Ads
शिक्षा एवं स्वास्थ्य

स्तनों के आकार (ब्रेस्ट साइज़) बढ़ाने और उन्हें सुडौल बनाये रखने के उपाय जानिए

पुरुषों और महिलाओं, दोनों के लिए 'स्तन' शब्द ही विचारोत्तेजक है.स्तन यौन व्यवहार और आनंद के चरम की प्राप्ति के मार्ग में महत्वपूर्ण साधन माने गए हैं.यही वज़ह है कि इनके आकार-प्रकार और आकृति को लेकर हमेशा चर्चा होती रही है, कमियों को दूर करने के उपाय तलाशे जाते रहे हैं.आज भी काफ़ी कुछ हो रहा है, मगर सही जानकारी के अभाव में अक्सर लड़कियों-महिलाओं को फ़ायदे की जगह नुकसान ही उठाना पड़ता है.

लड़कियों-महिलाओं के चेहरे के बाद नज़र सीधी ब्रेस्ट या स्तनों पर पड़ती है.ये कैसे हैं यानि, इनका उभार या आकार और आकृति कैसी है, यह मायने रखती है खूबसूरती और आकर्षण के लिए.विकसित और बड़े स्तन जहां मन को मोहते हैं वहीं, छोटे स्तन आंखों को सुहाते नहीं हैं.यही कारण है कि लड़कियां-महिलाएं अपने स्तनों को लेकर काफ़ी जागरूक रहती हैं, और तरह-तरह के उपाय भी करती रहती हैं.लेकिन सही जानकारी के अभाव में उन्हें फायदे की जगह नुकसान ही उठाना पड़ता है.सर्जरी से तो अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा हो जाती हैं, जबकि कई ऐसे घरेलू उपाय हैं, जिनसे न केवल स्तनों का आकार बढ़ाया जा सकता है, बल्कि उन्हें सुडौल बनाकर अपना सौन्दर्य व आकर्षण बरक़रार रखा जा सकता है.

अपने स्तनों के उभार और सौन्दर्य का प्रदर्शन करती लड़कियां (प्रतीकात्मक चित्र)

कई लोग स्तनों के आकार बढ़ाने के लिए ब्रेस्ट औग्मेंटशन या स्तन वृद्धि नाम की सर्जरी की सलाह देते हैं.इसमें सर्जन ब्रेस्ट टिश्यू या स्तन कोशिकाओं के नीचे सलाइन या सिलिकॉन लगा देता है, ताकि स्तन फूला हुआ दिखाई दे.मगर इस प्रक्रिया के बाद कई गंभीर जटिलताएं देखने को मिल सकती/मिलती हैं.इस सर्जरी का असर भी लगभग 12 साल तक ही रहता है, और दोबारा सर्जरी की आवश्यकता होती है.अतः यह ठीक नहीं है.इससे बचना चाहिए.

इसके विपरीत, अनेक ऐसे घरेलू उपाय हैं जो बहुत फायदेमंद होते हैं.इनका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है.इनकी मदद से न केवल स्तनों का आकार बढ़ाया जा सकता है, बल्कि उन्हें सुडौल बनाकर अपना आकर्षण बढ़ाया और बरक़रार रखा जा सकता है.

स्तनों का आकार बढ़ाने के लिए खाद्य पदार्थ

कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो स्तनों की वृद्धि में मददगार साबित हो सकते हैं.इन्हें अपने भोजन में शामिल करना चाहिए.ख़ासतौर से, प्राकृतिक उत्पाद जो शारीरिक अंगों के संवर्धन के साथ उन्हें विकार रहित बनाये रखने में सहायक होते हैं, उनके प्रयोग को प्राथमिकता देनी चाहिए.विशेषज्ञों की राय में, अनेक पौधों के पंचांग (जड़, पत्ते, फल, फूल और छाल) सीधे खाए जा सकते हैं या उनका रस (जूस) निकालकर उपयोग में लाया (पीया) जा सकता है.

स्तन-वृद्धि के लिए प्राकृतिक उत्पाद का सेवन करती महिला (प्रतीकात्मक फ़ोटो)

आयुर्वेद के आचार्य या चिकित्सक स्तन-वृद्धि और उनके पोषण के लिए निम्नलिखित पदार्थों के सेवन की सलाह देते हैं.उनके अनुसार इनसे जल्दी लाभ प्राप्त होता है.

अश्वगंधा और शतावरी: अश्वगंधा और शतावरी को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें.इसका 1-1 चम्मच चूर्ण रोज़ाना दूध के साथ लें.लाभ होगा.

मेथी के दाने: एक चम्मच की मात्रा में मेथी के दाने रात में भिगोकर रख लें.सुबह ख़ाली पेट इसे चबाकर खाएं.इसमें भरपूर मात्रा में एस्ट्रोजन होता है, जो स्तनों का आकार बढ़ाता है.

सौंफ: भारत में भोजन के बाद सौंफ खाने की परंपरा रही है क्योंकि यह पाचन के लिए अच्छा होता है.इसके अलावा, यह शरीर में उत्तकों के निर्माण में भी सहायक होता है.

यही वज़ह है कि अविकसित स्तनों में वृद्धि व विकास के लिए इसके सेवन की सलाह दी जाती है.इसे चीनी के साथ चबाकर या इसका चूर्ण भोजन में मिलाकर खाना चाहिए.

दूध और पनीर: स्तन पूरी तरह फैट या वसा से बने होते हैं.इसलिए इनमें वृद्धि के लिए वसा से भरपूर चीज़ें, जैसे दूध और पनीर का सेवन लाभकारी माना जाता है.

सोयाबीन: सोयाबीन में पाया जाने वाला फाइटोएस्ट्रोजन एक तरह का हार्मोन होता है, जो स्तनों के आकार में वृद्धि करता है.

इसके लिए सोयाबीन को पानी में भिगोकर छोड़ दें.2-3 घंटे बाद, इसे भूनकर खाएं.

सोयाबीन को सब्जी के रूप में (अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर) भी खाएं, तो अच्छा रहेगा.

मेवे: मेवे बड़े फ़ायदेमंद होते हैं.इनमें प्रचुर मात्रा में मोनोसैचुरेटेड फैट होता है, जो ब्रेस्ट टिश्यू या स्तनों के उत्तकों के निर्माण या वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

मेवों का प्रयोग सुबह नाश्ते में सबसे अच्छा माना जाता है.इन्हें रात में भिगोकर रख लेना चाहिए.इससे ये नरम हो जाते हैं, और इनके पोषक तत्व आसानी से शरीर में घुल जाते हैं.

मेवे रात में खाने से बचना चाहिए.इससे पाचन में दिक्कत हो सकती है.

केला: अविकसित स्तनों के विकास के लिए अतिरिक्त वसा की ज़रूरत होती है.इसे केले पूरी कर सकते हैं.बताते हैं कि रोज़ाना 2-3 केले खाना चाहिए.

स्तनों के आकार बढ़ाने के लिए मालिश

मसाज या मालिश से स्तनों के आकार बढ़ते हैं.यह प्राकृतिक तरीक़ा है, जिसमें किसी प्रकार की हानि नहीं होती है.

महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि मालिश से रक्त प्रवाह तेज होता है, और स्तनों के उत्तक फैलने लगते हैं.विशेषज्ञों के अनुसार मालिश से शरीर में प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटोसिन पैदा होता है.इससे भी स्तनों के आकार में बढ़ोतरी होती है.

स्तनों की मालिश की तैयारी करती महिला (सांकेतिक फ़ोटो)

मालिश में इस्तेमाल होने वाली सामग्री: ऐसे कई प्रकार के प्राकृतिक उत्पाद बताये जाते हैं जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, और महिला सेक्स हार्मोन, एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टोजेन की उत्तेजना से उनके स्तनों के आकार (ब्रेस्ट साइज़) बढ़ाने में मदद करते हैं.इनका स्तनों की मालिश में इस्तेमाल किया जा सकता है.

1.अपामार्ग के बीज, काला तिल, काली मिर्च, सेंधा नमक, सरसों, अश्वगंधा, पीपल, तगर, कटेरी फल, कूठ, जौ, उड़द, इन सबको कूट-पीसकर 3-4 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर लेप तैयार कर रोज़ाना स्तनों की मालिश करने से वे बड़े व सुडौल हो जाते हैं.

2.मसूर की दाल धीमी आंच पर तक तक उबालें जब तक कि यह पूरी तरह गल न जाये.फिर इसका पेस्ट या लेप बनाकर स्तनों पर लगायें.

सूखने के बाद इसे धो लें.

रोज़ाना ऐसा करने से स्तन पुष्ट व आकर्षक होते हैं.

3.प्याज का रस स्तनों को स्वस्थ और बड़ा करने में सहायक होता है.रोज़ रात को इसे सोने से पहले शहद के साथ मिलाकर मालिश करें.सुबह उठकर धो लें.

4.सौंफ के पाउडर को कॉड लिवर तेल (कॉड मछली के जिगर से प्राप्त तेल) के साथ मिलाकर तब तक गर्म करें जब तक कि यह लाल न हो जाये.ठंडा होने पर इससे स्तनों पर मालिश करें.

1-2 घंटे बाद इसे धो लें.

यह क्रिया रोज़ाना 2 बार करें.इससे लाभ मिलेगा.

कुछ जानकारों के अनुसार सौंफ के पाउडर को जैतून के तेल (ऑलिव आयल) के साथ मिलाकर भी स्तनों की मालिश करने से फ़ायदा होता है.

5.मेथी पाउडर को सरसों के तेल में मिलाकर गर्म कर लें.ठंडा हो जाने पर इससे स्तनों की मालिश करें.इससे ये बड़े और आकर्षक हो जायेंगें.

6.बादाम के तेल से मालिश करने से स्तन विकसित होकर सुदृढ़ होते हैं.इससे ढीले होकर लटक चुके स्तनों में कसाव आता है, और वे सुडौल बन जाते हैं.

स्तनों की मालिश का तरीक़ा: हर काम का एक तरीक़ा होता है.यानि, सही तरीक़े से काम को अंजाम दिया जाये, तो प्रभाव अच्छा पड़ता है, और जल्दी लाभ भी मिलता है.इसलिए स्तनों की मालिश में भी विभिन्न चरणों का ध्यान रखना आवश्यक होता है.

1.स्तनों के चारों ओर लेप या तेल लगायें.

2.अब इस लेप या तेल को हाथ की नरम उंगलियों से धीरे-धीरे ऐसे मिलाएं यानि, मालिश करें जैसे कि स्तन सहला रही हों.

यही क्रिया एक के बाद दूसरे स्तन पर बारी-बारी से करें.

3.फिर, दोनों हथेलियों में अपने स्तनों को भरकर अपने कंधों को 2-3 मिनट तक गोलाकार घुमाएं.

4.और आख़िर में, अपने हाथों से दोनों स्तनों को मिलाएं.छोड़े, और फिर मिलाएं.

ऐसा 5-7 बार करें.

ध्यान रहे कि यह पूरी प्रक्रिया अधिकतम 10 मिनट में पूरी होनी चाहिए.ज़्यादा देर तक मालिश करने से शरीर में संवेदनशीलता के साथ-साथ स्तनों में सूजन हो सकती है.

स्तनों को बड़ा करने और सुडौल बनाने के लिए योग

योग कई तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं में जादू की तरह असर करता है.भारत में प्राचीन काल से ही इसे प्राकृतिक इलाज की तरह अपनाया जाता रहा है.यह शरीर को दिमाग से जोड़कर बीमारियों से लड़ने में मदद तो करता ही है, स्तनों का संवर्धन भी करता है.जानकारों के अनुसार कई ऐसे आसन हैं, जो स्तनों को बड़ा कर उन्हें सही आकार (साइज़) और आकृति (शेप) प्रदान करते हैं.

स्तनों के आकार बढ़ाने के लिए योग करतीं महिलाएं (सांकेतिक चित्र)

भुजंगासन: भुजंगासन में सामने की ओर शरीर के निचले हिस्से को चटाई आदि से लगाकर उपरी हिस्से को हाथों का सहारा लेते हुए उठाना होता है.

इस स्थिति में सांस भरते हुए ऊपर की ओर उठना, क़रीब 1 मिनट तक सांस रोके रखना, और फिर सांसों को छोड़ते हुए नीचे की ओर लौटने की क्रिया होती है.

इसे 5-7 बार करना होता है.बताते हैं कि इससे स्तनों को सही आकृति मिलती है.

उष्ट्रासन: उष्ट्रासन में घुटनों के बल बैठकर शरीर के उपरी हिस्से को पीछे की ओर झुकाकर या ले जाकर अपने हाथों को तलवों (पैर के नीचे का भाग) पर रखना होता है.

इस स्थिति में 10-15 सेकेंड तक रुकने और इस क्रिया को 4-5 बार दोहराने को कहा गया है.

योग के जानकारों के अनुसार इससे शरीर में रक्त का प्रवाह सुधरता है, जिससे स्तनों का विकास होता है, और उन्हें सही व सुंदर आकृति प्राप्त होती है.

चक्रासन: चक्रासन पीछे की ओर झुककर अपने शरीर के भार को हथेलियों और पैरों की उंगलियों पर उठाने वाला आसन है.बताते हैं कि इससे स्तन क्षेत्र के पास खिंचाव होता है, जिससे इसकी मांसपेशियों के निर्माण और विकास में मदद मिलती है.

धनुरासन: धनुरासन यानि, धनुष की आकृति वाला आसन.इसमें पेडू (पेट का निचला हिस्सा) के बल पीछे की ओर हाथों से पैरों के पंजों को पकड़कर, सांस भरते हुए शरीर के उपरी हिस्से को उठाते हुए खींचना होता है.ऐसी स्थिति में 10-15 सेकेंड तक रहने और फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे की ओर वापस आना होता है.

बताते हैं कि ऐसा 3-4 बार नियमित रूप से करने से स्तन क्षेत्र (ब्रेस्ट एरिया) की ओर रक्त का संचार बढ़ता है, जिससे स्तन उत्तकों का विकास होता है, और उन्हें मजबूती मिलती है.

गोमुखासन: गोमुखासन यानि, गाय के मुख की आकृति में आसन.यह अलग-अलग तरीक़ों से किया जाता है.जानकारों के अनुसार इस योग अभ्यास से स्तन क्षेत्र में खिंचाव होता है, जिससे मांसपेशियां बनती हैं, और स्तनों में लचीलापन आता है.

द्विकोणासन: द्विकोणीय मुद्रा वाले इस आसन में खड़े होकर दोनों हाथों को पीछे की ओर फैलाकर बांधना, और अपने सिर को अपने घुटनों से छूने के लिए झुकना होता है.इससे स्तन बड़े होते हैं.

Multiple ads

सच के लिए सहयोग करें


कई समाचार पत्र-पत्रिकाएं जो पक्षपाती हैं और झूठ फैलाती हैं, साधन-संपन्न हैं. इन्हें देश-विदेश से ढेर सारा धन मिलता है. इनसे संघर्ष में हमारा साथ दें. यथासंभव सहयोग करें

रामाशंकर पांडेय

दुनिया में बहुत कुछ ऐसा है, जो दिखता तो कुछ और है पर, हक़ीक़त में वह होता कुछ और ही है.इसीलिए कहा गया है कि चमकने वाली हर चीज़ सोना नहीं होती.ऐसे में, हमारा ये दायित्व बनता है कि हम लोगों तक सही जानकारी पहुंचाएं.वो चाहे राजनीति, इतिहास, धर्म, पंथ या अन्य ज्ञान-विज्ञान की बात हो, उसके बारे में एक माध्यम का पूर्वाग्रह रहित और निष्पक्ष होना ज़रूरी है.khulizuban.com का प्रयास इसी दिशा में एक क़दम है.

3 Comments

  1. Your writing has a way of resonating with me on a deep level. I appreciate the honesty and authenticity you bring to every post. Thank you for sharing your journey with us.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button