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चुनाव

लोकसभा चुनाव 2019


2019 का लोकसभा चुनाव देशभर में पिछले 11 अप्रैल से लेकर 19 मई के बीच सात चरणों में आयोजित हुआ.दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की सत्रहवीं लोकसभा के गठन के लिए संपन्न ये आम चुनाव दुनिया का सबसे महंगा चुनाव था जिसमें हिमालय की तराई से लेकर दक्षिण के समुद्री तट तक करोड़ों लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.देश का वर्तमान बदलने और भविष्य की पटकथा लिखने वाला ये महापर्व दरअसल,पिछले प्रयोग से भी बड़ा अथवा एक महाप्रयोग था.

मोदी नाम केवलम, ऐतिहासिक जीत, रसातल में कांग्रेस
लोकसभा चुनाव देश का महापर्व 
जैसा कि हम जानते हैं कि चुनाव को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण घटकों में से सबसे महत्वपूर्ण घटक मतदाता होता है जो राजनीतिक दलों (उनके उम्मीदवारों) के भविष्य का निर्धारण करता है.यहाँ राजनीतिक दलों के उम्मीदवार यदि दूल्हे हैं तो मतदाता उनके बाराती.इसलिए लोकतंत्र (भीड़तंत्र) रुपी इस वैवाहिक समारोह में सेहरा उसी दूल्हे के सिर सजता है जो सबसे ज़्यादा बाराती इकट्ठे कर पाता है जबकि बाक़ी दूल्हे वैसे ही लौट जाते हैं जैसे बैरंग चिट्ठी.ऐसे में 2019 के चुनाव में मतदाताओं की स्थिति और नतीजों के मद्देनज़र राजनीतिक दलों के प्रदर्शन की चर्चा आवश्यक हो जाती है.

कुल योग्य मतदाता 

2019 के लोकसभा चुनाव में इसके 542 उम्मीदवारों की क़िस्मत का फ़ैसला करने वाले मतदाताओं की कुल संख्या क़रीब 90 करोड़ (91 करोड़ 10 लाख) थी जबकि साल 2014 के चुनाव में योग्य मतदाताओं की कुल संख्या सिर्फ़ 81.5 करोड़ थी.दरअसल,2014 की तुलना में इस बार मतदाता सूची में 8.5 करोड़ नए नाम जुड़े.1.5 करोड़ ऐसे मतदाता जुड़े जिनकी उम्र 18-19 साल थी.पुरुष व महिलाओं के अलावा 38,325 मतदाता ट्रांसजेंडर भी थे जिन्हे सुप्रीम कोर्ट(transgender people to identify as a third gender ) ने मान्यता दी थी.71,735 विदेशी मतदाता भी मतदाता सूची में शामिल किए गए.
  

 लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अंतिम मतदाता सूची
क्र. मतदाता समूह मतदाता जनसंख्या
1 पुरुष 46.8 करोड़
2 महिला 43.2 करोड़
3 तृतीय लिंग 38,325
कुल मतदाता 90 करोड़

कुल मतदान  

जैसा कि हम जानते हैं कि जनतंत्र की सफलता जनता की पूर्ण सहभागिता पर निर्भर करती है.इस दिशा में प्रयास भी चल रहे हैं लेकिन जागरूकता के अभाव और राजनीतिक दलों की नाक़ामियों के चलते आज भी समग्र जनता के मन में चुनाव के प्रति सकारात्मक भाव देखने को नहीं मिलते और इसी कारण मतदान प्रतिशत में भी कमी दिखाई देती है.हालांकि 2014 के बाद परिस्थितियां बदली हैं और मतदान में भी इज़ाफ़ा हुआ है.आंकड़ों पर नज़र डालें तो 2009 में जहाँ कुल 71 करोड़ 40 लाख योग्य मतदाताओं में से 40 करोड़ 67 लाख 65 हज़ार 800 यानि 56.97% लोगों ने वोट डाले थे वही 2014 में 81 करोड़ 45 लाख कुल योग्य मतदाताओं में से 54 करोड़ 8 लाख 28 हज़ार यानि 66.40% लोगों ने मतदान किया.ये आंकड़ा 2019 में भी बढ़ा.इस बार 91 करोड़ 10 लाख़ कुल योग्य मतदाताओं में से 61 करोड़ 3 लाख 70 हज़ार यानि क़रीब 67 % लोगों ने मतदान किया. 
       
 लोकसभा चुनाव            कुल योग्य मतदाता      मतदाताओं ने मतदान किए      मत प्रतिशत  


         2009                        71,40,00000                40,67,65,800                        56.97%   
        
         2014                        81,45,00000                54,8,28,000                          66.40%  

       2019                        91,10,00000                61,3,70,000                           67% 


महिलाओं में बढ़ी रूचि 

मतदान के आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं में मतदान के प्रति रुचि बढ़ी है.2014 की तुलना में इस बार 4.1 करोड़ अधिक महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.साथ ही,पुरुषों और महिलाओं के बीच मतदान का अंतर 2009 से लगातार कम हुआ है.साल 2009 में यह अंतर 9% था,जो 2014 में 1.46% तथा 2019 में सिर्फ़ 0.4% रह गया है.

मोदी नाम केवलम, ऐतिहासिक जीत, रसातल में कांग्रेस
2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान के लिए उमड़ी महिलाओं की भीड़ 
          

चुनाव परिणाम 

चुनाव से पहले विपक्ष के महागठबंधन और यूपी में सपा-बसपा-गठबंधन के स्वरूप को देखकर तरह-तरह के क़यास लगाए जा रहे थे और असमंजस की स्थिति बनी हुई थी मगर चुनाव परिणाम ने ना सिर्फ़ विपक्ष की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया बल्कि चौंकाते हुए भारतीय राजनीति की बिल्कुल एक नई तस्वीर पेश की.मतदाताओं ने प्रचंड बहुमत के साथ देश की बागडोर फ़िर नरेंद्र मोदी को सौंप दी.भाजपा ने इस बार 2014 से भी बड़ी और ऐतिहासिक जीत दर्ज़ की.भाजपा ने 37.36% मत हासिल कर 303 सीटें जीत ली.यहाँ भाजपा नीत एनडीए की सम्मिलित सीटें 353 थीं तथा कुल प्राप्त मतों का प्रतिशत 45 % आँका गया.मोदी-अमित शाह की जोड़ी ने एक बार फ़िर क़माल कर दिखाया. 

मोदी नाम केवलम, ऐतिहासिक जीत, रसातल में कांग्रेस
अप्रत्यशित जीत पर उमड़े जनसैलाब का अभिवादन करती मोदी-शाह की जोड़ी 

मोदी सब पर भारी 

उल्लेखनीय है कि भाजपा 10 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सारी सीटें जीत गई.यूपी में सपा-बसपा-गठबन्धन को ही ध्वस्त नहीं किया बल्कि पश्चिम बंगाल में 18 सीटें जीतकर ममता बनर्जी के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई.आज़ादी के बाद यह सिर्फ़ दूसरी बार है जब मतदाताओं ने एक ही दल को लगातार दूसरी बार,पहले से अधिक मत से जिताया हो.अगर पूरे देश की बात करें भाजपा का मत प्रतिशत 41% हो गया जो साल 2014 के 31% से 10% अधिक है.दूसरी ओर,कांग्रेस 19.5% मत हासिल कर 52 सीटों पर ही सिमट गई और इस बार भी उसे ‘नेता प्रतिपक्ष’ का पद नहीं मिल पाया.कांग्रेस नीत यूपीए की सम्मिलित सीटें 92 थीं तथा अन्य दलों व उनके गठबंधन को 98 सीटें प्राप्त हुईं.इस चुनाव में गाँधी परिवार,सिंधिया परिवार,मुलायम परिवार,लालू परिवार,चौधरी चरण सिंह परिवार,हुड्डा परिवार,चौटाला परिवार और देवेगौड़ा आदि परिवारों की चूलें हिल चुकी हैं और वंशवाद विनाश की क़गार पर पहुंचा हुआ दिखाई दे रहा है.तुष्टिकरण की जगह अब राष्ट्रवाद हावी है.

मोदी नाम केवलम, ऐतिहासिक जीत, रसातल में कांग्रेस
मोदी सब पर भारी : मोदी बनाम समूचा विपक्ष 

बदले हालात तो यही कहते हैं कि किसी की आँखें उसके नाना की आँखों से मिलती हैं या फ़िर किसी की नाक़ उसकी दादी की नाक़ जैसी नज़र आती है,इसे योग्यता का प्रमाणपत्र समझ भारतीय जनता नेतृत्व सौंपने के मूड में बिल्कुल भी दिखाई नहीं देती.अकर्मण्य अब स्वीकार नहीं.      

भाजपा बनाम कांग्रेस          

ग़ौरतलब है कि भाजपा को जहाँ 2014 में कुल 17,16,60,230 मत प्राप्त हुए थे वहीं 2019 में 5,74,18,031 मतों का इज़ाफ़ा हुआ और कुल प्राप्त मतों की संख्या 22,90,78,261 हो गई.दूसरी ओर,कांग्रेस के 2014 में प्राप्त कुल 10,69,35,942 मतों में महज़ 1,25,58,010 मत ही 2019 में जुड़ पाए और इस कारण इनके द्वारा हासिल कुल मतों की संख्या 11,94,94,952 तक ही सिमटकर रह गई.

मोदी नाम केवलम, ऐतिहासिक जीत, रसातल में कांग्रेस
 भाजपा और कांग्रेस के प्राप्त मतों के तुलनात्मक आंकड़े 

सर्वदलीय आंकड़े    

उल्लेखनीय है कि भाजपा व कांग्रेस के अलावा अन्य दलों और उनके गठबंधन ने भी इस चुनाव में भूमिका निभाई तथा मत प्राप्त किए इसलिए उनके प्रदर्शन को भी दरक़िनार नहीं किया जा सकता.ऐसे में पेश हैं,चुनाव में उतरे विभिन्न दलों के विस्तृत एवं सर्वदलीय आंकड़े…
       

दल/गठबंधन   मत  % सीटें  +/–
राष्ट्रिय जनतांत्रिक गठबंधन  भाजपा  229,076,879 37.36 303 Increase21
शिव सेना  12,858,904 2.10 18 Steady
जनता दल (यू ) 8,926,679 1.46 16 Increase 14
एआईएडीएमके      7,830,146 1.28 1 Decrease 36
शिरोमणि अकाली दल  3,778,574 0.62 2 Decrease 2
लोक जनशक्ति पार्टी  3,206,979 0.52 6 Steady
अपना दल (सोनेलाल ) 1,039,478 0.17 2 Steady
राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी  660,051 0.11 1 Increase 1
ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन  648,277 0.11 1 Increase 1
नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी  500,510 0.08 1 Increase 1
नेशनल पीपल्स पार्टी  425,986 0.07 1 Steady
मिज़ो नेशनल फ्रंट  224,286 0.04 1 Increase 1
कुल  269,176,749 43.92 353 Increase 17
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस  119,495,214 19.49 52 Increase 8
डीएमके  13,877,992 2.26 23 Increase 23
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  8,500,331 1.39 5 Decrease 1
जनता दल (एस ) 3,457,107 0.56 1 Decrease 1
झारखंड मुक्ति मोर्चा  1,901,976 0.31 1 Decrease 1
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग  1,592,467 0.26 3 Increase 1
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी  709,685 0.12 1 Steady
केरल कांग्रेस (एम) 421,046 0.07 1 Steady
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस  280,356 0.05 3 Increase 3
विदुथलई चिरुथइगल काची  507,643 0.08 1 Increase 1
कुल  150,743,817 24.59 91 Increase 31
महागठबंधन  महागठबंधन  बहुजन समाज पार्टी  22,246,501 3.63 10 Increase 10
समाजवादी पार्टी  15,647,206 2.55 5 Steady
वाम मोर्चा  भाकपा (मार्क्सवादी) 10,744,908 1.75 3 Decrease 6
भाकपा (लेनिनवादी ) 3,576,184 0.58 2 Increase 1
सर्वभारतीय तृणमूल कांग्रेस  24,929,330 4.07 22 Decrease 14
युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी  15,537,006 2.53 22 Increase 13
तेलुगु देशम पार्टी  12,515,345 2.04 3 Decrease 13
बीजू जनता दल  10,174,021 1.66 12 Decrease 8
तेलंगाना राष्ट्र समिति  7,696,848 1.26 9 Decrease 2
राष्ट्रीय जनता दल  6,632,247 1.08 0
वंचित बहुजन अगाड़ी  3,743,560 0.61 0
आम आदमी पार्टी  2,716,629 0.44 1 Decrease 3
पित्तली मक्कल काची  2,297,431 0.37 0
जन सेना पार्टी  1,915,127 0.31 0
नाम तमिलर काची  1,668,079 0.27 0
मक्कल निधि मलम  1,613,708 0.26 0
असम गण परिषद  1,480,697 0.24 0
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी  1,462,518 0.24 0
राष्ट्रीय लोक दल  1,447,363 0.24 0
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट  1,402,088 0.23 1 Decrease 2
एआईएमआईएम   1,201,542 0.20 2 Increase 1
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) 956,501 0.16 0
डीएमडीके  929,590 0.15 0
स्वाभिमानी पक्ष  834,380 0.14 0
झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) 750,799 0.12 0
भाकपा (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन) 711,715 0.12 0
विकासशील इंसान पार्टी  660,706 0.11 0
जननायक जनता पार्टी  619,970 0.10 0
भारतीय ट्राइबल पार्टी  539,319 0.09 0
बहुजन विकास अगाड़ी  491,596 0.08 0
लोक इंसाफ़ पार्टी  469,784 0.08 0
बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट  446,774 0.07 0
यूनिटेड पीपल्स पार्टी लिबरल  416,305 0.07 0
बहुजन मुक्ति पार्टी  405,949 0.07 0
सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ़ इंडिया (कम्यूनिस्ट) 403,835 0.07 0
अम्बेडकरीते पार्टी ऑफ़ इंडिया  381,070 0.06 0
भारत धर्म जन सेना  380,847 0.06 0
नागा पीपल्स फ्रंट  363,527 0.06 1 Steady
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) 344,546 0.06 0
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक  322,507 0.05 0
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी  313,925 0.05 0
पंजाब एकता पार्टी  296,620 0.05 0
महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष  281,578 0.05 0
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी  267,256 0.04 0
ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस  247,956 0.04 0
इंडियन नेशनल लोक दल  240,258 0.04 0
तमिल मनिला कांग्रेस (मूपनार) 220,849 0.04 0
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी  210,088 0.03 0
जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) 203,369 0.03 0
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया  169,680 0.03 0
सिक्किम क्रन्तिकारी मोर्चा  166,922 0.03 1 Increase 1
596 अन्य दल  6,548,947 1.07 0
निर्दलीय  16,467,341 2.69 4 Increase 1
नोटा  6,513,355 1.06
अमान्य/ख़ाली मत  509,530
कुल  613,656,298 100 542
पंजिकृत मतदाता/मत डाले  910,512,091 67.40
Source: ECI (totals) ECI (votes), ECIECIECI (seats)

इस तरह हम देखते हैं कि 2014 में जो राजनीतिक बयार चली थी,जिसे मोदी लहर का नाम दिया गया था,2019 में उसने और अधिक गति पकड़ी.फलस्वरूप,नए समीकरण बनते-बिगड़ते दिखाई दिए.इस चुनाव में कई मठाधीश धराशाई ही नहीं हुए वरन उनकी छतें भी सलामत नहीं बचीं.विपक्ष कहीं खो सा गया है और अब सरकार के विरोध के नाम पर देश निशाने पर है.मग़र पब्लिक सब जानती है.उसे बदलाव चाहिए और देश बदल रहा है……         

              ये कुछ बदलाव सा अच्छा लगा है,
              हमें  इक  दूसरा  अच्छा  लगा  है।
             वो सूरज जो मेरा दुश्मन था दिनभर,
             मुझे  ढलता  हुआ अच्छा लगा  है।      
                    

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