कानून और अदालत

भारत में कुंआरी लड़कियां विवाह के आश्वासन के बिना नहीं बनाती हैं शारीरिक संबंध- अदालत ने कहा

Don't miss out!
Subscribe To Newsletter
Receive top education news, lesson ideas, teaching tips and more!
Invalid email address
Give it a try. You can unsubscribe at any time.
– आपसी सहमति से संबंध बनाने की दलील खारिज़ करते हुए कोर्ट ने किया ज़मानत देने से इनकार
 
– कोर्ट ने साफ़ कहा कि कोई भी भारतीय अविवाहित लड़की सिर्फ़ मनोरंजन के लिए नहीं बनाती संबंध
 
–  कोर्ट ने नसीहत दी कि किसी लड़की से संबंध बनाने से पहले उसके परिणाम पर भी करना चाहिए विचार
 
 
 
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में आरोपी को ज़मानत देने से इनकार करते हुए कहा कि भारत की लड़कियां यौन संबंधों के लिए तैयार नहीं होती हैं जब तक उन्हें ‘विवाह का आश्वासन’ ना मिले. इस मामले में आरोपी की ओर से पेश दलील में कहा गया था कि यह आपसी सहमति से बने संबंध का मामला था.
 
 
 
 
शादी का आश्वासन,भारत की लड़कियां,ज़मानत याचिका ख़ारिज़
भारतीय समाज व सभ्यता (प्रतीकात्मक)
 
 
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में पेश यह मामला दरअसल, लव,सेक्स और धोखा का मामला बताया जाता है.
 
इसमें एक प्रेमी युवक पर आरोप है कि उसने अपनी प्रेमिका के साथ शादी करने का वादा कर उसके साथ यौन संबंध बनाए मगर बाद में वह मुकर गया. इससे दुखी होकर पीड़ित युवती ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी.
 
 
 
 
शादी का आश्वासन,भारत की लड़कियां,ज़मानत याचिका ख़ारिज़
लव,सेक्स और धोखा (सांकेतिक)
 
घटना की शिक़ायत के बाद उज्जैन पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ़ बलात्कार का मामला दर्ज कर उसे गिरफ़्तार कर स्थानीय अदालत में पेश किया जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
 
 
 
 
शादी का आश्वासन,भारत की लड़कियां,ज़मानत याचिका ख़ारिज़
क़ानून की गिरफ़्त (सांकेतिक)
 
 
हाई कोर्ट की इंदौर पीठ के जज सुबोध अभयंकर की अदालत में इस कथित बलात्कार मामले में न्यायिक हिरासत में रह रहे आरोपी युवक की ज़मानत याचिका पर सुनवाई थी.
 
आरोपी पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जज ने ज़मानत की अर्ज़ी खारिज़ करते हुए अपने आदेश में, सख्त़ और साफ़ लहज़े में कहा कि किसी लड़की के साथ यौन संबंध बनाने से पूर्व लड़के को उसके परिणामों पर भी विचार कर लेना चाहिए.
 
 
 

 

कोर्ट ने दी भारतीय समाज की मिसाल

कोर्ट ने शादी को लेकर वादाखिलाफ़ी और यौन संबंध के सन्दर्भ में भारतीय समाज की प्रकृति व सभ्यता की मिसाल की.
 
 
 
शादी का आश्वासन,भारत की लड़कियां,ज़मानत याचिका ख़ारिज़
विवाह संस्कार व यौन संबंध (प्रतीकात्मक)
 
जज सुबोध अभयंकर ने कहा –
 
 
” भारत का समाज रूढ़िवादी है, यह अब भी सभ्यता के ऐसे स्तर (अत्याधुनिक या निम्न) पर नहीं पहुंचा है, जहां किसी भी धर्म की अविवाहित लड़कियां, सिर्फ मनोरंजन के लिए संबंध नहीं बनाती हैं, जब तक कि कोई उनसे विवाह का वादा ना करे.
किसी भी लड़की के साथ यौन संबंध बनाने वाले लड़के को अपने क़दम का अंज़ाम भी सोचना चाहिए. “

 

 

 

लड़की ने की थी ख़ुदकुशी की कोशिश

उज्जैन पुलिस के अनुसार, आरोपी युवक पीड़ित युवती के साथ शादी का वादा कर पिछले साल से उसके बलात्कार करता रहा.
 
बाद में उससे शादी से इनकार कर उसने संबंध तोड़ लिए और कहा कि वह किसी और से शादी कर रहा है.
 
पीडिता उसकी इस वादाखिलाफ़ी का ग़म बर्दाश्त नहीं कर सकी.उसने फिनाइल पीकर ज़ान देने की कोशिश की थी.
 
 
 
 
शादी का आश्वासन,भारत की लड़कियां,ज़मानत याचिका ख़ारिज़
फिनाइल (ज़हर)

 

 
दूसरी तरफ, आरोपी युवक की ओर अदालत में कहा गया कि दोनों के माता-पिता इस शादी के लिए राज़ी नहीं थे क्योंकि लड़का हिन्दू है और लड़की मुसलमान.दोनों के बीच पिछले दो साल से प्रेम संबंध था.
 
लड़की की उम्र 21 साल है और दोनों की रज़ामंदी से यौन संबंध बने.
 
          

सच के लिए सहयोग करें


कई समाचार पत्र-पत्रिकाएं जो पक्षपाती हैं और झूठ फैलाती है, साधन-संपन्न हैं। इन्हें देश-विदेश से ढेर सारा धन मिलता है। इनसे संघर्ष में हमारा साथ दें। यथासंभव सहयोग करें

रामाशंकर पांडेय

दुनिया में बहुत कुछ ऐसा है, जो दिखता तो कुछ और है पर, हक़ीक़त में वह होता कुछ और ही है.इस कारण कहा गया है कि चमकने वाली हर चीज़ सोना नहीं होती है.इसलिए, हमारा यह दायित्व बनता है कि हम लोगों तक सही जानकारी पहुंचाएं.वह चाहे समाज, संस्कृति, राजनीति, इतिहास, धर्म, पंथ, विज्ञान या ज्ञान की अन्य कोई बात हो, उसके बारे में एक माध्यम का पूर्वाग्रह रहित और निष्पक्ष होना ज़रूरी है.khulizuban.com का प्रयास इसी दिशा में एक क़दम है.

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button
Subscribe for notification