चढ़ा प्यार का बुखार भी इसमें काफ़ी हद तक ज़िम्मेदार होता है.

3. गिफ़्ट भेजने का झांसा: ठग ख़ुद के या अपने परिवार के किसी सदस्य के जन्मदिन या वर्षगांठ या फिर ख़ुशी का कोई अन्य अवसर, जैसे प्रोन्नति, व्यवसाय में लाभ, आदि के नाम पर ढेर सारे और महंगे उपहार भेजने की इच्छा जताते हुए घर का पता और मोबाइल नंबर (पर्सनल कॉन्टेक्ट नंबर) मांग लेते हैं.

विश्वास दिलाने के लिए बाक़ायदा शॉपिंग मॉल के अंदर की ख़ुद की तस्वीर के साथ उपहारों की तस्वीरें भी साझा की जाती हैं.

शॉपिंग मॉल में महिला और इलेक्ट्रोनिक्स आइटम (प्रतीकात्मक चित्र)

फिर, जल्द ही किसी फ़र्ज़ी कस्टम अधिकारी का कॉल आता है. वह पार्सल आने के सूचना देने के साथ डिलीवरी शुल्क जमा कराने के लिए एकाउंट नंबर देता है. यह अज़ीब तो लगता है पर दोस्त या महबूब के तोहफ़े की इज्ज़त का ख़याल या फिर कुछ हज़ार के बदले लाखों के सामान का लालच हावी हो जाता है.

लेकिन जैसे ही पैसा ट्रांसफर होता है, भेजने वाला/वाली और कस्टम अधिकारी, दोनों ग़ायब हो जाते हैं.

4. बड़ी धनराशि भेजने का झांसा: बड़ी रक़म भेजने के मामले या कहानी में महिलाएं सामने आती हैं, जो ख़ुद को विशेषकर सीरिया (पहले अफ़ग़ानिस्तान का नाम लिया जाता था), आदि अशांत देशों में संयुक्त राष्टसंघ की शांति सेना (Peace Keeping Army) में प्रतिनियुक्त (On deputation) अधिकारी के रूप में पेश करती हैं.

सेना की वर्दी में महिलाएं (सांकेतिक चित्र)

फिर, वे बताती हैं कि उनके कैंप में करोड़ों डॉलर से भरा एक बक्सा रखा है, जो उन्हें किसी आतंकी गुट के साथ मुठभेड़ के दौरान मिला है. मगर वे उसे ज़्यादा दिनों तक वहां नहीं रख सकती हैं, और जल्द से जल्द किसी दूसरे देश में भेज देना चाहती हैं. इसके लिए वे किसी सच्चे और क़ाबिल व्यक्ति की तलाश में हैं, जो उस धन के निवेश और व्यवसाय में सहयोग के साथ-साथ उन्हें ढेर सारा प्यार देने वाला जीवनसाथी भी बन सकता हो.

ब्रीफकेस, बैग व बक्से में रखा पैसा (प्रतीकात्मक चित्र)

कई बार पैसों के वीडियो भी भेजे जाते हैं, ताकि पूरा भरोसा हो जाये.

ब्रीफकेस से पैसा अलग कर दिखाता और फिर वापस उसमें रखता हुआ कोई व्यक्ति (एक ऑनलाइन ठग द्वारा भेजा गया वीडियो)

जैसे ही बात बनती है, समुद्री मार्ग से किसी फ़र्ज़ी डिलीवरी कंपनी के ज़रिए पार्सल भेजे जाने की सूचना दी जाती है.

और आख़िरकार, किसी बंदरगाह से कंपनी के एजेंट या अधिकारी का मैसेज और कॉल आता है, जिसमें पार्सल डिलीवरी शुल्क जमा कराने के लिए एकाउंट नंबर होता है. पैसा जमा होते ही एजेंट और महिला, दोनों फुर्र हो जाते हैं.

5. देश या शहर घूमने-घुमाने और मौज-मस्ती करने का प्रस्ताव: दोस्त या आशिक़-महबूबा, खासतौर से महबूबा का नक़ाब ओढ़े ऑनलाइन विदेशी ठग आपके देश में आने की बात कहकर आपके नजदीकी एयरपोर्ट का नाम, आपका पता और मोबाइल नंबर मांगते हैं.

फिर, वे आ रहे हैं यह दिखाने के लिए अपने नाम का वीजा और एयर टिकट की कॉपी भेज देते हैं.

विदेशियों का भारत का वीजा और टिकट (सांकेतिक चित्र)

यहां तक कि वे यात्री इमिग्रेशन काउंटर और जहाज के अंदर का फ़ोटो (फोटोशॉप के ज़रिए तैयार नकली फ़ोटो) भी भेजते हैं, ताकि विश्वास हो जाये कि फलां सचमुच सफ़र शुरू कर चुकी है.

हवाई जहाज में सफ़र के लिए चढ़ी महिला की पासपोर्ट के साथ सेल्फी (प्रतीकात्मक चित्र)

इधर, यह सब देख और जान कर संबंधित व्यक्ति के मन में लड्डू फूट रहे होते हैं.

लेकिन वह नहीं आती है, उसका कॉल आता है. वह बताती है कि हवाई अड्डे पर उसे कस्टम अधिकारियों ने रोक लिया है, क्योंकि उसके पास कुछ क़ीमती सामान (जैसे डॉलर, महंगे गिफ़्ट, जूलरी, आदि) है जिसकी कस्टम ड्यूटी भरने के लिए उसके पास इंडियन करेंसी (भारतीय मुद्रा) नहीं है.

कस्टम ऑफिस में खड़ी मोबाइल फ़ोन पर बात करती हुई महिला (सांकेतिक चित्र)

वह कहती है कि अधिकारी उसका क्रेडिट कार्ड स्वीकार नहीं कर रहे हैं. साथ ही, वह अपना बैंक एकाउंट भी इस्तेमाल नहीं कर पा रही है.

वह ऑनलाइन पैसे भेजने के लिए कथित किसी अधिकारी से बात भी करवाती है. वह एकाउंट नंबर देता है.

फिर, जैसे ही बतौर मदद पैसा ट्रांसफर होता है, वह ग़ायब हो जाती है.

न्यूज़ मीडिया में छपी ठगी की रिपोर्ट (प्रतीकात्मक चित्र)

देशी प्रेमिका रूपी ठगिनी प्रेमी के शहर आने और साथ वक़्त गुज़ारने के लिए पैसों की मांग करती है, और ले भी लेती है पर पहुंचती नहीं है. मगर कुछ ऐसी भी हैं, जो अपने शहर बुलाती हैं, और लूट लेती हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ मामलों में जान के भी लाले पड़ जाते हैं.

प्रेमी रूपी ठग मिलता है. वह ख़ूब प्यार उड़ेलता और आनंद देता है. इसी दौरान वह छल से धन के साथ जेवरात भी निकलवा लेता है, और ग़ायब हो जाता है. कुछ मामलों में पता चलता है कि वह निजी पलों में अंतरंगता या यौन गतिविधियों के चित्र या वीडियो बना लेता है और फिर आर्थिक और शारीरिक शोषण करता है.

ब्लैकमेलिंग या हनीट्रैप: प्यार के बहाने महिला ठग अपने हुस्न के जलवे बिखेरती हैं, या फिर यूं कहिये कि लोगों को वे यौन या लैंगिक रूप से ललचाती हैं. इसका कईयों के दिलोदिमाग़ पर गहरा असर पड़ता है और वे शारीरिक रूप से ज़्यादा खुल जाते हैं, सब कुछ देखने और दिखाने लगते हैं. यानी प्यार के नाम पर ऑनलाइन सेक्स होने लगता है.

ऑनलाइन चैट के ज़रिए हनी ट्रैप (सांकेतिक चित्र)

उधर ठग गिरोह के सदस्य इसकी रिकॉर्डिंग कर रहे होते हैं. फिर, पैसे मांगते हैं, यह धमकी देकर कि वे उनके फ़ोटो और वीडियो उनके परिवार और दोस्तों को भेज देंगें या इंटरनेट पर वायरल कर देंगें.

फ़र्ज़ी निवेश के लिए मानसिक दबाव बनाना: प्यार का नाटक करने वाली लड़कियां-महिलाएं पुरुषों से लगातार संपर्क बनाये रखती हैं, और उनका हालचाल पूछने के बहाने उनके दिनभर की गतिविधि और आय-व्यय के बारे में जानने के प्रयास में रहती हैं.

उन्होंने नाश्ता किया है या नहीं, लंच और डिनर कब करेंगें, यह सब पूछा जाता है.

यह भी पूछा जाता है कि रात कैसी गुजरी. नींद में सपने तो नहीं देखे? अगर हां, तो उसमें क्या-क्या हुआ?

उनके शौक़ में रूचि दिखाते हुए उनकी लगातार तारीफ़ कर उन्हें भावनात्मक रूप से जोड़ा जाता है. और जब उनका दिमाग़ नियंत्रित हो जाता है, तब उनसे किसी फ़र्ज़ी कंपनी, शेयर और बिटकॉइन या ईथर जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करवाया जाता है. इनमें कितने जोखिम और घोटाले हैं, जगजाहिर हैं. मगर हुस्न का जादू सिर चढ़कर बोलता है, और आशिक़मिजाज़ को कहीं का नहीं छोड़ता है, ले डूबता है.

जानें क्या है ठग की पहचान, क्या करें क्या न करें

दोस्ती हो या प्यार, इसमें सावधानी बहुत ज़रूरी है. यह ऐसी राह है जिसमें फूंक-फूंककर क़दम बढ़ाना चाहिए. ख़ासतौर से प्यार में चूंकि पाने से ज़्यादा खोने की संभावना होती है इसलिए, यह जांच लेना ज़रूरी है कि वास्तव में आपको प्यार हुआ भी है या नहीं, या फिर आपने आकर्षण को ही प्यार समझ लिया है. फिर, आगे बढ़ें, और दूसरे को भी बहुत ग़ौर से देखें. उसके बारे में पूरी छानबीन करें.

यह जान लें कि जिसको आमने-सामने देखा नहीं, साथ समय बिताया नहीं, उसे अपना मान लिया जाये यह समझदारी वाला काम नहीं है. समझदारी इसमें है कि किसी को समय रहते अच्छी तरह जान-समझ और परख लिया जाये. ऐसे कई तरीक़े हैं जिनके द्वारा अच्छे और बुरे व्यक्ति या ठग की पहचान की जा सकती है.

प्रोफाइल और फ़ोटो का अध्ययन: ठगों का सोशल मीडिया एकाउंट भी एक घोटाला ही होता है. इसलिए, किसी व्यक्ति के प्रोफाइल में यदि उसकी बहुत कम व्यक्तिगत जानकारी हो, उसका दूसरे एकाउंट से बहुत कम या कोई संबंध न हो ,और उसे बहुत कम कमेंट, लाइक और शेयर मिले हों, तो उससे सावधान हो जायें.

फेसबुक पर बिना इंट्रो डिटेल और एक्टिविटी का एक प्रोफाइल (प्रतीकात्मक चित्र)

प्रोफाइल फ़ोटो भी बहुत महत्वपूर्ण है. अगर यह ज़्यादा पेशेवर यानी अधिक भड़कीला या उत्तेजक हो, या फिर धुंधला (अस्पष्ट) हो तो बहुत संभव है कि किसी और का हो सकता है.

फेसबुक और इंस्टाग्राम पर महिलाओं के प्रोफाइल फ़ोटो (सांकेतिक चित्र)

इसलिए, इसे रिवर्स इमेज सर्च (गूगल रिवर्स इमेज सर्च, टीनआई रिवर्स इमेज सर्च) करके पता करें कि यह फ़ोटो कहीं अलग-अलग जगहों पर, अलग-अलग नाम या व्यक्तिगत जानकारी के साथ ऑनलाइन तो नहीं है.

पूछें ढेर सारे सवाल: आप चैट कर रहे व्यक्ति (स्त्री या पुरुष) से उसके द्वारा फेसबुक मैसेंजर या इंस्टाग्राम के मैसेज बॉक्स (DM or Inbox) में दी गई परिचय संबंधी शुरुआती जानकारी और अब दी जा रही जानकारी में मिलान करें. अगर इनमें फर्क है, तो ढेर सारे सवाल पूछें, सवालों की बौछार कर दें. अगर वह नकली या ठग होगा तो परेशान हो जायेगा और ग़लतियां करेगा, या फिर आपको छोड़कर चला जायेगा.

कॉल पर बातचीत: फोन कॉल, वॉइस कॉल या वीडियो कॉल पर बातचीत में आपके ऑनलाइन दोस्त या प्रेमिका में निम्नलिखित प्रकार के लक्षण या चीज़ें दिखाई दे, या महसूस हो तो समझ जाइये कि मामला गड़बड़ है. वह व्यक्ति ठग हो सकता है.

1. हर बार व्यक्ति ख़ुद कॉल करता हो और आपका कॉल नहीं उठाता हो

2. कॉल में उसकी आवाज़ प्राकृतिक न होकर अज़ीब-सी या दूसरे की लगती हो तो बहुत संभव है कि वह वॉइस चेंजर का इस्तेमाल कर रहा है

3. आवाज़ बदली हुई या किसी दूसरे की लगती हो

4. अगर वह वीडियो कॉल पर आने से मना करे और यह कहे कि वह किसी तेल रिग पर, समुद्री जहाज पर, सेना में, अंतर्राष्ट्रीय संगठन में या ख़ुफ़िया विभाग में काम करता है इसलिए संभव नहीं है

5. अगर वीडियो कॉल पर सिर्फ वही बोलता रहे और आपकी बात का जवाब न दे

6. वीडियो में अगर वह नंगा हो या कपड़े उतारता दिखे तो तुरंत कॉल काट दें

विशेष व्यक्तिगत, आय-व्यय या लेनदेन संबंधी जानकारी न दें: भावनाओं में बहकर अपने प्रेमी या प्रेमिका को न तो अपनी ख़ास निजी बातें बताएं, और नहीं ख़ुद कभी कमाई और ख़र्च या लेनदेन की जानकारी कभी शेयर करें. अगर वह आपकी ऐसी जानकारी चाहती है या आपके बैंक या नेटबैंकिंग पासवर्ड में दिलचस्पी रखती है, तो ऐसे ‘प्यार’ को बाय-बाय कहने में देर न करें.

और अगर आप ठगी का शिकार हो चुके हैं तो सिर्फ ख़ुद को ही दोषी मानकर चुपचाप बैठ मत जाइये, साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कीजिये या cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिक़ायत कीजिये.

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रामाशंकर पांडेय

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