
ऑनलाइन प्यार: अगर कोई विदेशी महिला कहे, ‘डियर, मैं तुमसे मिलने आ रही हूं’, तो सतर्क हो जाइये, यह आपके लिए ‘रेड फ्लैग’ है
वर्चुअल या आभासी दुनिया में ज़्यादा समय बिताने वाले लोग धीरे-धीरे व्यावहारिक दुनिया से कटते जाते हैं, और उन्हें वही सब सच लगने लगता है जो डिजिटल स्क्रीन पर दिखाई देता है. प्यार का मामला भी ऐसा ही है. यानी ऑनलाइन प्यार ऑफलाइन प्यार से ज़्यादा प्यारा और गहरा लगता है. लेकिन इसमें जोखिम बहुत है, या फिर यूं कहिये कि धोखाधड़ी या ठगी की बहुत अधिक संभावनाएं हैं. इसलिए, रिश्ते का नक़ाब ओढ़े आने वाली समस्याओं को लेकर चेतावनी या संकेत को अनदेखा नहीं करना चाहिए, कोई भी क़दम बहुत सोच-समझकर उठाना चाहिए.
जब से साइबर अपराधी या स्कैमर सोशल मीडिया पर सक्रिय हुए हैं ऑनलाइन प्यार में जोखिम बहुत बढ़ गया है, और यह बदनाम भी हो गया है. ऐसी स्थिति में, किसी पर भरोसा करना बहुत मुश्किल है. ख़ासतौर से जब कोई विदेशी महिला मित्र कहे कि वह आपसे मिलने आपके देश आ रही है, तो यह सामान्य बात नहीं, आपके लिए ‘रेड फ्लैग’ है. हालाँकि यह बात अपने ही देश में दूर-दराज़ के क्षेत्र या दूसरे राज्य में रहने वाली महिला मित्र के मामले में भी लागू होती है.

वर्चुअल लव या ऑनलाइन प्यार में सब से बड़ी समस्या पहचान की होती है. यानी कौन असली है और कौन नकली भेष धरे हुए है, यह जानना कठिन होता है. दरअसल, इसमें झूठ की गुंजाईश बहुत अधिक होती है. लोग एक दूसरे को वश में करने या अपने प्रभाव में लेने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं. उनमें, प्रमुख या बहुत प्रभावकारी होता है मिलन का झांसा. यानी ऐसा झूठ जिसमें सशरीर (शारीरिक रूप से) मुलाक़ात करने और एक दूसरे में खो जाने का ख़ूबसूरत वादा होता है. कई लोग इसे ‘प्यार परवान चढ़ना’ कहते हैं.
विशेषकर वह व्यक्ति जो बहुत दूर रहता है, जिससे मिलना बहुत कठिन या असंभव प्रतीत होता है, उसे साक्षात् या आमने-सामने (बिना किसी माध्यम के) देखना और मौज-मस्ती करना सपने पूरे होने जैसा अहसास होता है.
मगर वादे टूट जाते हैं, या फिर यूं कहिये कि वादे किये ही जाते हैं तोड़ने के लिए. कसमें खाई जाती हैं अपना मतलब पूरा करने के लिए. ठगों के लिए तो यह ज़्यादा आसान और सुरक्षित होता है क्योंकि वे अपना काम कर ग़ायब हो जाते हैं, और पकड़ से बहुत दूर होते हैं. इसलिए, प्यार में जल्दी बिल्कुल भी न करें. भावनाओं में बहकर निर्णय लेने के बजाय धैर्यपूर्वक अपने प्रेमी या प्रेमिका की असलियत को जानें, उनको परखें.
उसका इरादा जानिए. यदि कोई विदेशी लड़की-महिला कहती है कि वह आपसे मिलने और आपके साथ ज़िंदगी के मज़े लेने आपके देश और शहर आ रही है, तो यह रेड फ्लैग यानी चेतावनी का संकेत या बड़ी साज़िश की दस्तक है. उस पर आंखें मूंद कर यक़ीन मत कीजिए. आइये जानते हैं इस मामले में क्या होता है.
दोस्ती-प्यार, क़समें-वादे, मिलन का इंतज़ार और झटका
सब से पहले सोशल मीडिया प्लेटफार्म (खासतौर से फेसबुक और इंस्टाग्राम) पर ठग लड़की-महिला या स्कैमर अपना एक आकर्षक प्रोफाइल बनाकर किसी मालदार या तड़क-भड़क वाले लुक में दिखने वाले व्यक्ति (जवान या अधेड़) को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती है. दोस्ती क़बूल होते ही चैट में परिचय और फ़ोटो-वीडियो का आदान-प्रदान होने लगता है. सच्ची दोस्ती के मायने पूछे और बताये जाते हैं. लेकिन फिर जल्द ही प्रेमालाप आरंभ हो जाता है. लड़की शब्दों और अदाओं के ऐसे जलवे बिखेरती है जैसे फेरोमोन (गंध) छोड़े जाते हैं.
और जैसे ही लगता है कि व्यक्ति उस पर लट्टू हो गया है, लड़की-महिला उससे मिलने उसके देश और शहर आने का प्रस्ताव रख देती है.
कई बार तो इश्क़ के जुनून में, या ठरक में ऐसा प्रस्ताव स्वयं पुरुष-पक्ष कर बैठता है. कोई विदेशी लड़की-महिला अपने यहां नहीं बुलाती है.
बहरहाल, आतिथ्य स्वीकार होते ही वह व्यक्ति का नाम-पता, व्यक्तिगत फोन नंबर और नजदीकी एयरपोर्ट का नाम मांगती है.
फिर जल्द ही, वह आ रही है यह दिखाने के लिए अपने नाम का वीजा और हवाई टिकट की कॉपी भेज देती है.

यहां तक कि वह पैसेंजर इमीग्रेशन काउंटर और जहाज के अंदर का अपना फ़ोटो (नकली, किसी सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार फ़ोटो) भी भेजती है, ताकि यक़ीन हो जाये कि वह सचमुच सफ़र शुरू कर चुकी है.

इधर बेसब्री से इंतज़ार हो रहा होता है. हरेक पल दिन और दिन महीनों जितना लगता है. मगर इसी बीच आ रही तस्वीरें देखकर मन में लड्डू भी फूट रहे होते हैं.
तभी उसका कॉल आता है और कहती है कि हवाई अड्डे पर उसे कस्टम अधिकारियों ने रोक लिया है, क्योंकि उसके पास कुछ क़ीमती सामान (जैसे डॉलर, गिफ्ट आइटम, जूलरी वगैरह) हैं जिसकी कस्टम ड्यूटी भरने के लिए उसके पास इंडियन करेंसी नहीं है.

वह बताती है कि अधिकारी उसके क्रेडिट कार्ड से भुगतान स्वीकार नहीं कर रहे हैं. साथ ही, उसे अपने बैंक एकाउंट को इस्तेमाल करने में भी दिक्कत पेश आ रही है.
वह ऑनलाइन पैसे भेजने की विनती करती है. इसके लिए वह किसी कथित अधिकारी से बात भी करवाती है. अधिकारी एक एकाउंट नंबर देता है.
जैसे ही पैसा ट्रांसफर होता है वह ग़ायब हो जाती है. यानी उसका मोबाइल बंद (switched off) हो जाता है या नंबर पहुंच से बाहर (unreachable) बताया जाता है. उसका सोशल मीडिया प्रोफाइल भी नज़र नहीं आता है.

इस प्रकार, इस ऑनलाइन प्रेम कहानी अंत हो जाता है.
मगर ठगों की ठगी का अंत नहीं होता है. वे सक्रिय रहते हैं नए अंदाज़ में, नए नाम-पते के साथ. वे फिर किसी को निशाना बनाते हैं, उन्हें ठगते या लूटते हैं.
यह किसी एक स्थान या क्षेत्र की समस्या नहीं है. आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में वैश्विक स्तर पर रोमांस स्कैम में लोगों का 3.8 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.
एफबीआई के अनुसार 2023 में अकेले अमरीका में लोगों ने क़रीब 36 हज़ार करोड़ रुपये गंवाए. हालांकि यह आंकड़ा बहुत कम है. बताया जाता है कि ठगे गए लोगों में से आमतौर पर 7 फ़ीसदी ही शिक़ायतें दर्ज़ कराते हैं.
भारत में, साल 2024 में ठगी के मामले ज़्यादा हुए. इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (14C) के मुताबिक़ साल 2024 में नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर रोज़ाना 6000 से ज़्यादा शिक़ायतें दर्ज की गईं, और आशिकमिजाज़ लोगों को हर दिन औसतन 60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
बताया जाता है कि यह ग्राफ़ बढ़ता ही जा रहा है, जबकि ज्ञान और तकनीक की कोई कमी नहीं है. ऐसे कई तरीक़े हैं जिनसे असली और नकली प्रेमी-प्रेमिका की पहचान हो सकती है, और शारीरिक-मानसिक शोषण-परेशानी के साथ आर्थिक नुकसान से भी बचा जा सकता है. ज़रूरत है सतर्क रहने की. यह संदेश देश-दुनिया में फैलाकर असंख्य लोगों का भला कर सकते हैं.





