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उपयोगिता

आधार लॉक कर अपना डाटा करें सुरक्षित, जानें तरीक़ा

– आधार नंबर अगर लॉक है तो नहीं हो पाएगा उसका ग़लत इस्तेमाल  
– कभी भी अपना आधार कर सकते हैं लॉक अनलॉक
– आधार नंबर को लॉक करने से पहले आधार वर्चुअल आईडी बनाना ज़रूरी


हमारे आधार से जुड़ा एक ख़ास फ़ीचर, जिसे शायद कम ही लोग जानते और इसका उपयोग करते हैं मगर, यह बड़े काम की चीज़ है.इसके ज़रिए हम अपने आधार नंबर को लॉक कर अपना बायोमेट्रिक डाटा सुरक्षित कर सकते हैं.हमारी निजता (प्राइवेसी) को अक्षुण्ण बनाए रखने के मक़सद से यूआईडीएआई की ओर से ऐसी भी व्यवस्था है.



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यूआईडीएआई और आधार की सुरक्षा (प्रतीकात्मक)  



एक बार आधार नंबर लॉक होने के बाद इसका दुरूपयोग सत्यापन सेवाओं के लिए, वो चाहे बायोमेट्रिक हो या ओटीपी, किसी भी तरीक़े से नहीं किया जा सकता जबकि, आधार धारक अपने आधार वर्चुअल आईडी के ज़रिए ई-केवाईसी के लिए सत्यापन कार्य पूरे कर सकेगा.वह जब चाहे आधार नंबर फ़िर अनलॉक भी कर सकता है.



आधार नंबर लॉक करने की ज़रूरत क्या है?

आधार नंबर आज हमारे लिए बेहद मायने रखता है.12 डिज़िट (अंकों) वाला यह नंबर हमारे मोबाइल सिम से लेकर बैंक अकाउंट तक पहुंच रखता है/इन सब से जुड़ा हुआ है.ऐसे में,हमारी पर्सनल जानकारी के साथ-साथ बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन (शारीरिक लक्षणों के प्रमाणीकरण) में इसके ग़लत इस्तेमाल होने की आशंका बनी रहती है.



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आधार के लिए बायोमेट्रिक प्रक्रिया 



ऐसे कई मामले आए हैं, जिनमें कथित रूप से आधार जानकारी लीक होने के दावे किए गए हैं.लोग अपने आधार की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं.यही कारण है कि आधार कार्ड ज़ारी करने वाले और उसके प्रबंधन के लिए ज़वाबदेह भारत सरकार के संस्थान यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण- UIDAI) ने आधार कार्ड को लॉक करने की सुविधा दी है.आधार कार्ड के इस फ़ीचर के ज़रिए हम अपना डाटा सुरक्षित रख सकते हैं.साथ,ही आधार कार्ड से धोखाधड़ी होने वाली घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी.



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आधार का लॉकिंग फ़ीचर (प्रतीकात्मक)


यह फ़ीचर एक ताले की तरह काम करेगा, जिसे कोई भी बाहरी व्यक्ति अनलॉक नहीं कर सकेगा.आधार लॉक हो जाने के बाद हैकर भी हमारी मंज़ूरी के बिना आधार वेरिफिकेशन नहीं कर सकेंगें.



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हैकर (प्रतीकात्मक)


दूसरी तरफ़, आधार धारक 16-अंकीय आधार वर्चुअल आईडी जिसे ई-आधार या वीआईडी भी कहा जाता है,उसका इस्तेमाल कर ई-केवाईसी यानि इलेक्ट्रॉनिक तरीक़े से किए जाने वाले केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर सकता है.

मगर ध्यान रहे, सत्यापन सेवाओं के लिए हम आधार नंबर का सिर्फ़ तभी इस्तेमाल कर सकते हैं जब उसे (आधार नंबर) अनलॉक करेंगें.इसलिए सबसे पहले अपनी वर्चुअल आईडी ज़ेनरेट करना ज़रूरी है क्योंकि वर्चुअल आईडी के बिना आधार नंबर को न तो लॉक किया जा सकता है और न ही अनलॉक.यानि लॉक अनलॉक की इस प्रक्रिया में वर्चुअल आईडी का अहम रोल है और इसके बिना आधार संबंधी सुरक्षा का उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता.



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वर्चुअल आईडी (प्रतीकात्मक)



यूआईडीएआई ने ऐसी सहूलियत दी है कि आधार धारक जब भी चाहे अपने आधार नंबर को लॉक या अनलॉक या फ़िर अक्षम (डीएक्टिवेट यानि लॉक को निष्क्रिय करना/हटाना ) कर सकता है.



कैसे करते हैं आधार नंबर लॉक अनलॉक?


आधार नंबर को लॉक और अनलॉक करने के दो तरीक़े है.

1. यूआईडीएआई (UIDAI) की वेबसाइट के ज़रिए

2. 1947 नंबर पर यूआईडीएआई को मैसेज़ ( एसएमएस) भेजकर



1. यूआईडीएआई की वेबसाइट के ज़रिए आधार नंबर की लॉक अनलॉक प्रक्रिया

यूआईडीएआई की वेबसाइट के ज़रिए आधार नंबर लॉक और अनलॉक करने के लिए निम्नलिखित तरीक़ा अपनाएं.



आधार नंबर लॉक करने के लिए

1. सबसे पहले www.uidai.gov.in पर जाएं
2. अब ऊपर माई आधार (मेरा आधार) पर क्लिक करें और फ़िर आधार सेवाएं (आधार सर्विसेज़) वाले हिस्से में जाकर वहां आधार लॉक/अनलॉक पर क्लिक करें



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आधार पोर्टल पर ‘माई आधार’ (प्रतीकात्मक) 


3. लॉक यूआईडी (Lock UID) पर क्लिक करेंगें और आप अगले सेक्शन में पहुंच जाएंगें.यहां आप अपना आधार नंबर,नाम,पिन कोड और सुरक्षा कोड (कैप्चा) आदि दर्ज़ करेंगें.



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लॉक यूआईडी सेक्शन  


4. अब Send OTP (सेंड ओटीपी) पर क्लिक करें.आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक मैसेज़ के ज़रिए ओटीपी मिलेगा, जो 10 मिनट के मान्य होगा.
5. यह OTP दर्ज़ कर Submit (सबमिट) पर क्लिक कर दें.
अब आपका आधार नंबर लॉक हो जाएगा.



आधार नंबर अनलॉक करने के लिए

1. सबसे पहले www.uidai.gov.in पर जाएं
2. ऊपर माई आधार पर क्लिक करें.फ़िर, आधार सेवाएं (Aadhaar Services) वाले हिस्से में पहुंचकर वहां आधार लॉक/अनलॉक पर क्लिक करें
3. अनलॉक यूआईडी (Unlock UID) पर क्लिक करेंगें और आप अगले सेक्शन में पहुंच जाएंगें.यहां आप पहले से तैयार (ज़ेनरेट की हुई) अपनी 16-अंकीय वर्चुअल आईडी और सुरक्षा कोड (कैप्चा) दर्ज़ करें



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अनलॉक यूआईडी सेक्शन  

4. Send OTP (सेंड ओटीपी) पर क्लिक करें.आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक मैसेज़ के ज़रिए ओटीपी मिलेगा, जो 10 मिनट के लिए मान्य होगा.
5. OTP दर्ज़ करें और Submit बटन पर क्लिक कर दें
अब आपका आधार नंबर अनलॉक हो जाएगा.



एसएमएस द्वारा आधार नंबर की लॉक अनलॉक प्रक्रिया

यह एक ऑफलाइन प्रक्रिया है.इसके तहत बिना इंटरनेट इस्तेमाल किए अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर से एसएमएस भेजकर अपना आधार नंबर लॉक/अनलॉक कर सकते हैं.



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एसएमएस द्वारा आधार लॉकिंग 



1947 नंबर पर यूआईडीएआई को मैसेज़ (एसएमएस) भेजकर अपना आधार लॉक/अनलॉक करने के लिए ये निम्नलिखित तरीक़ा अपनाएं.


आधार नंबर लॉक करने के लिए

1. अपने रज़िस्टर्ड मोबाइल नंबर से OTP के लिए 1947 नंबर पर इस तरह का मैसेज़ भेजें-
GETOTPआधार नंबर के अंतिम चार डिज़िट (अंक)
2. यूआईडीएआई की तरफ़ से एक मैसेज़ के रूप में 6 डिज़िट का ओटीपी आपको मिलेगा
3. अब आपको एक और मैसेज़ इस प्रकार का भेजना होगा-
LOCKUIDआधार नंबर के अंतिम चार डिज़िट6 डिज़िट का ओटीपी नंबर
ये मैसेज़ भेजने के बाद यूआईडीएआई की ओर से आपका आधार नंबर लॉक कर दिया जाएगा.इस बाबत आपको आपके द्वारा किए गए अनुरोध की पुष्टि करता एक मैसेज़ (कन्फर्मेशन मैसेज़) भी मिलेगा.



आधार नंबर अनलॉक करने के लिए

1. अपने रज़िस्टर्ड मोबाइल नंबर से OTP के लिए 1947 नंबर पर इस तरह का मैसेज़ भेजें-
GETOTPवर्चुअल आईडी नंबर के अंतिम छह डिज़िट (अंक)
2. यूआईडीएआई की तरफ़ से एक मैसेज़ के रूप में आपको 6 डिज़िट का OTP मिलेगा
3. अब आपको एक और मैसेज़ इस प्रकार का भेजना होगा-
UNLOCKUIDवर्चुअल आईडी के अंतिम छह डिज़िट6 डिज़िट का OTP नंबर
इस मैसेज़ के बाद यूआईडीएआई आपका आधार नंबर अनलॉक कर देगा.इस बाबत आपको आपके द्वारा किए गए अनुरोध की पुष्टि करता एक मैसेज़ (कन्फर्मेशन मैसेज़) भी मिलेगा.




आधार बायोमेट्रिक लॉक से जुड़ी ख़ास बातें

1. आधार में समाहित व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम,पते और बायोमेट्रिक (शारीरिक लक्षणों जैसे अंगूठे,उंगलियों के निशान,आवाज़,नसों आदि की छाप) को सुरक्षित करने के उद्देश्य से उसे लॉक किया जाता है.

2. आधार नंबर लॉक करने के बाद उसे प्रमाणीकरण के लिए तब तक उपयोग नहीं किया जा सकता जब तक उसे अनलॉक या डीएक्टिवेट (अक्षम) नहीं कर दिया जाता.

3. एक बार बायोमेट्रिक लॉक होने के बाद उसे अस्थाई रूप में ही अनलॉक किया जा सकता है.ऐसे में,अपने उपयोग के लिए (वेरिफिकेशन के उद्देश्य से) जब हम उसे अनलॉक करते हैं तो उस दौरान हमें जो ओटीपी मिलता है वह सिर्फ़ 10 मिनट के लिए ही मान्य होता है.इसके बाद वह (ओटीपी) अमान्य हो जाता है क्योंकि तब तक (10 मिनट बाद) हमारा बायोमेट्रिक भी ऑटोमेटिक रूप में (अपने आप) लॉक हो चुका होता है.

4. अगर हम अपने बायोमेट्रिक लॉक नहीं रखना चाहते हैं तो उसे डीएक्टिवेट (अक्षम) कर सकते हैं.

5. बायोमेट्रिक एक बार डीएक्टिवेट होने के बाद उसे अनलॉक करने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि इस स्थिति में बायोमेट्रिक का लॉक निष्क्रिय होने के कारण वह अनलॉक अवस्था में (ओपन यानि खुला) ही रहता है.ऐसे में, अपनी जानकारी को फ़िर से सुरक्षित करने के लिए हमें बायोमेट्रिक फ़िर से लॉक करना होता है.

6. लॉक अनलॉक प्रक्रिया के दौरान यूआईडीएआई की तरफ़ से भेजा जाने वाला ओटीपी हमारे मोबाइल नंबर पर आता है.लेकिन यह तभी संभव जब हमारा मोबाइल नंबर आधार के साथ जुड़ा/पंजीकृत (रज़िस्टर्ड) हो.इसलिए इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले अपने मोबाइल नंबर को अपने आधार के साथ जोड़ना ज़रूरी है.ऐसा यूआईडीएआई के पोर्टल पर जाकर बड़ी आसानी से किया जा सकता है.यह निःशुल्क है.



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आधार के साथ मोबाइल नंबर का पंजीकरण (प्रतीकात्मक)

    

7. अपने बायोमेट्रिक को लॉक,अनलॉक या अक्षम करना बहुत आसान और निःशुल्क (कोई ख़र्च नहीं) है.   
                                                                   
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