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समसामयिक

क्यों बुला रहे हैं दूसरों को कई देश अपने यहां रहने के लिए? जानिए उन जगहों के बारे में जहां मिल रहे हैं लाखों रुपए, मुफ़्त में घर, गाड़ी और बंगला

अपने यहां दूसरों को बसाने और व्यवसाय करने का मौक़ा देने का उद्देश्य यह है कि इससे अपना उत्थान होगा और संस्कृति भी फले-फूलेगी.

दुनिया में आज हर अच्छी-बुरी चीज़ की एक क़ीमत तय है.ज़हर भी ख़रीदना पड़ता है.ऐसे में, अगर मुफ़्त में रहने को घर और गाड़ी के साथ लाखों रुपयों की पेशकश हो, तो किसी के लिए भी यक़ीन करना मुश्किल होगा.पहली नज़र में यह लोगों को छलावा लगेगा या फिर पागलपन.मगर, यह सौ फ़ीसदी सही बात है.आज कई ऐसे देश हैं, जो मज़बूरी में ऐसा कर रहे हैं.

स्वागत (प्रतीकात्मक)

मज़बूरी या विवशता कई प्रकार की होती है.जब कोई चारा न हो या समाधान के लिए अपने पास विकल्प उपलब्ध न हो, तो न चाहते हुए भी ऐसे क़दम उठाने पड़ते हैं, जो सामान्य स्थिति में उचित नहीं समझे जाते हैं.

क्या है मज़बूरी?

जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी हर जगह एक समान नहीं है.इसके एक हिस्से की प्रकृति और प्रवृति दूसरे से भिन्न होती है.कहीं दिन है तो कही रात.कहीं धूप है तो कहीं छांव.कहीं लोग ग़रीबी में मरे जा रहे हैं तो कहीं अमीरी जी का जंजाल बन गई है.

कुछ देशों में जनसंख्या इतनी हो गई है कि फ्लैटों और झुग्गी-झोपड़ियों में भी रहने को जगह नहीं बची है, जबकि कुछ देशों में तो बंगले ख़ाली पड़े हैं और उनमें रहने वाला कोई नहीं है.यही वज़ह है कि दुनिया में स्थान और परिस्थितियों के अनुसार जनसंख्या को लेकर नीतियां भिन्न-भिन्न हैं.

कोई आबादी कम करने के उपाय कर रहा है, तो कोई इसे बढ़ाने केलिए प्रयासरत है.

यानि, मानव संसाधन की बहुत भूमिका है विपन्नता में और सम्पन्नता में भी.यदि क्षेत्रफल के हिसाब से लोगों की कमी है, तो सारी तकनीक धरी की धरी रह जाती है और विकास का स्तर बनाए रखना मुश्किल हो जाता है.

आउटसोर्सिंग एक उपाय तो है पर, किसी देश के कुशल निवासी ही स्थायी समाधान होते हैं.यही कारण है कम आबादी वाले देश आबादी बढ़ाने, अपनी प्रगति को बनाए रखने या बढ़ाने के लिए दूसरे देशों के निवासियों को अपने यहां बसाना चाहते हैं.इसके लिए उन्हें अच्छी खासी रक़म तो पेशकश कर ही रहे हैं, कई सारी ऐसी सुविधाएं भी मुहैया कराने को तैयार हैं, जो दुनिया के दूसरे हिस्सों में मयसर नहीं हैं.

विदेशियों को ये अपने यहां व्यवसाय करने, विभिन्न प्रकार के उद्यमों की स्थापना व निवेश के लिए भी वह सब कुछ कर रहे हैं, जिससे कि सफलता प्राप्त हो सके.

ऐसे देश दुनिया के कई भागों में हैं.यूरोपीय महाद्वीप, अमरीकी राज्यों के अलावा एशिया में भी कुछ देश हैं, जो इसके लिए बाक़ायदा कार्यक्रम चला रहे हैं.

अलास्का, अमरीका

सर्दी, बर्फ़, स्वच्छ वातावरण और ताजी हवा के साथ प्राकृतिक छटा बिखेरता अलास्का अपने यहां स्थाई रूप से रहने के लिए आने वाले लोगों को सालाना 2, 072 डॉलर (क़रीब 1.5 लाख रुपए) भुगतान करने को तैयार है.मगर, इसके लिए शर्त यह है कि यहां कम से कम एक साल तक रहना होगा और निश्चित अवधि के दौरान राज्य नहीं छोड़ना होगा.

अलास्का का मनोहारी दृश्य

दरअसल, यहां की आबादी तेजी से गिरती जा रही है.आंकड़ों के अनुसार, यहां क़रीब 15 फ़ीसदी लोग ही स्थानीय हैं, जबकि बाक़ी बाहरी हैं और वे भी दूसरे क्षेत्रों की ओर निकलते जा रहे हैं.ऐसे में, यहां की सरकार लोगों को लुभाने के मक़सद से खनन किए गए प्राकृतिक संसाधनों से निवेश आय के भुगतान की योजना चला रही है.

देखें तो विश्व मानचित्र पर पर्यटन स्थल की पहचान के साथ अलास्का (Alaska) उत्तरी अमरीका की पश्चिमोत्तरी सीमा पर बसा एक राज्य है.क्षेत्रफल के हिसाब से यह संयुक्त राज्य अमरीका का सबसे बड़ा (तीन बड़े राज्यों- टेक्सास, कैलिफोर्निया और मोंटाना के संयुक्त क्षेत्रफल से भी बड़ा), जबकि आबादी के ख़याल से तीसरा सबसे कम आबादी (और सबसे कम जनसंख्या घनत्व) वाला राज्य है.इसकी राजधानी जूनो संयुक्त राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है.

अलास्का की अर्थव्यवस्था मुख्यतः मछली के व्यापार और प्राकृतिक गैस पर आधारित है.

अलास्का को हिलती-डुलती ज़मीन भी कहा जाता है क्योंकि यहां साल में कम से कम पांच बार भूकंप ज़रूर आता है.

यहां पिज्जा डिलीवरी जहाज से की जाती है.अधिकतर क्षेत्रों में सूरज कम ही दिखाई देता है.

मारक्वेट, कंसास, अमरीका

संयुक्त राज्य अमरीका स्थित अमरीकन मिडवेस्ट के नाम से जाना जाने वाला एक राज्य है कंसास.इसका मारक्वेट नामक एक शहर ऐसा है कि जिसमें सिर्फ़ 650 लोग ही रहते हैं.

कंसास (स्रोत )

ऐसे में, सरकार टोपेका की तर्ज पर यहां की आबादी बढ़ाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम चला रही है, जिसके तहत कुछ सुविधाओं के साथ मुफ़्त में ज़मीन दी जा रही है, ताकि यहां आकर बसने वाले लोगों को न तो जगह खोजने का झंझट रहे और न ही उन पर आर्थिक बोझ पड़े.

एल्बिनन, स्विट्ज़रलैंड

स्विट्ज़रलैंड का एक अनोखा गांव एल्बिनन अपनी खूबसूरती के कारण किसी शहर से ज़्यादा मायने रखता है.मगर, इसकी समस्या यह है कि लोग यहां से पलायन करते जा रहे हैं और अब यहां सिर्फ़ 250 लोग ही रह गए हैं.

स्विट्ज़रलैंड का गांव (स्रोत)

ऐसे में, सरकार इसे फिर से आबाद करने और विकास की गति बनाए जारी रखने के के मक़सद से एक ख़ास कार्यक्रम चला रही है, जिसमें यहां आकर बसने वालों को लाभान्वित करने की व्यवस्था है.

दरअसल, समुद्र तल से 4, 265 फीट की ऊंचाई पर बसा यह पहाड़ी गांव प्राकृतिक रूप से खुबसूरत तो है ही, यहां चर्च से लेकर सभी मकान भी पारंपरिक रंग में रंगे हुए हैं.यहां अन्य सुविधाएं अच्छी हैं पर, रोज़गार की कमी के कारण आबादी प्रभावित हो रही है.

मगर, सरकार अब समस्या को हल करने में लगी है और यह घोषणा की गई है कि यहां रहने वाले 45 साल से कम उम्र के हर व्यक्ति (वह चाहे पुरुष हो या स्त्री) को 20 लाख रुपए (भारतीय रुपयों में स्विस फ्रेंक की रक़म के बराबर), जबकि हर बच्चे को 8 लाख रुपयों का भुगतान किया जाएगा.यानि, दो बच्चों वाला हर दंपत्ति 56 लाख की नक़द राशि से लाभान्वित हो सकेगा.

मगर, इसमें शर्त यह है कि यहां आने वालों कम से कम 10 साल तक यहां रहना ज़रूरी होगा.

एंटीकाइथेरा, ग्रीस

ग्रीस का एक खुबसूरत टापू या द्वीप (आइलैंड) है एंटीकाइथेरा.यह साफ़-सुथरे पानी और चट्टानों को लेकर आकर्षण का केंद्र है.मगर, क़रीब 20 वर्गकिलोमीटर में फैले इस आइलैंड पर सिर्फ़ 20 लोग ही रहते हैं.

एंटीकाइथेरा (स्रोत)

ऐसे में, यहां की सरकार और चर्च, दोनों चिंतित हैं और इटली, सिसिली और सार्डिनिया के विभिन्न शहरों की तरह विशेष कार्यक्रम के द्वारा इसकी आबादी बढ़ाने के प्रयास में लगे हैं.

लॉस एंजिल्स टाइम्स के अनुसार, यूनानी द्वीप एंटीकाइथेरा अपने सुंदर और ऐतिहासिक तटों पर रहने के लिए नए निवासियों की तलाश कर रहा है.

हालांकि पहली प्राथमिकता ग्रीक नागरिकों को दी गई है मगर, कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए चुने गए दुनिया के किसी भी व्यक्ति को वहां रहने के लिए मुफ़्त में ज़मीन या मकान के साथ 45 हज़ार रुपए महीना पहले तीन साल तक देने का वादा किया गया है.

ग्रीस सरकार ज़्यादा से ज़्यादा लोगों का स्वागत करने के लिए परिवहन व्यवस्था को भी बेहतर बनाने का काम रही है.

तुलसा, ओक्लाहोमा, अमरीका

तुलसा संयुक्त राज्य अमरीका के दक्षिण मध्य क्षेत्र में स्थित ओक्लाहोमा राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है.यहां रिमोट वर्कर (दूरस्थ श्रमिकों) की ज़रूरत है.यहां आने वाले तुलसा रिमोट कार्यक्रम के तहत 10, 000 अमरीकी डॉलर तक की एकमुश्त रक़म प्राप्त कर सकते हैं.

तुलसा, ओक्लाहोमा (स्रोत)

दूसरी तरफ़ व्यवसायियों-उद्यमियों के लिए 36 डिग्री नॉर्थ (व्यवसाय-उद्यम संबंधी सहायता के लिए बना तुलसा का बेस कैंप) में एक डेस्क, केन्द्रीय तुलसा में एक सह-कार्यस्थल के साथ एक साल के लिए 500 डॉलर का मासिक वज़ीफ़ा भी देने की व्यवस्था है.

पोंगा, स्पेन

उत्तर-पश्चिमी स्पेन के पर्वतीय क्षेत्र में बसा पोंगा या पोंगा प्रान्त (स्पेन में प्रांत दरअसल, एक क्षेत्रीय विभाजन है, जो नगरपालिकाओं के संग्रह के रूप में परिभाषित है) कहने को तो एक गांव है मगर, किसी शहर की तरह सुख-सुविधाओं से लैस है.अपनी खूबसूरती को लेकर यह मशहूर है और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित है.मगर, यहां भी आबादी बहुत कम है.

पोंगा, स्पेन (स्रोत)

आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ़ 851 लोग ही यहां रहते हैं.

ऐसे में, सरकार यहां की आबादी बढ़ाने के लिए प्रयत्नशील है.इसने युवा जोड़ों या नवविवाहितों को यहां आकर बसने का न्यौता दिया है.

यहां रहने के लिए आने वाले कपल या जोड़ों को आर्थिक मदद के तौर पर 3, 600 डॉलर यानि क़रीब तीन लाख (2, 95, 564.6 भारतीय रुपए) की रक़म देने की घोषणा की गई है.

वर्मोंट, अमरीका

वर्मोंट संयुक्त राज्य अमरीका का पहाड़ी राज्य है, जो इसके 50 राज्यों में क्षेत्रफल के अनुसार छठवां और आबादी के हिसाब से दूसरा सबसे कम आबादी वाला है.आंकड़ों के अनुसार, यहां सिर्फ़ 6 लाख 20 हज़ार (620, 000) लोग ही रहते हैं.

वर्मोंट, अमरीका (स्रोत)

इस कम आबादी के कारण इन्हें अपने हर काम में श्रमिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है.इसलिए, ये ऐसे लोगों को बुला रहे हैं, जो इनके रिमोट वर्कर ग्रांट प्रोग्राम से जुड़कर इनकी अर्थव्यवस्था में योगदान कर सकें.

ऐसे आवेदकों को सरकार ने प्रति व्यक्ति 10 हज़ार डॉलर (7.40 लाख) तक की आर्थिक मदद देने का वादा किया है.

ज्ञात हो कि वर्मोंट चेडर पनीर और मशहूर बेन एंड जेरी आइसक्रीम का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है.यहां एक विकसित देश में प्राप्त सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ-साथ एक अच्छी स्वास्थ्य प्रणाली और बेहतर शिक्षा व्यवस्था भी है.

सार्डिनिया, इटली

सार्डिनिया कभी राजतंत्र था मगर, अब यह इटली का एक प्रान्त और भूमध्य सागर का दूसरा सबसे बड़ा (सिसिली से छोटा और साइप्रस से बड़ा) द्वीप है.इतालवी प्रायद्वीप के पश्चिम और फ्रेंच द्वीप कोर्सिका के निकटतम दक्षिण में स्थित सार्डिनिया दरअसल, अपने लुभावने समुद्र तटों, वन क्षेत्र, अपनी भाषा व रीतिरिवाजों को लेकर देश और दुनिया में जाना जाता है.

सार्डिनिया, इटली (स्रोत)

इसकी अर्थव्यवस्था काफ़ी अच्छी है और लोग ख़ुशहाल हैं मगर, जनसंख्या के मामले में कमज़ोर है.

ख़ासतौर से, ग्रामीण इलाक़ों में आबादी बहुत कम रह गई है.कहा जाता है कि यहां जितने लोग हैं उससे दुगनी भेड़ें हैं.

इस जनसंख्या संकट को देखते हुए सरकार ने एक वित्तीय योजना चलाई है, जिसके तहत सार्डिनिया गांव में बसने वाले लोगों को घर ख़रीदने के लिए 15 हज़ार यूरो तक की आर्थिक मदद देने की व्यवस्था है.

न्यू हेवन, कनेक्टिकट, अमरीका

न्यू हेवन अमरीका के कनेक्टिकट राज्य का एक महत्वपूर्ण शहर है.सरकार यहां बसने के लिए लोगों को पैसे देती है.

न्यू हेवेन स्थित युनिवर्सिटी (स्रोत)

इसके लिए बाक़ायदा एक योजना है, जिसके तहत यहां आने वाले लोगों को घर खरीदने के लिए डाउनपेमेंट के रूप में 10 हज़ार अमरीकी डॉलर (7.4 लाख भारतीय रुपए) दिया जाता है.यह राशि ब्याजमुक्त है.

इसके अलावा, व्यवस्थित होने और अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए 80 हज़ार डॉलर तक की प्रोत्साहन राशि भी मिल सकती है.

यहां बसने वाले लोगों के बच्चों को सरकार की ओर से शिक्षा (पब्लिक हाई स्कूल में) भी मुफ़्त दी जाती है.

इनके अलावा, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया और वियतनाम जैसे एशियाई देश भी हैं, जो दुनियाभर के लोगों का स्वागत करते हैं.ये अपने यहां लोगों का संतुलन बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं, ताकि इनका व्यवसाय और संस्कृति फले-फूले.

हालांकि इनकी तकनीक, शिक्षा प्रणाली और स्वास्थ्य सुविधाएं इन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ देशों की श्रेणी में शुमार करती हैं मगर, इनके यहां रहना औरों की बनिस्पत कम खर्चीला है.यहां थोड़े में भी गुज़ारा मुमकिन है.

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