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शिक्षा एवं स्वास्थ्य

दवा के रूप में भी काम आ सकती है दारू, इसके इस्तेमाल से मुंहासे और जुएं करें ख़त्म

यूं तो एल्कोहल यानि शराब बहुत बदनाम है, और इससे दूर रहने की सलाह दी जाती है.मगर, कम ही लोग यह जानते हैं कि पीने के अलावा एल्कोहल के कई अन्य उपयोग भी हैं.इसको मिलाकर कई ऐसी चीज़ें तैयार की जाती हैं, जो हमारी सेहत के लिए उपयोगी मानी जाती हैं, और कई बीमारियों के इलाज में काम आती हैं.इसके इस्तेमाल से कील-मुंहासे ठीक हो जाते हैं, और बालों से जुएं ख़त्म हो जाती हैं.


शराब का सेवन, दवा का इस्तेमाल, मुंहासे और जुएं
कील-मुंहासों और जुओं की समस्या में एल्कोहल का प्रयोग 
जो दारू या शराब कई लोग नशे के लिए इस्तेमाल करते हैं दरअसल, वह सेहत से जुड़ी कई समस्याओं में बड़े काम की चीज़ साबित हो सकती है.शरीर पर इसे रगड़ने के कई फ़ायदे हैं.यही वज़ह है कि रबिंग एल्कोहल या आइसोप्रोपिल (आइसोप्रोपेनॉल) बहुत उपयोगी मानी जाती है.इसका उपयोग कई औद्योगिक या घरेलू उपयोग के रसायनों के उत्पादन में होता है.एंटीसेप्टिक, कीटाणुनाशक और डिटर्जेंट आदि में इसका इस्तेमाल किया जाता है.इसे स्प्रिट के रूप में भी जानते हैं.



मुंहासे की समस्या में एल्कोहल का प्रयोग

मुंहासे की समस्या में एल्कोहल का प्रयोग बड़ा लाभकारी माना जाता है.विशेषज्ञों के मुताबिक़, शराब में कीटाणुनाशक गुण होते हैं, जो मुंहासों की समस्या का त्वरित समाधान करने में सक्षम होते हैं.यह त्वचा को शीतलता (ठंडापन) प्रदान कर आराम पहुंचाते हैं.

दरअसल, चेहरे पर सफ़ेद, काले और लाल दिखने वाले धब्बे मुंहासे या पिटिका (Pimples or Acne) व्यक्ति के सौन्दर्य से जुड़ी समस्या के रूप में समझे जाते हैं.इसके कई प्रकार हैं, जो जीवन की कौमार्य अवस्था की शुरुआत से लेकर युवावस्था (13 वर्ष से शुरू होकर 30 वर्ष तक) तक दिखाई देते हैं.

इसमें कुछ मवादयुक्त होते हैं तो कुछ सूखे, जो कील या खूंटे के रूप में नज़र आते हैं.

मगर, इन सब का एक ही कारण होता है, और वह चमड़ी के रोएं के छेद (रोम छिद्र) में गंदगी भर जाना.इसे बाहर निकालने के लिए यह तरीक़ा अपनाएं-

थोड़ी सी शराब में रूई का एक टुकड़ा डुबो लें.अब, इस गीली रूई से मुंहासों को गीला कर, यह (रूई) उन पर धीरे-धीरे, यानि कोमलता के साथ मिलाएं.

इसे क़रीब 10 मिनट यूं ही छोड़ दें, यानि सूखने दें.

फिर, अपना चेहरा (मुंहासों को) गुनगुने पानी से धो लें.

यह प्रक्रिया पांच-सात दिनों तक सुबह-शाम अपनाएं.इसके बाद आप देखेंगें कि कील-मुंहासे तो ग़ायब हो जाएंगें ही, रोम छिद्र खुल जाने से वसा ग्रंथियों (सिबेसियस ग्लैंड्स) से निकलने वाला स्राव (बहाव) भी सामान्य हो जाएगा.इससे ठंडापन के साथ चेहरा हल्का महसूस होगा.

मगर, यह भी ध्यान रहे कि यह प्रक्रिया लंबे वक़्त तक जारी रखना, यानि शराब से नियमित चेहरे साफ़ करना ठीक नहीं है.इससे त्वचा (स्किन) में खुश्की या रूखापन की समस्या बन सकती है.



जुओं की समस्या में एल्कोहल का प्रयोग

सिर (बालों) में जुओं की समस्या से निजात दिलाने में भी शराब की भूमिका अहम है.इसकी कीटाणुनाशक शक्ति के आगे ये परजीवी टिक नहीं पाते.इनके ख़ात्मे से सिर व बालों की समस्या तो ख़त्म हो जाती ही है साथ ही, मन से शर्मिंदगी का भाव भी निकल जाता है.

दरअसल, जूं, लीख या रुसी छोटे और बिना पंखों वाले परजीवी कीट/कीड़े होते हैं, जो बालों में रहते हुए सिर की चमड़ी से खून चूसते रहते हैं.ये खुज़ली और संक्रमण के साथ-साथ शर्मिंदगी का सबब भी बन जाते हैं.

ख़ासतौर से, महिलाओं और बच्चों के बालों में अपना ठिकाना बनाने वाली ये जुएं आसानी से ख़त्म नहीं होतीं.मगर, शराब एक ऐसी चीज़ है, जो इन पर कहर बनकर टूटती है, और इन्हें मिटा डालती है.

जुओं को मारने के लिए यह तरीक़ा अपनाएं-

टब या बाल्टी में पानी भरकर उसमें क़रीब 50-60 मिलीलीटर शराब मिला लें.अब, इसमें अपना सिर उल्टा कर डुबो दें.

10 मिनट तक इसकी स्थिति में रहें.

फिर, अपना सिर अच्छी तरह धो लें.

आप इसके बजाय दूसरा तरीक़ा भी अपना सकते हैं.

एक मग या कटोरे में पानी भरकर उसमें 15-20 मिलीलीटर शराब मिला लें.अब, इस मिश्रण से अपने बाल और सिर को अच्छी तरह भिगो/गीला कर लें.

अब, इसे 10 मिनट तक यूं ही छोड़ दें.

फिर, अपना सिर अच्छी तरह धो लें.

उपरोक्त कोई भी (एक) तरीक़ा दिन में सिर्फ़ एक बार और ज़्यादा से ज़्यादा (कुल) तीन बार ही अपनाएं.आप देखेंगें कि जुओं का नामोनिशान मिट जाएगा.सिर-बालों की ऐसी समस्या से निजात मिल जाएगी. 
 
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रामाशंकर पांडेय

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