होंठ केवल सौन्दर्य का एक महत्वपूर्ण प्रतीक ही नहीं, बड़े संकेतक भी होते हैं, यह विज्ञान भी मानता है.परंतु, क्या इनके ज़रिये जीवन के रहस्यों को जाना-समझा जा सकता है? या यूं कहिये कि क्या होंठ किसी व्यक्ति के स्वभाव या चरित्र से जुड़ी वे बातें भी बता सकते हैं, जो हाव-भाव और रहन-सहन से उजागर नहीं हो पाती है, बाहर से नज़र नहीं आती है? यदि सामुद्रिक शास्त्र की मानें, तो इसका उत्तर है- हां. सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि स्त्री-पुरुष के होंठ उनके जीवन का दर्पण होते हैं, जिसमें संपूर्ण आतंरिक छवि देखी जा सकती है.यहां तक कि उनके भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में भी सब कुछ जाना-बताया जा सकता है.इसके अनुसार होंठ मुख का द्वार होने के साथ जीवन के रहस्यों के ज्ञान-क्षेत्र का प्रवेश-द्वार भी होते हैं.
सौंदर्यशास्त्र में होंठों का बड़ा महत्त्व है.इसमें कुछ विशेष आकृति और रंग वाले होंठों की तुलना विशेष प्रकार के फूलों और कामदेव के धनुष, आदि से करते हुए यौन-आकर्षण का एक मुख्य केंद्र-बिंदु बताया गया है.कविताओं और गीतों में तो ‘गुलाबी’ और ‘रसीले’ होंठों की चर्चा आम है, सदियों से लोग एक दूसरे को ऐसी उपमाएं देते, गाते और रिझाते आ रहे हैं.मगर अध्ययन के दूसरे क्षेत्रों में देखें तो होंठों के बारे में और भी रहस्यमयी बातों का पता चलता है.
विज्ञान कहता है कि होंठों के रंग व्यक्ति के स्वास्थ्य का हाल बता देते हैं.मनोविज्ञान और मानविकी (वे विषय जिनमें विभिन्न विधियों द्वारा मानवीय स्थिति का अध्ययन किया जाता है) के अनुसार लोगों के व्यक्तित्व की पहचान करने में होंठ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.मगर सामुद्रिक शास्त्र इससे भी आगे की बात करता है.इसका कहना है कि होंठ मनुष्य के जीवन का आइना होते हैं, जिसमें सब कुछ नज़र आता है.
विदित हो कि ज्योतिष विज्ञान की एक प्रमुख शाखा है सामुद्रिक शास्त्र, जिसमें शरीर के अंगों के आकार-प्रकार और रंग-रूप के आधार पर मनुष्य के बारे में जानने और समझने की बात कही गई है.उनमें होंठ भी लाक्षणिक कहे गए हैं, और इनके बारे में विस्तृत वर्णन है.इसमें कहा गया है कि होंठों की बनावट या आकार-प्रकार और रंग-रूप किसी व्यक्ति के स्वभाव और सेहत के साथ उसके जीवन से जुड़ी अन्य बातें भी बताने में सक्षम होते हैं.अर्थात किसी व्यक्ति के होंठों का निरीक्षण कर उसके भूत, वर्तमान और भविष्य को भी जाना जा सकता है.
होंठ होते क्या हैं जानिए
पारिभाषिक रूप में, जबड़े से जुड़े नरम उपांगों की एक क्षैतिज जोड़ी, जो आहार ग्रहण छिद्र या मुख का द्वार होने के साथ ध्वनि के उच्चारण में सहायक होती है, होंठ कहलाती है.हिंदी में इसे ओष्ठ, ओठ, अधर, आदि के नाम से भी जानते हैं.अंग्रेजी में इसे लिप या लिप्स (lips) कहा जाता है.
होंठ दो भागों में विभाजित होता है- ऊपरी होंठ और निचला होंठ.विज्ञान में इन्हें क्रमशः लेबियम सुपीरियस ऑरिस (labium superius oris) तथा लेबियम इन्फीरियस ऑरिस (labium inferius oris) कहा जाता है.इन पर न तो बाल होते हैं, और न ही पसीने की ग्रंथियां होती हैं.इसलिए, इनकी देखभाल की आवश्यकता होती है.
सौंदर्यशास्त्र में होंठों का ख़ास महत्त्व है.यह कुछ विशेष अंगों के समान वह स्पर्श संवेदी अंग है, जो अंतरंगता के दौरान चुंबन आदि के द्वारा कामुकता बढ़ाने का कार्य करता है.
मगर इससे भिन्न, अधिक और महत्वपूर्ण बातें सामुद्रिक शास्त्र में वर्णित हैं.इस ग्रंथ में विभिन्न आकार-प्रकार और रंग-रूप के होंठों वाले स्त्री-पुरुष के जीवन के बारे में बताया गया है.यहां महिलाओं के बारे में उनके होंठों के प्रकार के आधार पर क्या कहा गया है, आइये जानते हैं.
मोटे होंठ
मोटे होंठ का अर्थ है ऊपरी और निचले, दोनों होंठों का मोटा होना.सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन स्त्रियों के होंठ मोटे होते हैं वे तीव्रबुद्धि, परिश्रमी, ज़िद्दी और क्रोधी स्वभाव की होती हैं.इन्हें इच्छित वर और अच्छी ससुराल नहीं मिलती है.देर से तथा कम संतान का योग होता है.
सामुद्रिक शास्त्र के ज्ञाता या विशेषज्ञों का कहना है कि मोटे होंठों वाली महिलाएं क़ाबिल और मेहनती होती हैं, जिसका लाभ उन्हें मिलता है.मगर अक्सर उनके सामने कोई न कोई समस्या खड़ी हो जाती है, जो उन्हें शारीरिक-मानसिक रूप से परेशान करती रहती है.
दरअसल, इन्हें अपने जीवन में किसी भी प्रकार का समझौता करना अपनी शान के ख़िलाफ़ लगता है.इसलिए, ये अपनी जिद पर अड़ी रहती हैं, जिससे इनका बनता हुआ काम भी बिगड़ जाता है.ऐसे में, इन्हें बहुत क्रोध आता है, जो क्रूरता की ओर भी ले जाता है.यही कारण है कि अधिकांश लोगों से इनकी बनती नहीं है, और समाज में ये अलग-थलग रहती हैं.
इनके दांपत्य जीवन में भी मधुरता का अभाव होता है, और यह समझौते पर टिका होता है.
इन्हें संतान से सुख-प्राप्ति का योग प्रबल होता है.
मगर यह सुख भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के आगे फीका पड़ जाता है, और वृद्धावस्था के आते-आते इनका शरीर कमज़ोर और लाचार हो जाता है.इनका जीवनकाल अधिकतम 67 साल का बताया जाता है.
ऊपरी होंठ मोटे और बड़े
ऊपरी और निचले होंठों में असमानता आम है.लेकिन कुछ लोगों में इनमें कुछ ज़्यादा ही अंतर होता है- मोटाई या उभार के मामले में.इसलिए, विशेषज्ञों ने इन्हें अलग श्रेणी में रखा है, और दुर्लभ बताया है.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन स्त्रियों के ऊपरी होंठ निचले होंठ की तुलना में मोटे और बड़े होते हैं वे कुशाग्रबुद्धि, स्थिरचित्त (दृढ़, जो जल्दी अपने विचार न बदलता हो) और परिश्रमी तथा उद्यमी प्रवृत्ति की होती हैं.इन्हें सुंदर पति व मनचाहा परिवार मिलता है.अधिक संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्त्रियों का ध्यान व्यावसायिक या उस किसी भी कार्य की ओर अधिक होता है, जिसमें लाभ मिलता है, और उनका और उनके परिवार का भला होता है.ये पूरी तरह व्यावहारिक होती हैं, और अपने उद्देश्यों की पूर्ति के मार्ग में इन्हें किसी भी प्रकार के समझौते से गुरेज़ नहीं होता है.इस कारण इनके संपर्क अर्थात बाहरी या सामाजिक रिश्ते भी अवसरों के हिसाब से बदलते रहते हैं.
इन्हें हर प्रकार की सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं, और घर-परिवार में आमतौर पर अमन-चैन बना रहता है.
इनका दांपत्य जीवन सामान्य बना रहता है.मगर संतान से विवाद का योग होता है.
इनका स्वास्थ्य ठीक रहता है, और किसी गंभीर बीमारी का भी योग नहीं होता है.बताया जाता है कि ये 80 से अधिक वर्षों तक जीती हैं.
निचले होंठ मोटे या उभरे हुए
जिन स्त्रियों का निचला होंठ ऊपर वाले होंठ से ज़्यादा मोटा या उभार लिए हुए होता है वे बुद्धिमान, शांत, संयत और आत्मलीन प्रकृति की होती हैं.इंनके बेमेल विवाह, और निःसंतान रहने का योग होता है.
विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी महिलाएं आत्मनिर्भर होती हैं, और अपने दम पर सब कुछ हासिल करने के क़ाबिल होती हैं.मगर इनका स्वभाव बड़ा अज़ीब या रहस्यमयी होता है क्योंकि इनके लिए न तो कोई वस्तु और न ही कोई व्यक्ति मायने रखता है.इनके लिए अपना सिद्धांत और उद्देश्य ही सब कुछ होता है, और उसी में ये तल्लीन रहती हैं.
ये कभी किसी के ज़्यादा क़रीब नहीं जाती हैं, और न ही किसी को ऐसा अवसर देती हैं.यहां तक कि अपने घर-परिवार में भी, अपना दुख-दर्द नहीं बांटती हैं.इस कारण इन्हें भरोसेमंद नहीं माना जाता है.या यूं कहिये कि लोग इन्हें संदेह की दृष्टि से देखते हैं, और वे भी (परिवार और समाज, दोनों ) इनसे कोई वास्ता नहीं रखते हैं.
इनका दांपत्य जीवन भी समझौतों पर टिका होता है.
इनका स्वास्थ्य ठीक रहता है, और ये दीर्घायु होती हैं.बताया जाता है कि ये 80 वर्ष से अधिक उम्र तक जीती हैं.
पतले होंठ
जिन स्त्रियों के होंठ पतले होते हैं वे दिमाग़ की तेज, जागरूक, उद्यमी और परिश्रमी प्रकृति की होती हैं.इन्हें अच्छा पति व परिवार मिलता है.कम पर योग्य संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों के अनुसार पतले होंठों वाले स्त्री जातकों के जीवन का आरंभिक काल कठिनाइयों में बीतता है.लेकिन आगे, वे संघर्ष कर अच्छे मुकाम (स्थान) पर पहुंचती हैं जहां उन्हें तमाम सुख-सुविधाएं और खुशियां हासिल हो जाती हैं.यश की प्राप्ति होती है.
इनका दिल बड़ा होता है, जिसमें ढ़ेर सारा प्यार, दया और करुणा होती है.किसी की सहायता करने, उसे कष्ट से उबारने में इन्हें अधिक शांति और संतुष्टि की अनुभूति होती है.
इनका दांपत्य जीवन अच्छा रहता है, रिश्ते मजबूत रहते हैं.
इन्हें संतान से ख़ास लगाव होता है, और उनसे सुख भी प्राप्त होता है.
इन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई बड़ी समस्या नहीं होती है, और दीर्घायु मानी जाती हैं.ये 80 वर्ष तक या इससे अधिक समय तक जीती हैं.
धनुषाकार होंठ
कुछ महिलाओं के होंठ धनुष की आकृति के होते हैं इसलिए, इन्हें धनुषाकार होंठ कहा जाता है.साहित्यिक रचनाओं में ऐसे होंठों को ‘कामदेव के धनुष जैसा’, ‘कामुक होंठ’, ‘रसिक होंठ’, इत्यादि कहा गया है.सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे होंठों वाली स्त्रियां सुंदर और आकर्षक, बुद्धिमान, परिश्रमी-उद्यमी और प्रभावशाली होती हैं.इनके प्रेम विवाह और अधिक संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि धनुषाकार होंठ वाली स्त्रियों को किसी चीज़ की कमी नहीं होती है, सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं.ये सुखी जीवन जीती हैं, और प्रसिद्धि प्राप्त करती हैं.लेकिन कई बार पारिवारिक और सामाजिक आलोचना-उलाहना भी इन्हें झेलनी पड़ती है.
इसका कारण हैं इनके खुले विचार, जिसमें बंधनमुक्त जीवन की कल्पना हिलोरें मारती रहती हैं.नतीज़तन, कईयों से संबंध बनता-बिगड़ता रहता है.
पति को ये रति (कामदेव की पत्नी) के समान यौन सुख देने वाली होती हैं.पति भी इन पर लट्टू रहते हैं.इनका संतान से लगाव रहता है.
इनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है, मगर ये दीर्घायु नहीं होती हैं.अर्थात इन्हें औसत आयु ही प्राप्त होती है, ये अधिकतम 70 वर्ष तक जीती हैं.
लंबे होंठ
लंबे होंठों वाली स्त्रियां तीव्रबुद्धि, परिश्रमी और उद्यमी, अस्थिरचित्त या चंचल मन की होती हैं.इन्हें अनेक (एक से अधिक) विवाह या पुनर्विवाह, और अधिक संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों के अनुसार जिन महिलाओं के होंठ लंबे होते हैं वे शारीरिक और मानसिक रूप सक्षम होती हैं.वे धन भी अर्जित करती हैं, लेकिन उनका जीवन उतार-चढ़ाव वाला होता है.अर्थात कभी सब कुछ भरा-पूरा होता है तो कभी अभाव की स्थिति भी बन जाती है.
इसका कारण भी इनका मन होता है, जो नियंत्रण में नहीं रहता है.दरअसल, उपलब्धता या प्रचुरता में ये दिखावे और भोग-विलास ही में रत रहती हैं.तन-मन की प्यास बुझती नहीं है.कमी की स्थिति में, फिर उद्यम और परिश्रम करती हैं.यूं समझ लीजिये कि प्यास लगने पर कुआं खोदने निकलती हैं.
इस कारण इनकी आलोचना होती है, और पारिवारिक-सामाजिक संबंधों में कड़वाहट आ जाती है.
इनका दांपत्य जीवन समझौतों पर टिका होता है.लेकिन, संतान से रिश्ता मजबूत होता है.
इन्हें रोग का योग प्रबल होता है, और बुढ़ापा भी जल्दी घेर लेता है.ये अधिकतम 70 वर्ष की आयु पूरी कर पाती हैं.
छोटे व उभरे हुए होंठ
छोटे व उभरे हुए होंठों वाली स्त्रियां सुंदर, कोमल और अधिक संवेदनशील होती हैं.इन्हें प्यार करने वाला पति मिलता है पर अच्छा परिवार नहीं मिलता है.अधिक संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों के मुताबिक़ जिन महिलाओं के होंठ छोटे व उभरे हुए होते हैं उनका जीवन उतार-चढ़ाव वाला होता है, और इनके कई सपने अधूरे रह जाते हैं.
हालांकि ये सक्रिय और परिश्रमी होती हैं, और सफलता भी प्राप्त करती हैं, मगर इसकी दर कम होती है.अर्थात इन्हें उतना प्राप्त नहीं होता है जितना ये प्रयास करती हैं.
ये बड़ी जल्दी किसी पर भरोसा कर लेती हैं.मगर मोहभंग होने में भी देर नहीं लगती है.दरअसल, ये ज़रा भी संदेह होने पर किसी से रिश्ता तोड़ लेने से गुरेज़ नहीं करती हैं.
ये पति की सेवा करने वाली और भरपूर सुख देने वाली होती हैं.इनके पति भी इन पर जान छिड़कते हैं.
इनका संतान से विशेष लगाव रहता है, और उनसे सुख की प्राप्ति होती है.
इनका स्वास्थ्य आमतौर पर ठीक रहता है.लेकिन वृद्धावस्था के प्रारंभ में किसी गंभीर बीमारी का योग होता है, जिसके कारण जल्दी ही इनका शरीर कमज़ोर और लाचार हो जाता है.इनका कुल जीवनकाल 68-70 साल का बताया जाता है.
गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ
जिन स्त्रियों के होंठ गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होते हैं वे शांत, सुशील, मिलनसार और कलाप्रेमी होती हैं.इन्हें अच्छा पति व खुशहाल परिवार मिलता है.कम पर सुंदर और योग्य संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों के अनुसार गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठों वाली महिलाओं के जीवन में कोई कमी नहीं होती है, और उनके अधिकांश सपने पूरे होते हैं.
ये मिलजुलकर रहने और एक-दूसरे का सहयोग-सहायता करने की भावना रखती हैं.असामान्य परिस्थितियों में भी, अपनी प्रतिक्रिया और व्यवहार में मर्यादाएं नहीं लांघती हैं.इस कारण इनका परिवार और समाज में अच्छा स्थान और सम्मान होता है.अनेक लोग इनसे प्रेरित और प्रभावित होते हैं.
इनका दांपत्य जीवन रोमांस से भरपूर और संबंध मजबूत होता है.
इन्हें संतान-सुख का योग भी प्रबल होता है.
इनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है, और दीर्घायु होती हैं.बताया जाता है कि ये 80 वर्ष से अधिक आयु तक जीती हैं.
लाल होंठ
जिन स्त्रियों के होंठ सुर्ख या लाल रंग के होते हैं वे कुशाग्रबुद्धि, जागरूक, परिश्रमी व उद्यमी होती हैं.इन्हें अच्छा पति और अच्छी सुसराल मिलती है.ये सुंदर और योग्य संतान को जन्म देती हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार लाल होंठों वाली महिलाएं जिस किसी क्षेत्र में भी ध्यान लगाती हैं, जल्दी दक्षता प्राप्त करती हैं.इनमें से कुछ के बहुमुखी प्रतिभा की धनी होने का योग बनता है.
ये खुशहाल ज़िन्दगी जीती हैं, और अपने सपने पूरे करती हैं.
ये अपने परिवार की चहेती होती हैं, और समाज में भी इन्हें अच्छा स्थान और सम्मान प्राप्त होता है.अनेक लोग इनसे प्रभावित होते हैं, प्रेरणा लेते हैं.इस कारण इनके थोड़े अहंकारी होने का भी योग बनता है.
इनका दांपत्य जीवन सामान्य रहता है.संतान से लगाव रहता है.
इनका स्वास्थ्य आमतौर पर अच्छा रहता है.मगर जीवन के उत्तरार्ध (जीवन का आख़िरी चरण, जो क़रीब 65 साल की उम्र से शुरू होता है) में इन्हें कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याएं (व्याधियां) घेर लेती हैं, जो मृत्यु का कारण बनती हैं.बताया जाता है कि ये अधिकतम 70-72 साल तक जीती हैं.
काले होंठ
सामुद्रिक शास्त्र कहता है कि काले होंठों वाली स्त्रियां दिलोदिमाग़ से मजबूत, चालाक, बातूनी और प्रभावशाली होती हैं.इन्हें मनचाहा पति और अच्छी ससुराल नहीं मिलती है.कम तथा देर से संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों के अनुसार जिन महिलाओं के होंठ काले होते हैं वे दिमाग़ की तेज और परिश्रमी होती हैं, हमेशा प्रयासरत रहती हैं, छल-बल का भी प्रयोग करती हैं, लेकिन परिणाम या फल अपेक्षित नहीं प्राप्त होता है.इससे इनकी न्यूनतम आवश्यकताएं ही पूरी हो पाती हैं, और ज़्यादातर जीवन अभाव में गुजरता है.
अपने परिवार में इनका दबदबा होता है, मगर समाज में सम्मान प्राप्त नहीं होता है.अधिकांश लोग इन्हें जानते और सुनते हैं, मगर इनकी वाचालता या बातूनीपन के कारण पसंद नहीं करते हैं, और संदेह करते हैं.जो कोई इनके प्रभाव में आ जाता है, ये उसका शोषण करती हैं.विश्वासघात करने से भी गुरेज़ नहीं करती हैं.
ये अपने पति को पल्लू से बांधकर रखती हैं, और अपने इशारों पर नचाती हैं.
बचपन से लेकर अधेड़ावस्था तक इनका स्वास्थ्य आमतौर पर अच्छा रहता है पर बुढ़ापा अधिक कष्टकारी हो जाता है.बताया जाता है कि 70 वर्ष के आसपास इनकी मृत्यु का योग होता है.
गुलाबी होंठ
जिन स्त्रियों के होंठ गुलाबी यानी गुलाब के फूल के रंग के होते हैं वे बुद्धिमान एवं प्रखर, शांत, आकर्षक एवं मिलनसार व्यक्तित्व की स्वामिनी होती हैं.इन्हें प्यार करने वाला पति और अच्छी ससुराल मिलती है.इन्हें अधिक संतान का योग होता है.
विशेषज्ञों के अनुसार गुलाबी होंठों वाली महिलाएं बाहर से कोमल, शांत और शीतल दिखती हैं पर अंदर से काफ़ी उर्जावान और प्रचंड या गर्म मिजाज़ की होती हैं.
इन्हें कोमलता और कठोरता का संगम भी कह सकते हैं.
ये भावनात्मक और कार्यात्मक, दोनों रूप से सदैव सक्रिय या उद्धत रहती हैं, जिससे इनकी सफलता की दर अच्छी या बहुत अच्छी रहती है.इन्हें सुख-सुविधाओं की कमी नहीं रहती है, और सपने पूरे होते हैं.
दरअसल, इनका सौन्दर्य ही नहीं, इनकी व्यवहारकुशलता भी अपनी ओर खींचती है, और लोकप्रिय बनाती है.हालांकि इनके बहुत सारे आलोचक भी होते हैं.
इनका दांपत्य जीवन रोमांटिक होता है, जो कईयों के लिए प्रेरक बनता है.मगर इनको संतान से सुख-प्राप्ति का योग नहीं होता है.
ये स्वस्थ जीवन जीती हैं.इनका जीवनकाल 75 वर्ष से अधिक का बताया जाता है.
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